उत्तराखंड त्रासदी: अब तक 26 शव बरामद, तपोवन की सुरंग से 35 लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन जारी - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

Breaking

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021

उत्तराखंड त्रासदी: अब तक 26 शव बरामद, तपोवन की सुरंग से 35 लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड त्रासदी अपडेट न्यूज़

उत्तराखंड त्रासदी में अबतक 26 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। वहीं, अभी भी लगभग 170 लोग लापता हैं। तपोवन की सुरंग में भी 35 लोग फंसे हुए बताए जा रहे हैं, जिन्हें बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ का संयुक्त ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कल रात 8 बजे तक 26 शव बरामद किए गए हैं। 171 लोग अभी भी लापता हैं जिनमें से लगभग 35 लोग सुरंग में हैं जहाँ बचाव अभियान अभी भी जारी है।

अशोक कुमार ने बताया कि टनल में थोड़ा और आगे बढ़े हैं, अभी टनल खुली नहीं है। हमें उम्मीद है कि दोपहर तक टनल खुल जाएगी। वहीं आईटीबीपी देहरादून सेक्टर हेडक्वार्टर के डीआईजी अपर्णा कुमार ने बताया कि कल रातभर वहां(तपोवन टनल) आर्मी, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मलबा निकालने में लगी हुई थी। ज़्यादा से ज़्यादा मलबा निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी तपोवन में राहत और बचाव कार्यों पर आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस और जोशीमठ के अन्य एजेंसियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि यहां आर्मी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें बेहतर तालमेल के साथ बचाव अभियान कर रही है। मैं उनसे संतुष्ट हूं। बचाव अभियान तब तक चलेगा जब तक हम आखिरी छोर तक नहीं पहुंच जाते।

उत्तराखंड त्रासदी: अब तक 26 शव बरामद, तपोवन की सुरंग से 35 लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन जारी


दूसरी ओर त्रासदी की वजहों को लेकर भी कई बातें सामने आ रही हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव में आई आपदा को लेकर इसरो के वैज्ञानिकों ने अहम जानकारी देते हुए कहा है कि यह आपदा ग्लेशियर के टूटने से नहीं बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आयी है। अभी तक माना जा रहा था कि ग्लेशियर टूटने से आपदा आई है। लेकिन अब सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से वैज्ञानिकों ने आपदा की असली वजह साफ की है।

वैज्ञानिकों ने बताया है कि क्षेत्र में ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आपदा आई है। आज हुई बैठक में इसरो के वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से साफ किया कि यह आपदा ग्लेशियर टूटने से नहीं आई। तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और यह हादसा हो गया। तस्वीरों के माध्यम से प्रारंभिक रूप से ये ही जानकारी सामने आई है। अभी अध्ययन किया जा रहा है जिससे ज्यादा जानकारी सामने आ सके।