कोरोना के प्रकोप के बीच, कांग्रेस समेत 12 दलों ने 26 मई के देशव्यापी किसान आंदोलन को दिया समर्थन
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देश में जहाँ प्रति दिन 2 लाख से अधिक कोरोना केस आ रहे हैं वहीं इस बीच किसान आंदोलन फिर से सक्रिय होता नजर आ रहा है भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने कृषि कानूनों के विरोध में 26 मई को देशव्यापी काला दिवस मनाने का फैसला किया है, और कांग्रेस समेत 12 विपक्षीय पार्टियों ने किसानो के इस देशव्यापी आंदोलन के समर्थन की घोषणा कर दी है.
We extend our support to the call given by the Samyukta Kisan Morcha (SKM) to observe a countrywide protest day on May 26, marking the completion of six months of the heroic peaceful Kisan struggle.
— Congress (@INCIndia) May 23, 2021
- Joint Statement by 12 Major Opposition Parties pic.twitter.com/pfIByd3vjI
कोरोना के देश में इतने अधिक केसों के बीच किसान आंदोलन को फिर से प्रारंभ करने की घोषणा और उसे 12 विपक्षीय पार्टियों का समर्थन कई सवाल खड़े करता है. ऐसे समय जबकि कोरोना के साथ साथ ब्लैक फंगस के कई राज्यों मामले बढ़ रहे हैं और विभिन्न संस्थाओं, वैज्ञानिको और डॉक्टर्स ने कोरोना कि तीसरी लहर कि चेतावनी जारी की है तब इन विपरीत परिस्थितियों में विपक्षीय पार्टियां आंदोलन के समर्थन में खड़ी हो गई हैं, इन पार्टियों कि कई राज्यों में सरकार भी हैं तब ये पार्टियां अपने राज्यों में कोरोना गाइडलाइन का पालन कैसे कराएंगी जबकि वे खुद आंदोलन के समर्थन में खड़ी हैं.
जिन राज्यों में आगामी वर्षों में चुनाव होने वाले हैं वहां पर किया जाएगा आंदोलन को केंद्रित
किसान नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों ने पश्चिम बंगाल जाकर भाजपा को हराने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब हम यूपी और उत्तराखंड में भी उसी तरह का अभियान छेड़ेंगे। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार को एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमें तीनों कृषि कानून मंजूर नहीं है और सरकार को इसे वापस लेने की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए।