प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी | PMAY-U 2021 - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 10 जून 2021

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी | PMAY-U 2021

 

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी | PMAY-U 2021


PMAY-2021


सरकार ने 08 जून 2021 को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण के 708 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इस संबंध में फैसला नई दिल्ली में पीएमएवाई-यू के तहत केंद्रीय स्वीकृति और निगरानी समिति की 54वीं बैठक में लिया गया।इस बैठक में 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया। इन घरों का निर्माण लाभार्थी के नेतृत्व में उनके हिसाब से और उनकी भागीदारी में किफायती आवास के तौर पर किए जाने का प्रस्ताव है। 

 

इसके अलावा, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव, श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने 'पीएमएवाईयू  अवार्ड्स 2021 - 100 डेज़ चैलेंज' भी लॉन्च किया। इसके तहत, मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी), शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) और लाभार्थियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान और प्रदर्शन को पहचानने और  एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाने के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। 

 

कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान यह समिति की पहली  बैठक थी। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार ने 2022 तक शहरी भारत के सभी पात्र लाभार्थियों को 'सभी के लिए आवास' की दृष्टि से पक्के घर उपलब्ध कराने के उद्देश्य को पर्याप्त महत्व दिया है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 'पीएमएवाईयू  के तहत निर्धारित समय के भीतर पूरे देश में आवास निर्माण पूरा करने में तेजी लाने पर जोर दिया है।

  

श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने बैठक में कहा, “मंजूरी की मांग सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों से उठ रही है। अप्रयुक्त धन का उपयोग और निर्धारित समय के भीतर परियोजनाओं को पूरा करना सुनिश्चित करना अब हमारा मुख्य फोकस है।बैठक में, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने विभिन्न मुद्दों जैसे भूमि, स्थल आकृति जनित खतरों, अंतर-शहर प्रवास, कार्यक्षेत्र की प्राथमिकताओं में परिवर्तन, जीवन की हानि आदि के कारण परियोजनाओं में संशोधन के लिए अपने प्रस्ताव भी रखे।

 

उल्लेखनीय है कि  आज की तिथि तक, पीएमएवाई (यू) के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या 112.4 लाख है जिनमें से अब तक 82.5 लाख घरों के निर्माण के लिए आधार तैयार किए जा चुके हैं और इनमें से भी 48.31 लाख पूरे/ वितरित किए जा चुके हैं। इसके लिए कुल  निवेश 7.35 लाख करोड़ रुपये तय है जिसमें 1.81 लाख रुपये की राशि केंद्रीय सहायता के तौर पर दी जानी है । इस राशि में से 96,067 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।

 

बैठक में भाग लेने वाले राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को संबोधित करते हुए, मंत्रालय के सचिव ने छह लाइट हाउस परियोजनाओं (एलएचपी) पर जोर दिया, जिनकी आधारशिला जनवरी, 2021 में प्रधान मंत्री द्वारा रखी गई थी। एलएचपी का निर्माण अगरतला, चेन्नई, लखनऊ, रांची, राजकोट और इंदौर में किया जा रहा है। उन्होंने कहा , “इन परियोजनाओं को निर्माण में शामिल सभी संबंधित विभागों को प्रेरित करना चाहिए। इनमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को दोहराया जाना चाहिए और इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए।"

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 

इस कार्यक्रम में टेक्नोग्राही पर एक ई-मॉड्यूल भी लॉन्च किया गया, जिसमें ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया के तहत चुनी गई अभिनव निर्माण प्रौद्योगिकियों को सीखने के उपकरण शामिल हैं और जिनका छह एलएचपी में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह अभिनव निर्माण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में हितधारकों के क्षमता निर्माण की दिशा में एक कदम है।

 

मंत्रालय के सचिव ने हरियाणा के पंचकुला में एक नवनिर्मित प्रदर्शन आवास परियोजना का भी उद्घाटन किया, जिसका उपयोग किराए पर, एक कामकाजी महिला छात्रावास के रूप में किया जाएगा। पीएमएवी-यू के प्रौद्योगिकी उप मिशन के तहत, अब तक 6 प्रदर्शन आवास परियोजनाएं (डीएचपी) पूरी की जा चुकी हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में 7 अन्य का निर्माण किया जा रहा है। डीएचपी नई/वैकल्पिक तकनीक के साथ निर्मित मॉडल हाउसिंग प्रोजेक्ट हैं जिसका उपयोग न सिर्फ प्रौद्योगिकी के क्षेत्रीय स्तर के अनुप्रयोग को प्रदर्शित करता है बल्कि जिसका उपयोग ऐसी तकनीक के अनुप्रयोग और उपयोग पर आवास क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों और छात्रों को साइट पर अनुकूलन और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मंच के रूप में भी किया जा सकता है।