क्रांतिकारी ऊधम सिंह के बारे में 10 लाइन
क्रांतिकारी ऊधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899
- 26 दिसम्बर 1899 में पंजाब के संगरूर ज़िले के ‘सुनाम’ में पैदा हुए ऊधम सिंह एक राजनीतिक कार्यकर्त्ता थे, जो अमेरिका में रहते हुए गदर पार्टी से जुड़े हुए थे।
- उधमसिंह का बचपन का नाम शेर सिंह और उनके भाई का नाम मुक्तासिंह था जिन्हें अनाथालय में क्रमश: उधमसिंह और साधुसिंह के रूप में नए नाम मिले।
- गदर पार्टी साम्यवादी प्रवृत्ति का एक बहु-जातीय दल था और इसकी स्थापना वर्ष 1913 में सोहन सिंह भाकना द्वारा की गई थी। कैलिफोर्निया स्थित यह दल अंग्रेज़ों को भारत से बाहर निकालने के लिये प्रतिबद्ध था।
- 13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला बाग में आयोजित एक शांतिपूर्ण बैठक में शामिल लोगों पर ब्रिगेडियर जनरल रेगीनाल्ड डायर ने गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें हज़ारों निहत्थे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे मारे गए थे।
ऊधम सिंह माइकल ओ' ड्वायर की हत्या
- यद्यपि गोली चलाने का आदेश जनरल डायर द्वारा दिया गया था, किंतु ऊधम सिंह समेत अधिकांश लोगों ने माइकल ओ' ड्वायर को इस नरसंहार का ज़िम्मेदार माना, क्योंकि वह उस समय पंजाब के उप-राजपाल था और जनरल डायर उसी के आदेश पर काम कर रहा था।
- इसी के मद्देनज़र 13 मार्च, 1940 को ऊधम सिंह ने ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ और ‘रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी’ की कैक्सटन हिल में एक बैठक में ओ'डायर को गोली मार दी। उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया और ब्रिक्सटन जेल भेज दिया गया।
- इस दौरान उन्होंने पुलिस के बयानों और अदालत की कार्यवाही में स्वयं को ‘मोहम्मद सिंह आज़ाद’ के रूप में संदर्भित किया, जो कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक था।
- हत्या के अपराध में क्रांतिकारी ऊधम सिंह को मौत की सज़ा सुनाई गई और 31 जुलाई, 1940 को पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।