राम जन्म स्तुति लिरिक्स | रामचरितमानस में राम जन्म स्तुति | Ram Janm Stuti Lyrics - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 15 जून 2021

राम जन्म स्तुति लिरिक्स | रामचरितमानस में राम जन्म स्तुति | Ram Janm Stuti Lyrics

 राम जन्म स्तुति लिरिक्स  
रामचरितमानस में राम जन्म स्तुति
राम जन्म स्तुति लिरिक्स | रामचरितमानस में राम जन्म स्तुति | Ram Janm Stuti Lyrics


 रामचरितमानस में राम जन्म स्तुति


भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी ॥

 

लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी ।

भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी ॥

 

कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनन्ता ।

माया गुअन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनन्ता ॥

 

करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति सन्ता ।

सो मम हित लागी जन अनुरागी भयउ प्रकट श्रीकन्ता ॥

 

ब्रह्माण्ड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै ।

मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै ॥

 

उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।

कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥

 

माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा ।

कीजे सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा ॥

 

सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा ।

यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि ते न परहिं भवकूपा ॥

 

बिप्र धेनु सुर सन्त हित लीन्ह मनुज अवतार ।

निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार ॥