राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 2021 की थीम
सांख्यिकी दिवस 2021 का विषय सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) -2 (भुखमरी की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना) है।
सरकार
दैनिक जीवन में सांख्यिकी के उपयोग को लोकप्रिय बनाने और जनता को इस बात के लिए
जागरूक करने के लिए कि किस तरह सांख्यिकी नीतियों को आकार देने और तैयार करने में
सहायक है, सांख्यिकी दिवस मनाती रही है। इसे राष्ट्रीय
स्तर पर मनाए जाने वाले विशेष दिनों में से एक माना गया है।
इसे स्वर्गीय प्रो. पी. सी. महालनोबिस की जयंती 29
जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली की स्थापना में उनके अमूल्य योगदान को मान्यता
देते हुए मनाया जाता है।
इस
वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण, सांख्यिकी दिवस 2021 का मुख्य आयोजन नीति आयोग,
नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/वेबकास्टिंग के माध्यम से किया
जारहा है। केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंहकार्यक्रम के मुख्य
अतिथि होंगे। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष प्रो. विमल कुमार रॉय,
मुख्य सांख्यिकीविद् और सांख्यिकी तथा कार्यक्रम क्रियान्वयन
मंत्रालय के सचिवडॉ. जी पी सामंता, भारतीय सांख्यिकी संस्थान
के निदेशक प्रो. संघमित्रा बंदोपाध्याय, संयुक्त राष्ट्र
खाद्य और कृषि संगठनके मुख्य सांख्यिकीविद श्री पिएत्रो जेनारी, संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर सुश्री रेनाटा लोक-डेसालियन भी प्रतिभागियों को संबोधित करेंगी। इसके अलावा,
केंद्र/राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य हितधारक भी वीडियो
कांफ्रेंसिंग/वेबकास्टिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
हर
साल सांख्यिकीय प्रणालियों में सुधार और डेटा अंतराल को पाटने की दिशा में वर्तमान
राष्ट्रीय महत्व का एक विशेष फोकस रूप में चर्चा के लिए चुना जाता है। सांख्यिकी दिवस
2021 का विषय सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) -2
(भुखमरी की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा प्राप्त
करना और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना) है।
इस
अवसर पर सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय सरकारी सांख्यिकी प्रणाली को लाभ पहुंचाने वाले
व्यावहारिक और सैद्धांतिक आंकड़ों के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान
कार्य के लिए उत्कृष्ट योगदान को भी मान्यता प्रदान करता है। इस वर्ष कार्यक्रम के
दौरान सरकारी सांख्यिकी 2021 में प्रो.
पी.सी. महालनोबिस राष्ट्रीय पुरस्कार और युवा सांख्यिकीविद् के लिए प्रो. सी. आर.
राव राष्ट्रीय पुरस्कार 2021 के विजेताओं की घोषणा की जाएगी।
अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित सांख्यिकी से संबंधित विषय पर स्नातकोत्तर छात्रों के
लिए ऑन द स्पॉट निबंध लेखन प्रतियोगिता 2021 के विजेताओं को
भी सम्मानित किया जाएगा।
प्रशांत चंद्र महालनोबिस के बारे में
प्रशांत
चंद्र महालनोबिस का जन्म कोलकाता स्थित उनके पैतृक निवास में 29 जून, 1893 को हुआ था।
उनके
दादा गुरचरण ने सन 1854 में बिक्रमपुर (अब बांग्लादेश) से कोलकाता आकर अपना
व्यवसाय स्थापित किया था। उनके पिता प्रबोध चंद्र महालनोबिस ‘साधारण ब्रह्मो समाज’ के सक्रिय सदस्य थे और उनकी माता निरोदबसिनी बंगाल के एक पढ़े-लिखे कुल से
सम्बन्ध रखती थीं।
प्रशान्त
चन्द्र महालनोबिस एक प्रसिद्ध भारतीय
वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद थे।
भारत
सरकार उनके जन्मदिन, 29 जून को हर वर्ष
'सांख्यिकी दिवस' के रूप में मनाती
है।
प्रशान्त चन्द्र महालनोबिस का सबसे बड़ा योगदान उनके द्वारा शुरु किया गया ‘सैंपल सर्वे’ है, जिसके आधार पर आज बड़ी-बड़ी नीतियां और योजनाएं बनाई जा रही हैं