फोर्टिफाइड राइस : एक रूपये प्रति किलो मिलेगा फोर्टिफाइड राइस
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण
मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने प्रदेश में राइस फोर्टिफिकेशन पायलट योजना को लांच
करते हुए कहा कि फोर्टिफाइड चावल मानव शरीर में एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की
कमी को दूर करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच के
अनुसार वर्ष 2024 तक फोर्टिफाइड राइस राशन की दुकानों से वितरित कराया जायेगा एवं
बच्चों को मध्यान्ह भोजन में फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
एक रूपये प्रति किलो मिलेगा फोर्टिफाइड राइस
खाद्य मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सिंगरौली
में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ इस योजना में फोर्टिफाइड चावल एक रूपये
प्रति किलोग्राम की दर से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकानों पर
उपलब्ध कराया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने कुछ हितग्राहियों को फोर्टिफाइड चावल का
वितरण किया और सिंगरौली में मिल मालिकों को उनके योगदान के लिये सम्मानित किया।
चावल फोर्टीफिकेशन के बारे में
मैनेजिंग डायरेक्टर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड श्री तरुण पिथोड़े ने कहा कि “चावल फोर्टीफिकेशन के लिए यह एक आदर्श योजना है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फोर्टिफाइड चावल को शामिल करने से राज्य में आबादी की पोषण स्थिति में सुधार के लिए एक स्थायी और कम लागत का प्रभावी तरीका उपलब्ध होगा। वर्ष 2006 से न्यूट्रिशन इंटरनेशनल, मध्यप्रदेश सरकार के साथ काम करने वाला एक वैश्विक पोषण संगठन है। फ़ूड (खाद्य) फोर्टिफिकेशन को एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम और पोषण अभियान के माध्यम से एनीमिया को कम करने के लिए एक कम लागत वाले प्रभावी हस्तक्षेप के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई है। उपलब्ध विभिन्न खाद्य पदार्थों के फोर्टीफिकेशन में, भिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों को वितरित करने के लिए चावल को एक उत्कृष्ट खाद्य पदार्थ माना जाता है, क्योंकि भारत में 65% भारतीय चावल का सेवन करते हैं और भारत में प्रति व्यक्ति चावल की खपत 6.8 किलोग्राम प्रति माह है।
नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस, एन.एस.एस.ओ.
2015 के अनुसार चावल सभी सरकारी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों जैसे की मध्यान्ह
भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, समेकित बाल विकास योजना (आई.सी.डी.एस.) के
तहत वितरित किये गए अनाज का एक महत्वपूर्ण प्रतिशत है। फोर्टिफाइड चावल, यदि इन वितरण चैनलों के माध्यम से प्रदान
किया जाता है तो अधिकतम जनसँख्या तक फोर्टिफाइड चावल की पहुँच सुनिश्चित की जा
सकती है, और हम लगभग हर परिवार तक पहुँच सकते हैं।
न्यूट्रीशन इंटरनेशनल की श्रीमती मानसी शेखर
ने कहा कि “फोर्टिफाइड
खाद्य पदार्थों का वितरण अतिसंवेदनशील आबादी जैसे बच्चों और महिलाओं के बीच
सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने का सबसे प्रभावी, किफायती और टिकाऊ तरीकों में से एक है।
फोर्टिफाइड राइस के फायदे
आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया मध्यप्रदेश
के लिए चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि 6 से 59 महीने के 68.9% बच्चे, प्रजनन आयु की 52.5% महिलाएँ, 54.6% गर्भवती महिलाएँ और 10 से 19 वर्ष की
आयु के 21.2% किशोर एनीमिया से पीड़ित हैं। एनीमिया मुक्त भारत अभियान और पोषण
अभियान को सघन रूप से लागू करके राज्य सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए ठोस
प्रयास कर रही है। राज्य भर में लागू आयरन और फोलिक एसिड पूरक कार्यक्रम गर्भवती
और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, किशोर
लड़कियों-लड़कों और बच्चों तक पहुँचने में सफल रहा है। सरकार को उम्मीद है कि फूड
फोर्टिफिकेशन एक अनुपूरक रणनीति है, जिससे राज्य में
एनीमिया को कम करने में भी मदद मिलेगी।
फोर्टिफाइड राइस क्या होता है
दरअसल भोजन के जरिए हमारे शरीर में विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्व पहुंचते हैं, लेकिन आज के दौर में खान-पान के बदलते तौर-तरीकों और गरीब वर्ग के असंतुलित भोजन की वजह से इनकी कमी बढ़ गई है। इसे दूर करने के लिए कंपनियों द्वारा बनाए विटामिन और मिनरल को प्रोसेसिंग के जरिए खाद्य पदार्थों में अलग से मिलाया जाता है। यानी अलग से विटामिन और मिनरल आपके खाने में पहुंचाए जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को ही फूड फोर्टिफिकेशन कहा जाता है। बता दें कि फोर्टिफाइड चावल में आयरन, विटामिन बी12, फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है। इस चावल को खाने से कुपोषण दूर होने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें पाए जाने वाले आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन-ए, विटामिन-बी1, विटामिन-बी12, आदि इसकी पोषक क्षमता बढ़ा देते हैं।