राजस्थान के इतिहास में प्रमुख मुद्राएँ (सिक्के)
- राजस्थान के प्राचीन इतिहास के लेखन मे मुद्राओं या सिक्कों से बड़ी सहायता मिली है, ये सोने, चांदी, ताम्बे और मिश्रित धातुओं के है।
- इन पर अनेक प्रकार के चिन्ह शूल, छत्र, हाथी, घोड़े, चँवर, वृक्ष, देवी-देवताओं की आकृति, सूर्य, चन्द्र, नक्षत्र आदि खुदे रहते है।
- तिथि क्रम, शिल्प कौशल, आर्थिक स्थिति, राजाओं के नाम तथा उनकी धार्मिक अभिरूचि आदि पर ये प्रचुर प्रकाश डालते है।
- सिक्कों की उपलब्धता राज्य की सीमा निर्धारित करती है।
- राजस्थान के विभिन्न भागों में मालव, शिवि, यौधेय आदि जनपदों के सिक्के मिलते है।
- राजस्थान मे रेढ के उत्खनन से 3075 चांदी के 'पंचमार्क' सिक्के मिले है। ये सिक्के भारत के प्राचीनतम सिक्के है। इन पर विशेष प्रकार के चिन्ह टंकित है और कोई लेख नहीं है।
- 10-11वीं शताब्दी में प्रचलित सिक्कों पर गधे के समान आकृति का अंकन मिलता है, इन्हें 'गधिया सिक्के' कहा जाता है ।
- महारणा कुंभा के चांदी एवं ताम्बे के सिक्के मिलते है। मुगल शासन काल में जयपुर में 'झाड़शाही', जोधपुर में 'विजयशाही' सिक्कों का प्रचलन हुआ।
- ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों ने अपने शासक के नाम के चांदी के सिक्के ढलवाये।
राजस्थान के प्रमुख सिक्के Rajsthan Ke Pramukh Sikke
- मुहम्मदशाही सिक्के -जैसलमेर
- अखेशाही सिक्के -जैसलमेर
- विजयशाही सिक्के -जोधपुर
- भीमशाही सिक्के -जोधपुर
- गजशाही सिक्के -बीकानेर
- गुमानशाही सिक्के -कोटा
- मदनशाही सिक्के -झालावाड़
- स्वरूपशाही सिक्के -उदयपुर
- चांदोड़ी सिक्के -उदयपुर
- उदयशाही सिक्के -डुंगरपुर
- तमचाशाही सिक्के -धौलपुर