भाजपा सर्जिकल स्ट्रायक : कांग्रेस का दामन छोड़ BJP में शामिल जितिन प्रसाद | Jitin Prasad Congrees Leader in BJP - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 9 जून 2021

भाजपा सर्जिकल स्ट्रायक : कांग्रेस का दामन छोड़ BJP में शामिल जितिन प्रसाद | Jitin Prasad Congrees Leader in BJP

 भाजपा सर्जिकल स्ट्रायक : कांग्रेस का दामन छोड़ BJP में शामिल जितिन प्रसाद

भाजपा सर्जिकल स्ट्रायक : कांग्रेस का दामन छोड़ BJP में शामिल जितिन प्रसाद | Jitin Prasad Congrees Leader in BJP


कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रासद के बेटे जितिन प्रसाद ने कांग्रेस का दामन छोड़ भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया है। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की सर्जिकल स्ट्रायक शुरू हो गई है। इस बीच कुछ देर पहले ही जितिन प्रसाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय पहुंचे थे।

 जितिन प्रसाद कौन हैं 

जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव के दौर में राजनीतिक सलाहकार रह चुके हैं। 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2001 में जितेंद्र प्रसाद का निधन हो गया।

 

पिता की मृत्यु के बाद जितिन प्रसाद ने उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का फैसला किया और 2001 में उन्होंने इंडियन यूथ कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया। 2004 में जितिन प्रसाद पहली बार शाहजहांपुर सीट जीतकर लोगसभा पहुंचे थे। यूपीए-1 की सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया गया। 2009 में उन्होंने फिर धौरहरा लोगसभा सीट में अपनी जीत दर्ज कराई।

 

यूपीए-2 में जितिन को अहम मंत्रालय पेट्रोलियम और सड़क-परिवहन देकर राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। इन सब के बाद 2014 में वह चुनाव हार गए। तब से उन्हें यूपी कांग्रेस में तबज्जो नहीं मिल रहा था। कई बार उन्होंने खुले मंचों पर इसके खिलाफ नाराजगी व्यक्त करने की कोशिश भी की, लेकिन यूपी कांग्रेस ने उन्हें कई समितियों में जगह नहीं दी।

 

बता दें कि 2019 में जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने की कयास लगाई जा रही थी। बाद में उन्होंने खुद स्पष्ट किया कि वह काल्पनिक सवानों का जवाब नहीं देंगे। इसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल का चुनाव प्रभारी बना दिया गया था। जिसकी वजह से वह उत्तर प्रदेश सियासत में दूर हो गए थे।