विदुर नीति के अनुसार बुद्धिमान व्यक्ति के क्या लक्षण होते हैं
विदुर के बारे में
महात्मा विदुर धर्म के अवतार माने जाते हैं। माण्डव ऋषि के श्राप से उन्हें शूद्रयोनि में जन्म लेना पड़ा। ये महाराज विचित्रवीर्य की दासी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। इस प्रकार ये पाण्डु और धृतराष्ट्र के एक तरह से सगे भाई थे। विदुर बड़े ही बुद्धिमान, नीतिज्ञ, धर्मज्ञ, विद्वान, सदाचारी एवं भगवदभक्त थे।
“विदुर नीति” महाभारत का एक प्रमुख भाग है जिसमे महात्मा विदुर जी ने राजा धृतराष्ट्र को लोक-परलोक में कल्याण करने वाली बातें बताई हैं।
विदुर नीति के अनुसार बुद्धिमान व्यक्ति के लक्षण
ऐसा व्यक्ति जो अच्छे कर्म करता है और बुरे कर्मों से दूर रहता है
ऐसा व्यक्ति जो ईश्वर में भरोसा रखता है और श्रद्धालु हो।
संस्कृत में
निषेवते प्रशस्तानी निन्दितानी न सेवते।
अनास्तिकः श्रद्धान एतत् पण्डितलक्षणम्।।
अर्थात : जो अच्छे कर्म करता है और बुरे कर्मों से दूर रहता है, साथ ही जो ईश्वर में भरोसा रखता है और
श्रद्धालु है, उसके
ये सद्गुण पंडित होने के लक्षण हैं।