Indore Inspirational Story: 7 बार की असफलता को पीछे छोड़ 8 वी बार में बनीं वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर इंदौर की सलोनी - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 30 जनवरी 2021

Indore Inspirational Story: 7 बार की असफलता को पीछे छोड़ 8 वी बार में बनीं वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर इंदौर की सलोनी

Indore Inspirational Story: 7 बार की असफलता को पीछे छोड़ 8 वी बार में बनीं वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर इंदौर की सलोनी 




इंदौर की सलोनी ने शहर के साथ-साथ प्रदेश का मान भी बढ़ाया है, साथ ही असफलता से घबराकर हार मान लेने वाले युथ के सामने एक अच्छा उदाहरण  पेश किया है. 

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुकी सलोनी का चयन वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में हुआ है। ट्रेनिंग के बाद वह वायुसेना की तकनीकी सेवा में सेवा देगी। सलोनी की इस सफलता पर परिवार के लोग काफी खुश हैं। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद से ही सलोनी सेना में जाने की कोशिश कर रही थी। सफल होने के बाद सलोनी ने कहा कि मैं शुरू से ही देश के लिए कुछ करना चाहती थी।


7 बार असफल होने के बाद 8वीं बार में मिली सफलता

सलोनी शुक्ला वायु सेना में भर्ती होने के लिए 8 बार परीक्षा दी है। वह 7 बार असफल हुई है। 8वीं बार में उसे सफलता मिली है। सलोनी जल्द ही ट्रेनिंग के लिए रवाना होने वाली है। हैदराबाद के एयरफोर्स ट्रेनिंग सेंटर में कंबेट और जनरल ट्रेनिंग वह लेगी। उसके बाद एयर फोर्स के बेंगुलुरु स्थित टेक्निकल कॉलेज में वह तकनीकी शिक्षा लेगी।


परिवार से सेना में कोई नहीं

सलोनी अपनी सेवा के दौरान अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, मालवाहक, हेलिकॉप्टर और मिसाइलों की मरम्मत और देख रेख का जिम्मा संभालेगी। सलोनी के माता-पिता का कहना है कि उनके परिवार से कोई व्यक्ति सेना में नहीं है। ऐसे में बच्ची के सपने को पूरा करने को लेकर हम थोड़ा परेशान थे लेकिन जब उन्हें इंदौर में संचालित होने वाली एक एकेडमी की जानकारी मिली तो उसमें तैयारी के लिए बच्ची का दाखिला करा दिया।



7 बार हुई थी असफल

पैरेंट्स ने बताया कि तैयारी के दौरान सलोनी 7 बार परीक्षा दी है लेकिन उसे सफलता हाथ नहीं लगी। मगर वह ठान ली थी कि हमें अपना सपना पूरा करना है। वह सफलता के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। उसी का नतीजा है कि उसका चयन भारतीय वायु सेना में हो गया है। परिवार के लोगों ने बताया कि वह असफलता से कभी टूटी नहीं थी।


सलोनी के अनुसार सफलता का कोई शॉर्टकर्ट नहीं होता

सलोनी शुक्ला ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है और एक ही शर्त है जो आप सपना देखते हैं। उसे पूरा करने के लिए आपको लगातार काम करते रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमें बेहद खुशी है कि आने वाले समय में वह सेना में रहकर देश की सेवा करेगी। गौरतलब है कि सलोनी के माता-पिता दोनों ही सरकारी सेवा में हैं। साल 2009 में जब उनकी पोस्टिंग गुजरात के भुज में हुई थी। वहां पर रहने वाले सेना के अधिकारियों से प्रभावित होकर सलोनी ने सेना में जाने की ठान ली थी और तभी से लगातार वह तैयारी करने में जुटी हुई थी।


सलोनी की सफलता पर दादी के छलके आंसू

सलोनी के परिवार में बेटी की सफलता को लेकर खुशी के लहर हैं। सलोनी की दादी पोती की सफलता पर गर्वांवित हैं। खुशी के मारे उनकी आंखों में आंसू छलक आए और वह इस भवाना को शब्दों में बयां नहीं कर पा रही थी।