महिला दिवस विशेष :जानिये कौन हैं 109 वर्ष की 'वृक्ष माता' थिमक्का जिन्होंने लगाए 8 हजार से अधिक पेड़
साल्लुमरदा थिमक्का कर्नाटक की रहने वाली हैं. वह पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. थिमक्का ने बरगद के 400 पेड़ों समेत 8000 से ज्यादा पेड़ लगाएं हैं और यही वजह है कि उन्हें ‘वृक्ष माता’की उपाधि मिली है. प्रकृति के प्रति उनका लगाव देखते हुए थिमक्का का नाम 'साल्लुमरदा' रख दिया गया. अभी उनकी उम्र 109 साल है.
प्रारंभिक जीवन
थिमक्का का जन्म 1910/1911 में कर्नाटक के तुमकुरु जिले के गुब्बी तालुक में हुआ था। उनका विवाह कर्नाटक के रामनगर जिले के मगदी तालुक के हुलिकल गांव के निवासी चिककैया से हुआ था। उन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली और पास के खदान में एक आकस्मिक मजदूर के रूप में काम किया। उनकी शादी चिक्कैया से हुई थी जो एक मजदूर थे, लेकिन वे दुर्भाग्यवश उनके कोई संतान नहीं हुई । ऐसा कहा जाता है कि थिमक्का ने बच्चों के बदले में बरगद के पेड़ लगाने शुरू किए। साल्लुमरदा को कन्नड़ भाषा में पेड़ों की पंक्ति कहते हैं।
कहां से मिली थिमक्का को प्रेरणा
थिमक्का की कहानी धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है. उन्हें शादी के काफी समय बाद भी उन्हें बच्चा नहीं हुआ. जब वह उम्र के चौथे दशक में थीं तो बच्चा न होने की वजह से खुदकुशी करने की सोच रही थीं, लेकिन अपने पति के सहयोग से उन्होंने पौधरोपण में जीवन का संतोष तलाश लिया. इसके बाद थिमक्का ने पीछे मुढ़ कर नहीं देखा और 8000 से ज्यादा पेड़ लगा दिए. उनके इस कार्य के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिल चुकें.
सम्मानों से भरा है घर
थीमक्का को वर्ष 2019 में पदमश्री से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया गया, इससे पहले भी उन्हें कई सारे अवार्ड मिल चुके हैं। इनका घर स्मृति चिन्हों और सम्मानों से भरा हुआ है। कर्णाटक सरकार ने इनके नाम से पर्यावरण की योजना भी चलाई हुई है।
साल्लुमरदा थिमक्का को मिले अवार्ड
- पद्म श्री पुरस्कार – 2019
- हम्पी विश्वविद्यालय द्वारा नादोजा पुरस्कार- 2010
- राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार – 1995
- इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र पुरस्कार – 1997
- वीरचक्र प्रशस्ति पुरस्कार – 1997
- कर्नाटक सरकार के महिला और बाल कल्याण विभाग से सम्मान प्रमाण पत्र
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, बैंगलोर से प्रशंसा का प्रमाण पत्र।
- कर्नाटक कल्पवल्ली पुरस्कार – 2000
- गॉडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार – 2006
- आर्ट ऑफ लिविंग संगठन द्वारा विशालाक्षी पुरस्कार
- होविनाहोल फाउंडेशन -2015 द्वारा विश्वम्मा पुरस्कार
- 2016 में बीबीसी की 100 महिलाओं में से एक
- आई एंड यू बीइंग टुगेदर फाउंडेशन द्वारा शी के डिवाइन अवार्ड से सम्मानित
- पेरिस रथना पुरस्कार
- ग्रीन चैंपियन पुरस्कार
- वृक्षाथम पुरस्कार