मध्य प्रदेश अंकुर अभियान में अब तक 2 लाख 37 हजार से अधिक लोगों ने की भागीदारी
MP Ankur Abhiyaan
पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने बताया
कि अंकुर अभियान में अब तक प्रदेश के 2 लाख 37 हजार से अधिक लोगों द्वारा
रजिस्ट्रेशन कर पौधरोपण किया जा रहा है। इनमें एक लाख 63 हजार से अधिक पुरूष और 74 हजार महिलाएँ शामिल हैं। प्रदेश में
अब तक 2 लाख 19 हजार से अधिक प्रथम फोटो वायुदूत एप पर अपलोड की जा चुकी हैं। इसमें
से सर्वाधिक 32 हजार 693 फोटो शिवपुरी जिले से हैं। इसी तरह 14 हजार से अधिक वायुदूत पर अपलोडेड दूसरी फोटो में से सर्वाधिक
बुरहानपुर जिले में 2,246 लोगों ने की है।
"अंकुर" अभियान का उद्देश्य हरित क्षेत्र में वृद्धि के साथ
प्रदेश को स्वच्छ पर्यावरण और प्राणवायु से समृद्ध प्रदेश बनाना है। कार्यक्रम में
फलदार-छायादार वृक्षों का पौधरोपण और देखभाल करने वाले जिलेवार चयनित विजेताओं को
मुख्यमंत्री "प्राणवायु'' अवार्ड
से सम्मानित कर प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगे। विजेताओं को "वृक्षवीर'' और "वृक्ष वीरांगना'' के रूप में जाना जायेगा। विजेताओं में 50 प्रतिशत पुरुष और 50 प्रतिशत महिलाएँ होंगी। इसी तरह आधे
पुरस्कार ग्रामीण और आधे शहरी क्षेत्र के लिये होंगे। कार्यक्रम में भाग लेने के
लिये प्रतिभागियों को गूगल प्ले स्टोर से "वायुदूत एप'' डाउनलोड कर पंजीयन कराना होगा। अभियान
के प्रथम चरण के प्रथम फोटो 30
सितंबर 2021 तक और दूसरी फोटो 31 अक्टूबर 2021 तक अपलोड की जा सकती है।
प्रतिभागियों को स्वयं के संसाधन से कम से कम
एक पौध का रोपण कर पौधे की फोटो तथा एक माह बाद रोपित पौधे की नई फोटो पुन: एप पर
डाउनलोड करना होगी। प्रतिभागी सहभागिता प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। कार्यक्रम
के क्रियान्वयन के लिये पर्यावरण नियोजन समन्वय संगठन (एप्को) को नोडल एजेंसी
बनाया गया है।
पौध-रोपण घर के आँगन, शासकीय, अशासकीय भूमि,
सामुदायिक
स्थानों पर किये जा सकेंगे। पौध-रोपण के पहले प्रतिभागी को संबंधित भू-स्वामी से
सहमति लेनी होगी। शासकीय और सामुदायिक स्थल पर किये गये पौध-रोपण से भविष्य में
होने वाले लाभों के प्रथम हकदार समाज या राज्य शासन होंगे। यह शर्त निजी भूमि पर
लागू नहीं होगी। पौध-रोपण से प्रतिभागी को उक्त भूमि के स्वामित्व का कोई अधिकार
नहीं होगा। प्रतिभागी केवल प्रतियोगिता के संभावित पुरस्कार के ही हकदार होंगे।
इच्छुक प्रतिभागियों को स्थल एवं वृक्ष प्रजाति का चयन और पौधे की सुरक्षा स्वयं
करना होगी।