किसानों के समर्थन में राष्ट्रपति से मिले राहुल, कहा- संसद सत्र बुलाकर तीनों कृषि कानून रद्द करे सरकार - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

किसानों के समर्थन में राष्ट्रपति से मिले राहुल, कहा- संसद सत्र बुलाकर तीनों कृषि कानून रद्द करे सरकार

 

कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का हल्ला बोल जारी है। इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। दूसरी ओर मार्च में शामिल प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में किसानों के पक्ष में विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की योजना थी। मगर इसकी अनुमति नहीं मिली।  सिर्फ राहुल गांधी को ही राहुल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने की अनुमति मिली। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति से मिलकर केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का अनुरोध किया।

 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कृषि कानून के मसले पर राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद केंद्र सरकार पर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति से हमने कहा है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, जबतक कानून वापस नहीं होगा तबतक कोई वापस नहीं जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि सरकार संसद का संयुक्त सत्र बुलाए और इन कानूनों को तुरंत वापस लें। राहुल ने कहा कि आज किसान दुख और दर्द में हैं, कुछ किसानों की मौत भी हुई है।

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद श्री गांधी ने कहा हम तीन लोग राष्ट्रपति के पास गए। हम करोड़ों किसानों के हस्ताक्षर वाले पत्रों के साथ किसानों की आवाज राष्ट्रपति तक ले गए। सर्दी का मौसम है और पूरा देश देख रहा है कि किसान दुख में है, दर्द में है और मर रहा है। प्रधानमंत्री को उनकी बात सुननी पड़ेगी।

 

राहुल ने कहा कि राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं और इनसे किसानों,मज़दूरों का नुकसान होने वाला है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मज़दूर घर चले जाएंगे।

 

उन्होंने आगे कहा कि मैं एडवांस में चीज बोल देता हूं, मैंने कोरोना के बारे में बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। उस समय किसी ने बात नहीं सुनी। आज मैं फिर से बोल रहा हूं किसान, मज़दूर के सामने कोई भी शक्ति खड़ी नहीं हो सकती।

 

उन्होंने सवाल उठाया कि चीन ने भारत की हज़ारों किलोमीटर जमीन छीन ली है, पीएम मोदी उनके बारे में क्यों नहीं कहते? एक तरफ आप सिस्टम को तोड़ रहे हो, किसान,मज़दूर को मार रहे हो और बाहर से ताकतें देख रही हैं, कह रही हैं कि नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान को कमजोर कर रहा है, हमारे लिए अच्छे अवसर बनने जा रहे हैं।