त्सो कार झील को अंतरराष्ट्रीय रामसर सूची में शामिल - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

त्सो कार झील को अंतरराष्ट्रीय रामसर सूची में शामिल

 

लद्दाख की त्सो कार झील को अंतरराष्ट्रीय रामसर सूची में शामिल किया गया है।


  • इसके साथ ही देश में रामसर क्षेत्रों की संख्या 42 हो गई है।
  • रामसर सूची में अंतरराष्ट्रीय महत्व के जल क्षेत्रों को शामिल किया जाता है जिनका संरक्षण उस जल क्षेत्र पर आश्रित पक्षियों और अन्य जीवों के लिए अनिवार्य समझा जाता है।


पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस पर प्रसन्नता जाहिर करते हुये कहा कि लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में बेहद ऊंचाई पर स्थित जल क्षेत्र परिसर को अंतरराष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिला है। इस परिसर में दो झील हैं जो आपस में जुड़ी हुई हैं। एक मीठे पानी की स्तार्तसापुक त्सो झील और दूसरी अत्यंत खारे पानी की त्सो कार झील है। स्थानीय भाषा में त्सोका मतलब झील होता है। त्सो कार क्षेत्र अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित जलीय क्षेत्र है।

स्तार्तसापुक त्सो 438 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इसके उत्तर में त्सो कार है जो 1,800 हेक्टेयर में है।

त्सो कारका मतलब होता है, सफेद झील। झील के किनारों पर नमक की सफेद परत रहने के कारण इसे यह नाम मिला है। त्सो कार क्षेत्र को बर्ड लाइफ इंटरनेशनल ने ए1 श्रेणी का महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र घोषित किया है। यह मध्य एशिया पक्षी मार्ग का हिस्सा है। यहां काली गर्दन वाले क्रेन समेत बड़ी संख्या में पक्षी पाये जाते हैं।

 


भारत के रामसर स्थलों की संख्या वर्तमान में 

अब  रामसर क्षेत्रों की संख्या 42 हो गई है।