कोईलवर पुल बिहार में सोन नदी
Koilwar Bridge Important Fact
- पुल के निर्माण पर 266 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
- मौजूदा दो लेन वाला पुल है, वह 138 वर्ष पुराना है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग-922 और राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर यातायात में काफी सुविधा हो जाएगी
- यह पुल बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच आवागमन का एक प्रमुख मार्ग है
इस अवसर परश्री गडकरी ने यह घोषणा की कि बिहार
के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और स्थानीय सांसद श्री राजीव प्रताप रूड़ी ने
जैसा प्रस्ताव किया था, उसी के अनुसार मंत्रालय ने भरौली
(बक्सर) से हैदरिया तक चार लेन वाली एलिवेटेड सड़क के निर्माण की मंजूरी दी है, ताकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
कोकनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा सके। इस 17 किलोमीटर लंबी लिंक रोड के लिए डीपीआर
अगले वर्ष जून तक तैयार कर ली जाएगी। मंत्रालय ने 70 किलोमीटर लंबी मोकामा-मुंगेर
रोड़ के चौड़ीकरण की भी मंजूरी दी है, जिसके लिए डीपीआर अगले साल अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। इसी तरह, मुजफ्फपुर-बरौनी सड़क के चौड़ीकरण का
काम भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। खगड़िया-पूर्णिया सड़क (एनएच-31) को चार लेन की
करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है और इसकी डीपीआर आगामी अप्रैल तक तैयार हो
जाएगी। मुज़फ़्फ़रपुर-सीतामढ़ी-सोनवर्षा सड़क (एनएच-77), जो रामजानकी मार्ग का हिस्सा है, उसे चार लेन का करने से, जनकपुर धाम (नेपाल) की यात्रा आसान हो
जाएगी। इस सड़क की डीपीआर भी अगले साल मई तक तैयार हो जाएगी।
श्री गड़करी ने बिहार में सड़क नेटवर्क के
विकास के लिए केन्द्रीय मंत्री श्री आर. के. सिंह द्वारा भेजे गए प्रस्तावों का भी
उल्लेख किया। उन्होंने कहा किश्री आर.के.सिंह के सुझावों को ध्यान में रखते हुए, सासाराम-आरा-पटना ग्रीनफील्ड परियोजना
के लिए एक नई योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि आरा रिंगरोड का90 प्रतिशत
कार्य इन मौजूदा तीन परियोजनाओं के अंतर्गत आएगा। केन्द्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री
आर. के. सिंह ने इस पुल के उद्घाटन पर प्रसन्नता जाहिरकरते हुए प्रधानमंत्री और
सड़क परिवहनऔर राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को बिहार के आरा क्षेत्र में सड़क
और राजमार्ग की कायाकल्प करने के लिएधन्यवाद दिया। उन्होंने श्री गड़करी से
पटना-आरा-सासाराम ग्रीनफील्ड परियोजना को पटना आरा-बक्सर रोड से जोड़कर आरा के लिए
रिंग रोड का निर्माण करने की मंजूरी देने का भी अनुरोध किया।
श्री गडकरी ने बताया कि बिहार में 30,000 करोड़
रुपये की लागत वाले सड़क निर्माण कार्य चल रहे हैं। भूमि अधिग्रहण केमुआवजे के लिए
4,600 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत1,459
किलोमीटर लंबी 24 परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें 875 किलोमीटर पर काम चल रहा है।
इसके तहत 125 किमी का टेंडर जारी किया जा चुका है और अगले मार्च तक 459किलोमीटर
लंबी परियोजनाओं के लिए भीटेंडर जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा किबिहार में
पिछले छह वर्षों में सीआरएफ कार्यों के लिए 2,097 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इस
राशि में से अभी तक 1281 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
श्री गड़करी ने बताया कि 1,478 करोड़ रुपये की
लागत से बनाए जा रहे7 किलोमीटर लंबे चार लेन के कोशी पुल का निर्माण कार्य वर्ष
2023 तक पूरा होने की संभावना है। 4 किमी लंबे और 1110 करोड़ रुपये की लागत वाले
विक्रमशिला पुल के निर्माण के लिए भी टेंडर जारी कर दिया गया है। इस पुल के वर्ष
2024 तक पूरा होने की संभावना है। इस सड़क परियोजना के 48 किमी के अंदर पड़ने वाले
बक्सर पुल का निर्माण कार्य अगले साल तक पूरा हो जाएगा। यह पुल 250 किलोमीटर का एक
वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगा, जिसकी
यात्रा में 6 से 8 घंटे का समय लगेगा। बिहार और झारखंड को जोड़ने वाले 6 किलोमीटर
लंबे साहिबगंज पुल के निर्माण पर 1900 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसका टेंडर जारी किया गया है। इस पुल
कानिर्माण सितंबर 2024 तक पूरा होने की संभावना है। पटना में गंगा नदी पर बकाया दो
लेन के पुल का निर्माण कार्य अगले साल तक पूरा हो जाएगा। इस 5.5किलोमीटर लंबे पुल
के पुनर्निर्माण पर 1742 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने पटना में मौजूदा पुल
के पास गंगा नदी पर पांच किलोमीटर लंबे चार लेन वाले नए पुल के निर्माण की भी घोषणा
की, जिसके लिए इस वर्ष अक्टूबर में एक
समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह एक ऐसा अनूठा पुल होगा, जिसमें 242 मीटर लंबा स्पैन होगा, जिसके तहत बड़े जहाजों की आवाजाही में
मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या और जनकपुरी (नेपाल) के बीच रामजानकी
मार्ग का भी निर्माण किया जा रहा है। इस मार्ग का 240किलोमीटर हिस्सा बिहार में
आता है, जिसकी निर्माण लागत 2700 करोड़ रुपये
है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग की 177 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण अगले साल जून
तक पूरा हो जाएगा। बकाया63 किलोमीटर सड़क का निर्माण मार्च 2021 में शुरू होगा।
इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री श्री
नीतीश कुमार,उप-मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद
और श्रीमती रेणु देवी, केन्द्रीय मंत्री श्री आर. के. सिंह और
जनरल (डॉ.) वी. के. सिंह,
राज्य के कई
मंत्री, केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी
उपस्थित थे।