जय किसान फसल ऋण माफी घोटाला: कबाड़ी वाले के पास से मिले हजारों कर्ज माफी प्रमाण पत्र से घिरी पूर्व की कांग्रेस सरकार - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शुक्रवार, 19 मार्च 2021

जय किसान फसल ऋण माफी घोटाला: कबाड़ी वाले के पास से मिले हजारों कर्ज माफी प्रमाण पत्र से घिरी पूर्व की कांग्रेस सरकार

MP: कबाड़ी वाले के पास से मिले हजारों कर्ज माफी प्रमाण पत्रों से घिरी पूर्व की कांग्रेस सरकार, कर्जमाफी के दावों पर फिर उठे सवाल 




उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में आज कबाड़ में मिले "जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना" के महंगे एसीपी शीट पर बने हजारों प्रमाण पत्र ने प्रदेश  कि पूर्व की कांग्रेस सरकार की पोल खोलकर रख दी है,  इस मामले में प्रदेश के वर्तमान गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रमाण पत्र ताम्र के हो या कागज के सरकार ही पूरी झूठ पर खड़ी थी। उन्होंने कहा, आप ना मेरी सुनो ना ही कांग्रेस की एक ऐसा किसान लाकर बताओ जिसका कर्ज माफ हुआ हो। आपको बता दें कि कांग्रेस प्रदेश सचिव ने इस मामले में तत्कालीन जिम्मेवार अधिकिरियो को ऋण माफी पत्र ना बांटने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी।।


 कहां से आए हजारों कर्ज माफी के हजारों प्रमाण पत्र?


उज्जैन के बड़नगर मार्ग स्तिथ एक कबाड़ी वाले को इंदौर के एक बैंक द्वारा रद्दी बेची गई। यह आम कागज की रद्दी नहीं है, एसीपी शीट पर बनी किसानों के जय किसान फसल ऋण माफी योजना के मंहगे प्रमाण पत्रों की रद्दी है जिसे पूर्व में आई कांग्रेस सरकार द्वारा किसानो को बांटने के लिए छपवाया गया था। शीट पर तत्कालीन मुख्यमंन्त्री कमलनाथ की तस्वीर है और बड़े शब्दो में किसान सम्मान पत्र लिखा है और नीचे कमलनाथ के हस्ताक्षर है। बात बड़ी इसलिए है क्योंकि सरकार किसानों के ऋण माफी के नाम पर बनी और वादा किया गया कि सबके ऋण 10 दिन में माफ किए जाएंगे। अगर सबके ऋण माफ हुए तो रद्दी में पड़े इन महंगे प्रमाण पत्रों का जिम्मेदार कौन?

 

बवाल होने के बाद जलाये प्रमाण पत्र 

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रमाण पत्र पर बवाल होने से कबाड़ी ने सारे प्रमाण पत्रों को जला  दिया है, और वो मीडिया के सामने आने से भी बच रहा है. 



वहीं, आज ही कांग्रेस ने कर्ज माफी पर विधानसभा में हंगामा कर वॉकआउट किया है। पूरे मामले में कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमल चौहान का कहना है कि योजना में प्रमाण पत्र ना बांटने के जिम्मेदार तत्कालीन आधिकारी है जिन्होंने कार्य को ठीक से नहीं किया। अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कमल चौहान ने कहा कि मैं निंदा करता हूं और सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच की भी मांग करता हूं।

 

आपको बता दें कि आज ही भोपाल में किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस ने विधानसभा से सरकार पर योजना को बंद करने का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया है। विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी कांग्रेस ने कर्जमाफी का मुद्दा उठाया था, सरकार पर योजना को बंद करने का आरोप लागया गया तो कृर्षि मंत्री कमल पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि मैं पहले किसान हूं और बाद में विद्यायक और मंत्री। विधायकों ने जो भी सुझाव दिए है और मांग रखी है मैं उन्हें पूरा करने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश किसानों से ही आत्मनिर्भर होगा, हम छोटे किसानों की मदद कर रहे है। किसान कर्ज माफी किसानों के लिए सिर्फ धोखा था, जिसे सरकार रहते हुए कांग्रेस ने पूरा नहीं किया, अब कांग्रेस सिर्फ झूठी राजनीति कर रही है।