कमलनाथ सरकार के दौरान शराब की नई दुकानें खोलने के प्रस्ताव पर BJP ने किया था हंगामा, शिवराज सरकार ला रही वही प्रस्ताव! - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 20 जनवरी 2021

कमलनाथ सरकार के दौरान शराब की नई दुकानें खोलने के प्रस्ताव पर BJP ने किया था हंगामा, शिवराज सरकार ला रही वही प्रस्ताव!

कमलनाथ सरकार के दौरान शराब की नई दुकानें खोलने के प्रस्ताव पर BJP ने किया था हंगामा,  शिवराज सरकार ला रही वही प्रस्ताव!




मध्यप्रदेश में भाजपा विपक्ष में रहते हुए जिस प्रस्ताव  पर बहुत तल्ख थी, अब वही प्रस्ताव BJP को भा गया है,  मामला प्रदेश में शराब की नई दुकानें खोलने को लेकर है। शिवराज सरकार ने  पड़ोसी राज्यों से अवैध शराब की सप्लाई का कारण बताकर प्रदेश में नई शराब दूकाने खोलने का प्रस्ताव दे दिया है, जिससे की पडोसी राज्यों से होने वाली अवैध शराब की तस्करी रोकी जि सके.सरकार का तर्क है की  महाराष्ट्र में प्रति एक लाख की आबादी पर 21 शराब दुकानें हैं, जबकि प्रदेश में सिर्फ 4.


दरअसल, एक साल पहले जनवरी-फरवरी में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने शराब की नई दुकानें खोलने का प्रस्ताव तैयार किया था। उनके यह प्रस्ताव लाते ही तब के विपक्षी दल BJP ने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार मप्र को ‘मदिरा प्रदेश’ बनाना चाहती है। अब शिवराज सत्ता में आए तो वही फैसला लेने की तैयारी हो रही है। 


शराब दुकान के संबंध में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सरकार को यह प्रस्ताव दिया है कि जहरीली और अमानक शराब की रोकथाम के लिए शराब की दुकानों की संख्या बढ़ना जरूरी है।


नई शराब दुकानें खोलने को लेकर गृह मंत्री मिश्रा तर्क दे रहे हैं, तब यही कमलनाथ ने दिया था। कमलनाथ सरकार ने सरकार का खजाना भरने के लिए दो प्रस्ताव तैयार किए थे। पहला- शराब की नई दुकानें खुलेंगी। दूसरा- विदेशी शराब की ऑनलाइन बिक्री। यह पता चलने पर शिवराजसिंह चौहान तिलमिला उठे थे और उन्होंने तत्कालीन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए 10 जनवरी 2020 कमलनाथ को पत्र लिखा था और कहा था की शराब माफिया को तोहफा है ये


कमलनाथ को शिवराज ने लिखा कि इस फैसले (नई दुकान खोलने) से करीब 2 हजार से ढाई हजार शराब दुकानें खुल जाएंगी। सरकार ने आम नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कुशलता को दरकिनार कर शराब माफिया को नए साल में तोहफा दिया है।


 तात्कालिक मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा गया वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पत्र


यह भी लिखा था कि भाजपा सरकार ने एक भी नई दुकानें नहीं खोलीं। यह नीति बनाई थी कि धीरे-धीरे शराब की दुकान कम हो जाएं। आपके (कमलनाथ) निर्णय से महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में बढ़ोतरी होगी। राज्य मदिरा प्रदेश बन जाएगा।


अपने ही मंत्रियों के विरोध के बाद टल गया था प्रस्ताव


जब यह प्रस्ताव कैबिनेट में आया था तब कुछ मंत्रियों ने भी विरोध किया था। इसके बाद कमलनाथ सरकार बेकफुट पर आ गई थी। प्रस्ताव में संशोधन कर नई दुकानें खोलने का बिंदु हटाया गया, लेकिन विदेशी शराब ऑन लाइन बिक्री की अनुमति दे दी गई।




प्रदेश को शराब से मिल रहा करोड़ाें रुपए का राजस्व


मध्य प्रदेश में शराब की दुकानों की नीलामी से वित्त वर्ष 2019-20 में 8127 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। वर्ष 2020-21 में (10 जनवरी 2020 तक) 6940 करोड़ रुपए का राजस्व सरकार को मिल चुका है।