मध्यप्रदेश छात्रवृत्ति घोटाला : फर्जी तरीके से बच्चों के नाम से दूसरे लोगों के खाते में राशि जमा करने का मामला - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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रविवार, 20 दिसंबर 2020

मध्यप्रदेश छात्रवृत्ति घोटाला : फर्जी तरीके से बच्चों के नाम से दूसरे लोगों के खाते में राशि जमा करने का मामला

 

मध्यप्रदेश छात्रवृत्ति घोटाला :


मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के स्कूली शिक्षा विभाग में बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में घोटाला करने की खबर है। प्राचार्यों ने स्कूल से बाहर हो गए बच्चों के नाम से छात्रवृत्ति बांट दी। इन बच्चों के नाम से भुगतान की गई यह राशि भोपाल के अलग-अलग लोगों के खातों में जमा करा दी। मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी प्राचार्यों से अपने स्कूल के बच्चों के नाम जारी की गई राशि की रिकवरी कराकर मामले को रफा-दफा करने की कवायद शुरू कर दी है।



खास बात यह है कि कई ऐसे प्राचार्य हैं, जिनका इस घोटाले के बाद दूसरे स्कूल में स्थानांतरण हो गया। ऐसे में वर्तमान में वहां पदस्थ प्राचार्यों पर रिकवरी का दबाव डाला जा रहा है। मामले को रफा-दफा करने के लिए अधिकारी ऐसे प्राचार्यों को शाला विकास मद से उक्त राशि वापस कराने तक का मशविरा देने लगे हैं

प्रदेशभर में गड़बड़ी के आसार, बड़ा रैकेट होने की आशंका

छात्रवृत्ति का यह घोटाला सिर्फ शाजापुर जिले में ही नहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आया है। सिर्फ शाजापुर जिले में ही अब तक सामने आए 27 प्रकरणों में ही डेढ़ लाख रुपए फर्जी तरीके से बच्चों के नाम से दूसरे लोगों के खाते में राशि जमा करना सामने आया है। प्रदेश के अन्य जिलो की जांच हो तो यह घोटाला 75 से 80 लाख रुपए का सामने आएगा।

इन हेड से कर दिया भुगतान

शासकीय भुगतान के लिए बनाए गए हेड में से 2.3 एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के नाम से 4010-4010 रुपए प्रति छात्र और 7.1 मुख्यमंत्री हम्माल एवं तुलावटी सहायता योजना अंतर्गत मेधावी छात्रवृत्ति योजना हेड से 1200-1200 रुपए प्रति छात्र भुगतान किया गया।

बैंक खाते जांचे तो भोपाल में जमा राशि मिली

पनवाड़ी संकुल केंद्र के शिवप्रसाद दांगी, अभिषेक पाटीदार, हरिओम यादव, कमलसिंह दांगी, आयुष राठौर, जितेंद्र खींची के नाम से एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के 4010 व हम्माल तुलावटी मेधावी योजना के 1200-1200 रुपए का भुगतान करना बताया गया। सभी ने अपने बैंक खाते ही डिटेल के साक्ष्य पेश करते हुए उक्त राशि नहीं मिलने की पुष्टि की। जब ऑनलाइन जमा राशि की डिटेल चेक की तो यूनियन बैंक भोपाल की शाखाओं के खातों में अलग-अलग नाम के खातों में राशि जमा होना सामने आई है। ये सभी बच्चे एक साल पहले 2018 में 12वीं पास होकर स्कूल से बाहर चले गए। 2019 में इनके नाम से छात्रवृत्ति का भुगतान किया।

मामले पर प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा कि छात्रवृत्ति वितरण में यदि घोटाला हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जिले के बच्चों के नाम से जमा हुई राशि दूसरे जिले के लोगों के खाते में कैसे जमा हुई। इसकी जांच कराई जाएगी। राशि जमा कराने से लेकर वितरण करने वाले जो भी दोषी रहेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी यू.यू. भिड़े का कहना है कि छात्रवृत्ति भुगतान में गड़बड़ी होने का मामला सामने आया है। इसे लेकर संबंधितों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जो गलत भुगतान किया गया है, उसकी रिकवरी कराई जाएगी। कार्रवाई के बाद प्रतिवेदन राज्य स्तर पर भेजा जाएगा।