जबलपुर के पास ASI ने शुरू की खुदाई, कलचुरी काल का भव्य इतिहास आएगा सामने - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 18 जनवरी 2021

जबलपुर के पास ASI ने शुरू की खुदाई, कलचुरी काल का भव्य इतिहास आएगा सामने

जबलपुर के पास ASI ने शुरू की खुदाई, कलचुरी काल का भव्य  इतिहास आएगा सामने


जबलपुर: जबलपुर स्थित तेवर  क्षेत्र में बहुत ही जल्द एक नई संस्कृति जमीन के गर्भ से निकलेगी। इसका काम शनिवार से आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने शुरू कर दिया है। पिछले 1 साल से आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम इस इलाके में जांच पड़ताल कर रही थी, जहां उन्हें कुछ ऐसे विशेष ऐसी मूर्तियां मिली जो कलचुरी काल की हैं।




आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने शनिवार से खुदाई का काम शुरू कर दिया है। भूमि पूजन के मौके पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल भी मौजूद रहे हैं। उन्होंने बताया कि इतिहास की एक पुरानी धरोहर इस क्षेत्र में दबी हुई है, जिसके लिए आर्कोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया की टीम यहां पर खुदाई कर जमीन के गर्व से प्राचीन कलचुरी काल की रहस्यमई तस्वीर को उजागर करेंगे।

आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने पहले चरण में लगभग 18 एकड़ के एक भूखंड को चिह्नित किया है, जहां पर खुदाई का काम होगा। साथ ही जिला प्रशासन के साथ मिलकर एएसआई क्षेत्र में स्थापित प्राचीन मूर्तियों का भी संग्रह कर उनको म्यूजियम में रखेगा। इस मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे।



कलचुरी कालीन धरोहरें त्रिपुरी सुंदरी मंदिर के पास जमींदोज है। मंत्री ने पहले मंदिर में पूजा की, उसके बाद खुदाई का काम प्रारंभ हुआ। साथ ही उन्होंने पौधारोपण भी किया है। मंत्री ने कहा कि त्रिपुरी कलचुरी सामराज्य की राजधानी रही है। इसके साक्ष्यों को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। खुदाई के बाद नए तथ्य सामने आएंगे, जिस पर अध्ययन होगा। साथ ही जबलपुर को एक नई पहचान मिलेगी।


गौरतलब है की चन्देल राज्य के दक्षिण में चेदि के कलचुरियों का राज्य स्थित था,  उसकी राजधानी त्रिपुरी में थी जिसकी पहचान मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित तेवर नाम के ग्राम से की जाती है ।

 मध्यप्रदेश में कलचुरी समाज से जुड़ा  एक बहुत बड़ा वर्ग है जो समय समय पर कलचुरी काल के इतिहास के बारे में जानकारी हेतु खोज की मांग करते आया है.