इंद्र नेवी - 20 21अभ्यास में आईएनएस तबर शामिल | Indra Navy War Exercise 2021 - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 31 जुलाई 2021

इंद्र नेवी - 20 21अभ्यास में आईएनएस तबर शामिल | Indra Navy War Exercise 2021

 

इंद्र नेवी - 21 अभ्यास में आईएनएस तबर शामिल

इंद्र नेवी - 20 21अभ्यास में आईएनएस तबर शामिल | Indra Navy War Exercise 2021

इंद्र नेवी अभ्यास 2021 के बारे में जानकारी 

भारत और रूस की नौसेनाओं के बीच 12वां इंद्र नेवी अभ्यास बाल्टिक सागर में 28 और 29 जुलाई, 2021 को आयोजित किया गया। यह सैन्याभ्यास हर दो वर्ष बाद भारत और रूस की नौसेनाओं के बीच किया जाता है। इंद्र नेवी अभ्यास की शुरूआत 2003 में की गई थी, जो दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच मौजूद दीर्घकालीन रणनीतिक सम्बंधों का परिचायक है। उल्लेखनीय है कि रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी नौसेना का 325वां नौसेना दिवस मनाया जा रहा था, जिसमें शामिल होने के लिये आईएनएस तबर जब वहां पहुंचा, तो यह सैन्याभ्यास किया गया।

 इंद्र नेवी अभ्यास कई वर्षों से होता रहा है और इस दौरान वह परिपक्व हो चुका है। अभ्यास के इतने वर्षों में उसके दायरे, परिचालन की जटिलताओं और भागीदारी के स्तर में बढ़ोतरी हो चुकी है। इस वर्ष के अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य है कि इतने वर्षों के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं ने परिचालन की जो आपसी समझ विकसित की है, उसे और बढ़ाया जाये तथा बहुस्तरीय समुद्री गतिविधियों में तेजी लाई जाये। इस अभ्यास में समुद्री गतिविधियों के सिलसिले में विस्तृत और विभिन्न गतिविधियों को भी शामिल किया गया।

भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस तबर ने किया, जबकि रूसी संघ की नौसेना की तरफ से कॉरवेट्स आरएफएस ज़ेलायनी दोल और आरएफएस ऑदिनत्सोवो ने हिस्सा लिया। ये दोनों जहाज बाल्टिक बेड़े के हैं।

अभ्यास दो दिन चला, जिसमें जहाज पर किये जाने वाले विभिन्न पहलू शामिल थे। इनमें हवा में मार करने, पुन: पूर्ति पहुंचाने का अभ्यास, हेलीकॉप्टर परिचालन, जहाज पर सवार होने का अभ्यास और जहाज के संचालन, तैयारी, तैनाती और मोर्चाबंदी का अभ्यास शामिल था।

महामारी की बाध्यताओं के बावजूद इंद्र नेवी - 21 अभ्यास किया गया, जिसकी बदौलत दोनों देशों की नौसेनाओं में आपसी विश्वास को मजूबती मिली तथा मिलकर गतिविधियों को संचालित करने और उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करने में मदद मिली। यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के आपसी सहयोग को सुदृढ़ करने का एक और मील का पत्थर है तथा इससे दोनों देशों के बीच दीर्घकालीन मैत्री संबंध और मजबूत हुये हैं।