उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद का कस्बा माधौगढ़ पहलवान माधौसिंह के नाम पर - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 11 जनवरी 2021

उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद का कस्बा माधौगढ़ पहलवान माधौसिंह के नाम पर

 पहलवान माधौसिंह के नाम पर किया गया है यह कस्बा अब माधौगढ़ 

उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड में ज्यादातर नगरों और गांवों के नामकरण के पीछे अनेकों कारण रहे, ऐसा ही एक कस्बा जालौन जनपद में है जिसका नाम इस क्षेत्र के जाने माने पहलवान माधौसिंह के नाम पर किया गया है यह कस्बा अब माधौगढ़ के नाम से जाना जाता है।

उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद का कस्बा माधौगढ़ पहलवान माधौसिंह के नाम पर


पूरे देश की तरह बुंदेलखंड में भी पहले समय में पहलवानी के लोग दीवाने थे और दूर दूर से दंगल देखने जाया और आया करते थे। जालौन के माधौसिंह उस समय बेहद लोकप्रिय पहलवान थे ,उस समय राजघरानों की तूती बोलती थी। माधौ सिंह की कुश्ती देखकर यहां के तीन राजघरानों गोपालपुरा, रामपुरा व जगम्मनपुर आदि के राजाओं ने माधौगढ़ की गढ़ी पहलवान माधौ सिंह को सुपुर्द कर माधौगढ़ का जमींदार घोषित कर किया था। माधौ सिंह के बुंदेलखंड स्तरीय दंगल इसी गढ़ी पर लगते थे। राजाओं ने नगर के चारों ओर अपने-अपने दरवाजे भी बनवाए थे जो आज भी कुछ जीवित रूप में हैं। माधौ सिंह की स्मृति में इस नगर का नाम रानी जू की जगह बदलकर माधौगढ़ किया गया जो कि अभिलेखों में दर्ज है।


पुराने समय में माधौगढ़ की ख्याति मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व राजस्थान तक थी, वहां के व्यापारी यहां पर व्यापार करने आते थे। सन, घी, गुड़, धान की यह जनपद की सबसे बड़ी मंडी हुआ करती थी । आज प्रदेश में देशी घी के कई बाजार प्रायः माधौगढ़ के घी के नाम से प्रसिद्ध हैं। कालांतर में यहां दस्यु समस्या के आड़े आ जाने से सारा व्यापार चौपट हो गया लिहाजा यहां का जो भी बड़ा व्यापारी था वह यहां से पलायन कर गया। व्यापार के अभाव में इस क्षेत्र का विकास भी अवरुद्ध हो गया है।


यूं तो माधौगढ़ में आज स्वास्थ्य केन्द्र, पालीटेक्निक कॉलेज, कोतवाली, तहसील, मुंसिफ कोर्ट, विकासखंड, तहसील दफ्तर आदि सभी कुछ है साथ ही इसे नगर पंचायत का भी रुतबा भी दिया गया है। इसके अलावा न जाने ही कितने शिक्षण संस्थान जोकि बच्चों के लिए एक भविष्य व शिक्षा का मार्ग भी है तो वहीं कुछ ही दूरी पर इस क्षेत्र का जाना माना पर्यटन स्थल भी है जो पांच नदियों सिंधु,कुंआरी, पहूंज ,यमुना और चंबल के संगम के कारण पंचनद धाम या बाबा साहब के मशहूर नाम से भी जाना जाता है ,दूरदूर से लोग इस संगम में स्नान करने व घूमने के लिये आते है यहां की पांच नदियां पुण्य को प्राप्त कराने वाली ही नहीं बल्कि मोक्षदायिनी भी मानी जाती हैं।