अंकुर अभियान : पड़त भूमि पर पौध-रोपण करेगा पर्यावरण विभाग| MP Ankur Abhiyaan - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 10 जून 2021

अंकुर अभियान : पड़त भूमि पर पौध-रोपण करेगा पर्यावरण विभाग| MP Ankur Abhiyaan

अंकुर अभियान : पड़त भूमि पर पौध-रोपण करेगा पर्यावरण विभाग| MP Ankur Abhiyaan

अंकुर अभियान : पड़त भूमि पर पौध-रोपण करेगा पर्यावरण विभाग| MP Ankur Abhiyaan


 

प्रदेश में हरित क्षेत्र, प्राण वायु और भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए पर्यावरण विभाग पड़त भूमि पर सघन पौध-रोपण करेगा। पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा जाकर मानसून में अधिक से अधिक पौध-रोपण के प्रयास किये जायेंगे। पौध-रोपण में छायादार-फलदार वृक्षों के पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्री श्री डंग ने यह बात पर्यावरण विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कही। मंत्री श्री डंग ने विभागीय अधिकारियों को कोविड को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण सुधार एवं संरक्षण कार्यो में शासकीय विभागों, आम नागरिक और गैर-शासकीय संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव पर्यावरण श्री मलय श्रीवास्तव और सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री ए.के.मिश्रा बैठक में उपस्थित थे।

 

अंकुर अभियान में 32 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन

 

मंत्री श्री डंग ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश को नैसर्गिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए न केवल शासकीय बल्कि वैयक्तिक स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। श्री चौहान रोज अपने हाथों से पौधा रोपित कर रहे हैं। पर्यावरण दिवस 5 जून पर मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा आरंभ 'अंकुर' अभियान में अब तक 32 हजार प्रतिभागियों द्वारा पंजीयन कराया जा चुका है। इनमें से लगभग 14 हजार प्रतिभागी वायुदूत एप में रोपित पौधों की फोटो अपलोड कर चुके हैं। छायादार-फलदार पौध-रोपण का यह जन-सहभागिता का कार्यक्रम प्रदेश को आगामी वर्षो में भरपूर ऑक्सीजन और जल उपलब्धता में सहायक होगा।

 

मंत्री श्री डंग ने कहा कि गिट्टी क्रशर मालिक पौध संरक्षण की सतत जानकारी पर्यावरण विभाग को देंगे।उन्होंने कहा कि गिट्टी क्रशर के आसपास हरियाली की कमी न हो। ग्रीन लेयर स्टोन डस्ट को सोखकर ऑक्सीजन की कमी को दूर करती है। स्टोन क्रशर मालिक अनिवार्य रूप से स्थल के आसपास वृक्षारोपण कर उनका संरक्षण करें और इसकी जानकारी समय-समय पर पर्यावरण विभाग को देते रहें। मंत्री श्री डंग ने विभागीय अधिकारियों से भी पौध संरक्षण कार्य की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न उद्योगों और संयंत्रों को पर्यावरणीय स्वीकृति एवं उनके संचालन के लिए दी जाने वाली सम्मति में वृक्षारोपण की संख्या निर्धारित किए जाने के संबंध में स्पष्ट उल्लेख किया जाए और सतत् रूप से मॉनिटरिंग की जाए।

 

शिवना नदी संरक्षण के लिए 100 करोड़ का प्रस्ताव

 

मंत्री श्री डंग ने एप्को द्वारा संचालित जल संरक्षण योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि तालाब-नदी संरक्षण योजना में शिवना नदी के संरक्षण के लिए केंद्र शासन को 100 करोड़ रूपये की राशि का प्रस्ताव भेजा गया है।