कॉमाशियल वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप एवं रियर मार्किंग प्लेट अनिवार्य - परिवहन मंत्री श्री राजपूत
परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री गोविन्द सिंह
राजपूत ने बताया कि प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के परिवहन विभाग एक
और प्रभावी पहल करने जा रहा है। बिना मानक गुणवत्ता के रिफ्लेक्टर टेप (परावर्ती
पट्टिकाओं) वाले कामर्शियल वाहनों को अब फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में समस्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को आवश्यक
निर्देश जारी किये गये है। रात्रि में या सर्दियों के मौसम में कोहरे के समय सड़क
दुर्घटनाओं का मुख्य कारण दूर खडे़ या दूर से आ रहे वाहन का नहीं दिखाई पड़ना होता
है। ऐसे में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 4.5 लाख सड़क
दुर्घटनाओं में लगभग 1.5 लाख व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है।
परिवहन मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि वाहनों
पर लगाई जाने वाली रिफ्लेक्टर टेप एआईएस मापदण्डों के अनुरूप होना चाहिए। इस संबंध
में एसओपी जारी कर इस प्रक्रिया को पूर्णत: कम्प्यूटीकृत किया जा रहा है। वाहन
निर्माताओं के अधिकृत डीलरों द्वारा वाहन पर लगाये गए रिफ्लेक्टर टेप का
सर्टिफिकेट पोर्टल के माध्यम से ही जनरेट होकर प्रिंट हो सकेगा। सर्टिफिकेट पर
वाहन पर लगाये गए रिफ्लेक्टर टेप की विस्तृत जानकारी जैसे लम्बाई, चौड़ाई, रंग, टेप का निर्माण वर्ष, कोड, निर्माता का नाम तथा वाहन की जानकारी, जैसे वाहन पंजीयन क्रमांक, चेचिस नम्बर, इंजन नम्बर, वाहन श्रेणी, वाहन की बॉडी का प्रकार आदि अंकित
रहेगा।
परिवहन आयुक्त श्री मुकेश जैन ने बताया कि
रिफ्लेक्टर टेप प्रमाण-पत्र पोर्टल पर सदैव उपलब्ध रहेंगा, जिसका सत्यापन किसी भी समय किया जा
सकता है। सर्टिफिकेट पर क्यूआर कोड भी अंकित रहेगा, जिसे स्कैन कर सत्यापित किया जा सकता
है। वाहन का फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करने के पूर्व सम्बधित आरटीओ को पोर्टल के
माध्यम से रिफ्लेक्टर टेप/रियर मार्किंग प्लेट फिक्सेशन सर्टिफिकेट की जाँच करना
अनिवार्य होगा। इसके उपरांत ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जा सकेगा। वाहन जाँच
के समय प्रर्वतन अमला/पुलिस सर्टिफिकेट पर अंकित क्यूआर कोड और पोर्टल के माध्यम
से सर्टिफिकेट की जाँच कर सर्टिफिकेट की सत्यता जाँच कर सकेंगे। इस प्रक्रिया से
किसी भी वाहन पर अमानक स्तर के रिफ्लेक्टर, रिफ्लेक्टर टेप, रियर मार्किंग प्लेट लगाया जाना संभव
नहीं होगा, जिससे
निश्चित रूप से वाहन दुर्घटनाओं में कमी आएगी।