MPPSC 2019 Result High court Notice
मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने मंगलवार को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) को नोटिस जारी कर राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 के घोषित परिणाम में आरक्षण व्यवस्था को लेकर दायर एक याचिका पर जवाब तलब किया। न्यायाधीश सुजॉय पॉल और न्यायाधीश शैलेन्द्र शुक्ला की युगलपीठ ने एमपीपीएससी को मंगलवार को नोटिस जारी किया है।
युगलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता किशोर चौधरी ने याचिका दायर कर कहा है कि एमपीपीएससी के द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 का आयोजन किया गया था।जिसके हाल ही में घोषित परीक्षा परिणाम घोषित किये गए हैं। याचिका में एमपीपीएससी पर आरोप लगाया गया है कि अनारक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों के बराबर नंबर लाने वाले आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों को अनारक्षित वर्ग में स्थान नहीं दिया गया है। जिससे उनके अनारक्षित वर्ग में किसी भी वर्ग के परीक्षार्थी को शामिल करने के संविधान प्रदत्त अधिकारों
का हनन किया गया है। याचिका में कहा गया है कि एमपीपीएससी ने ऐसा 17 फरवरी 2020 को संशोधित नियमों के आधार पर किया हैं, जबकि 2019 परीक्षा के परीक्षार्थियों पर इन नियमों को लागू नहीं किया जाना असंवैधानिक हैं। याचिका में संशोधित नियमों की वैधानिकता को भी चुनौती दी
गई हैं। युगलपीठ ने राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और एमपीएससी के सचिव से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।