आयोग को वैधानिक निकाय का दर्जा देने और इसके
अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका
दायर की गयी है।
भारतीय जनता पार्टी नेता एवं पेशे से वकील
अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर इस याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, न्याय सचिव और विधि आयोग को पक्षकार
बनाया गया है।
उन्होंने एक माह के भीतर केंद्र सरकार को 22वें
विधि आयोग के गठन का निर्देश देने की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि 31 अगस्त 2018 को
21वें विधि आयोग का कार्यकाल पूरा हो गया था, यानी एक अगस्त 2018 से अब तक न तो निवर्तमान आयोग को कार्य विस्तार
मिला न ही नये आयोग की नियुक्ति हुई।
याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत केंद्र
को एक माह के भीतर 22वें विधि आयोग का गठन करने का निर्देश दे और यदि सरकार नहीं
करती तो न्यायालय संविधान और बुनियादी अधिकारों के संरक्षक की भूमिका में अपनी
विशिष्ट शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए खुद ही नियुक्ति कर दे।