देशव्यापी बंद के दौरान क्या बंद क्या चालू ,बन्द को किन किन पार्टियों का समर्थन जानिए सबकुछ - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 8 दिसंबर 2020

देशव्यापी बंद के दौरान क्या बंद क्या चालू ,बन्द को किन किन पार्टियों का समर्थन जानिए सबकुछ

 

केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में आज किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है। भारत बंद के तहत सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा। देश के लगभग दो दर्जन राजनीतिक दलों ने इस बंद का समर्थन किया है, साथ ही कई यूनियन भी किसानों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं।



किसान संगठनों के नेता नये कानून को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।  केंद्र ने नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है। लेकिन, उससे पहले मंगलवार को किसानों की तरफ से भारत बंद बुलाया गया है। किसानों ने कहा है कि मंगलवार को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद रहेगा। साथ ही राजनीतिक दलों को हिदायत दी गई है कि  प्रदर्शन के दौरान बैनर और झंडे न लाएं। वहीं, बंद को कांग्रेस समेत देशभर के 24 राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है। इस बीच, देशव्यापी बंद को देखते हुए केन्द्र सरकार की तरफ से राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की गई है।


महाराष्ट्र में रेल रोकी


महाराष्ट्र में स्वाभिमानी शेतकारी संगठन ने भारत बंद के तहत रेल रोककर विरोध जताया। इस दौरान बुलढाणा के मलकापुर में आज एक ट्रेन को रोक दिया।  बाद में उन्हें पुलिस ने पटरियों से हटा दिया और हिरासत में ले लिया।


इन दलों ने दिया समर्थन


1.कांग्रेस 2.माकपा 3.डीएमके 4.सीपीआई 5.राजद 6.एनसीपी 7.जेएमएम 8.सपा  9. शिवसेना 10.अकाली दल 11.भाकपा-माले 12. गुपकार गठबंधन 13.टीएमसी 14.टीआरएस 15.एआईएमआईएम 16. आम आदमी पार्टी 17. पीडब्ल्यूपी 18. बीवीए 19. आरएसपी 20. एफबी 21. एसयूसीआई (सी) 22. स्वराज इंडिया 23.जेडीएस 24. बसपा


कई राज्य सरकारों का समर्थन


किसानों के बंद को अब तक कई राज्य सरकारों का समर्थन मिल गया है। इनमें दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, केरल और महाराष्ट्र सरकार शामिल हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है, लेकिन भारत बंद को समर्थन नहीं दिया है।


चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक


दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा- भारत बंद कल पूरे दिन रहेगा। चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक रहेगा। यह शांतिपूर्ण बंद होगा। हम इस पर अड़े हैं कि किसी भी राजनीति दलों के नेताओं को अपने मंच की इजाजत नहीं देंगे। एक अन्य किसान नेता निर्भय सिंह ने कहा- हमारा प्रदर्शन पंजाब तक ही सीमित नहीं होगा। दुनियाभर से यहां तक की कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो हमारा समर्थन कर रहे हैं।


भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने कहा, 'विरोध करते हम यह दिखाना चाहते हैं कि हम सरकार की कुछ नीतियों को समर्थन नहीं करते हैं।' यूनियन ने कहा है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण है और इसी तरह जारी रहेगा.भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर संह लखोवाल ने इससे पहले कहा था कि किसान यूनियनों के सदस्‍य नेशनल हाईवे को ब्‍लॉक करेंगे और टो प्‍लाजा पर 'कब्‍जा' करेंगे।


सप्लाई ट्रक की आवाजाही हो सकती है प्रभावित


राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर सहित उत्तर भारत में सप्लाई ट्रक की आवाजाही प्रभावित हो सकती है, क्योंकि कम से कम 51 ट्रेड और ट्रांसपोर्ट यूनियन किसानों के समर्थन में सामने आए हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और उत्तरपूर्वी राज्यों त्रिपुरा और असम के अलावा अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन की संभावना है। बैंकिंग परिचालन प्रभावित होने की आशंका है क्योंकि कई बैंक यूनियनों ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की है।


लुधियाना से प्रधान पंजाब ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान चरणजीत सिंह लोहारा ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को चक्का जाम करने का फैसला किया है। परिवहन संघ, ट्रक यूनियन, टेंपो यूनियन सभी ने बंद को सफल बनाने का फैसला किया है। यह बंद पूरे भारत में होगा।


दिल्ली के यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि शहर के कुछ ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने 'भारत बंद' में शामिल होने का फैसला किया है। हालांकि, कई अन्य यूनियनों ने किसानों की मांग के समर्थन के बावजूद सामान्य सेवा जारी रखने का फैसला किया है।


भारत बंद में इमरजेंसी सेवाएं रहेंगी जारी


स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के अनुसार, मंगलवार के भारत बंद में इमरजेंसी सेवाएं, शादी, एम्बुलेंस पर कोई रोक नहीं होगी। दूध, फल, सब्ज़ी आदि जैसी ज़रूरी चीजों को किसान अपनी तरफ़ से सप्लाई नहीं करेंगे, लेकिन यदि कोई ले जाना चाहेगा तो कोई रोक नहीं होगी।


किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने रविवार को कहा था,‘‘यह आंदोलन केवल पंजाब के किसानों का नहीं बल्कि पूरे देश का है। हम अपने आंदोलन को मजबूत बनाने जा रहे हैं और यह पहले ही पूरे देश में फैल चुका है.चूंकि, सरकार हमसे उपयुक्त ढंग से नहीं निपटने में समर्थ नहीं रही है इसलिए हमने भारत बंद का आह्वान किया है।''


सिंघु बॉर्डर पर इकट्ठा हुए किसानों ने कहा, 'सरकार को हमारी समस्याएं सुनने और कानून में कमियां देखने में सात महीने लग गए।' किसान पिछले हफ्ते बुधवार से यहां बैठे हुए हैं और वो कृषि कानून वापस लिए जाने तक यहां बैठने को तैयार हैं।