चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम को 155-165 किलो मीटर की गति से चलने वाली हवा के तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के अनुमान
23 मई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात ‘यास’ से निपटने के लिए संबंधित
राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की आज एक बैठक में
समीक्षा की।
मौसम विज्ञान
विभाग ने सूचित किया कि चक्रवात ‘यास’ के 26 मई की शाम को
155-165 किलो मीटर की गति से चलने वाली हवा के तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे
की रफ्तार से चलने के अनुमान के साथ पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा तटों को पार
करने की संभावना है। इससे पश्चिम बंगाल तथा उत्तर ओडिशा के तटीय जिलों में भारी
वर्षा हो सकती है। विभाग ने यह चेतावनी भी दी है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय
क्षेत्रों में लगभग 2 से 4 मीटर ऊंचा तूफान आ सकता है। मौसम विभाग नियमित रूप से
सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ बुलेटिन जारी कर रहा है।
प्रधानमंत्री
को बताया गया कि कैबिनेट सचिव ने सभी तटीय राज्यों के मुख्य सचिव और संबंधित
मंत्रालयों व एजेंसियों के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की
बैठक की। गृह मंत्रालय निरंतर स्थिति की समीक्षा कर रहा है और तटीय राज्यों तथा
संबंधित मंत्रालयों और एजेंसियों के संपर्क में है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने
राज्यों में नौकाओं, पेड़ काटने वाले उपकरणों, दूरसंचार उपकरणों आदि के
साथ 46 टीमों को पहले से तैयार कर रखा है। इसके अतिरिक्त तैनाती के लिए 13 टीमें
विमान से रवाना की जा रही हैं और 10 टीमें आपात स्थिति के लिए रखी गई हैं।
तटरक्षक बल
तथा नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के
लिए जहाज तथा हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है। वायु सेना तथा सेना की इंजीनियर टास्क
फोर्स इकाइयां तैनाती के लिए तैयार रखी गई हैं। मानवीय सहायता के साथ सात जहाज और
आपदा राहत इकाइयां पश्चिमी तट पर तैयार हैं।
पेट्रोलियम
तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा समुद्र में सभी तेल प्रतिष्ठानों को सुरक्षित
रखने तथा जहाजों को सुरक्षित बंदरगाह पर लाने के कदम उठाए गए हैं। विद्युत
मंत्रालय ने आपात कार्य प्रणाली को सक्रिय कर दिया है तथा ट्रांसफार्रमरों, डीजी सेटों तथा उपकरण आदि
को तैयार रखा है ताकि बिजली की फौरन बहाली की जा सके। दूरसंचार मंत्रालय टावरों
तथा एक्सचेंजों पर निरंतर निगरानी रखे हुए है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के
लिए पूरी तरह तैयार है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित होने
वाले राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रभावित इलाकों में कोविड की
स्थिति से निपटने के लिए परामर्श जारी किया है। बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग
मंत्रालय ने सभी जहाजों को सुरक्षित रखने के उपाय किए हैं तथा आपातकालीन जहाजों की
तैनाती की है।
एनडीआरएफ
खतरनाक स्थानों से लोगों को निकालने की तैयारियों में राज्य की एजेंसियों की
सहायता कर रहा है और चक्रवात की स्थिति से निपटने के लिए निरंतर रूप से सामुदायिक
जागरूकता अभियान चला रहा है।
प्रधानमंत्री
ने वरिष्ठ अधिकारियों को राज्यों के साथ निकट सहयोग के साथ काम करने को कहा है
ताकि अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित ढंग से निकालने का काम
सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि अपतटीय
गतिविधियों में शामिल लोगों की समय से निकासी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने
सभी संबद्ध विभागों को बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क में कटौती का समय कम करने और
बिजली तथा दूरसंचार नेटवर्क की तेजी से बहाली के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने
अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ उचित तालमेल और नियोजन कार्य करने को भी कहा
ताकि अस्पतालों में कोविड के मरीजों के इलाज और टीकाकरण कार्य में कोई व्यवधान
नहीं हो। उन्होंने श्रेष्ठ व्यवहारों से अच्छी सीख लेने के लिए नियोजन और तैयारी
की प्रक्रिया में जिला प्रशासन को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने
अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित जिलों के नागरिकों को समझने लायक स्थानीय
भाषा में क्या करे, क्या नहीं करें का
परामर्श और निर्देश दें। प्रधानमंत्री ने तटीय समुदायों, उद्योगों आदि विभिन्न
हितधारकों से सीधे संपर्क साधने और उन्हें संवेदी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में गृह
मंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान
सचिव, गृह राज्य मंत्री, कैबिनेट सचिव, गृह, दूरसंचार, मत्स्यपालन, नागर विमानन, विद्युत, बंदरगाह, नौवहन तथा जल मार्ग, पृथ्वी विज्ञान
मंत्रालयों के सचिव, रेल बोर्ड के अध्यक्ष ,सदस्य तथा एनडीएमए के सचिव सदस्य, आईएमडी तथा एनडीआरएफ के
महानिदेशक, प्रधानमंत्री कार्यालय और
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।