सौर ऊर्जा के न्यूनतम टैरिफ में मध्यप्रदेश ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड |minimum tariff of solar energy in Country - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 11 अगस्त 2021

सौर ऊर्जा के न्यूनतम टैरिफ में मध्यप्रदेश ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड |minimum tariff of solar energy in Country


देश में सौर ऊर्जा के न्यूनतम टैरिफ में मध्यप्रदेश ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड
शाजापुर के बाद नीमच सोलर पार्क से मिलेगी 2 रुपये 14 पैसे प्रति यूनिट बिजली
ऐतिहासिक सफलता के लिये मंत्री श्री डंग ने विभाग को दी बधाई
सौर ऊर्जा के न्यूनतम टैरिफ में मध्यप्रदेश ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड |minimum tariff of solar energy in Country



सौर ऊर्जा न्यूनतम टैरिफ

सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में मध्यप्रदेश में सबसे सस्ती सौर ऊर्जा का रिकॉर्ड आज नीमच सोलर परियोजना के लिये हुई बिडिंग में ध्वस्त हो गया। गत 19 जुलाई को शाजापुर सोलर प्लांट के लिये हुई बिडिंग में प्राप्त 2 रुपये 33 पैसे प्रति यूनिट का रिकॉर्ड तोड़ते हुए आज नीमच सोलर पार्क के लिये बिडिंग न्यूनतम टैरिफ 2 रुपये 14 पैसे प्रति यूनिट पर समाप्त हुई। न्यूनतम ऑफर के आधार पर नीमच सोलर पार्क की 160 मेगावॉट की यूनिट-1 दो रुपये 149 पैसा और 170 मेगावॉट की यूनिट-2 दो रुपये 14 पैसा के लिये टाटा पॉवर की टीपी सौर्या लिमिटेड का चयन किया गया। वहीं 170 मेगावॉट की यूनिट-3 के लिये 2 रुपये 15 पैसे प्रति यूनिट दर के लिये दुबई की अल जोमेह एनर्जी एण्ड वॉटर कम्पनी को चुना गया।

 

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि नीमच प्लांट के लिये बुधवार को हुई बिडिंग में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की 15 कम्पनियों ने भाग लिया। इनमें अवाडा एनर्जी प्रायवेट लिमिटेड, एनएचडीसी, अज्योर पॉवर इण्डिया, एसीएमई सोलर होर्डिंग प्रायवेट लिमिटेड, गेल (इण्डिया), टोरेंट पॉवर, टीपी सौर्या, अयाना रिन्यूबल पॉवर, एनटीपीसी, स्प्रिंग अक्षय ऊर्जा प्रायवेट लिमिटेड, बीमपाव एनर्जी और एबीआरईएल एसपीवी 2 लिमिटेड शामिल हैं। श्री डंग ने बताया कि यह परियोजना लगभग एक हजार हेक्टेयर भूमि पर 1750 करोड़ के निजी निवेश से स्थापित की जायेगी। परियोजना से मार्च-2023 तक विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है। परियोजना स्थापना के दौरान लगभग 2500 और परियोजना संचालन में लगभग 500 लोगों को रोजगार मिलेगा।

 

श्री डंग ने इसके लिये विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का लगातार रुझान बढ़ रहा है। इसका कारण निवेशकों को समय पर शत-प्रतिशत भुगतान, भूमि की आसान उपलब्धता और उन्हें दी जाने वाली सुविधाएँ हैं। सोलर प्लांट बंजर भूमि पर स्थापित किये जा रहे हैं। इससे बेकार पड़ी भूमि का भी सदुपयोग बढ़ेगा। सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने नीतिगत नवाचारों से अपनी एक अलग पहचान बनाई है।