भौगौलिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला शैली
भौगौलिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला शैली को चार भागों में बांटा गया है। जिन्हें स्कूल कहा जाता है।
01 मेवाड़ स्कूल-
- उदयपुर शैली, नाथद्वारा शैली, चावण्ड शैली, देवगढ़ शैली, शाहपुरा, शैली।
2. मारवाड़ स्कूल
- जोधपुर शैली, बीकानेर शैली जैसलमेर शैली, नागौर शैली, किशनगढ़ शैली ।
3. ढुढाड़ स्कूल-
- जयपुर शैली, आमेर शैली, उनियारा शैली, शेखावटी शैली, अलवर शैली ।
4. हाडौती स्कूल-
- कोटा शैली, बुंदी शैली, झालावाड़ शैली ।
चित्रकला शैली की पृष्ठभूमि का रंग
- हरा- जयपुर की अलवर शैली
- गुलाबी / श्वेत- किशनगढ़ शैली
- नीला कोटा शैली
- सुनहरी - बूंदी शैली
- पीला - जोधपुर व बीकानेर शैली
- लाल - मेवाड़ शैली
चित्रकला शैली और पशु तथा पक्षी
- हाथी व चकोर- मेवाड़ शैली
- चील/कौआ व ऊंट- जोधपुर तथा बीकानेर शैली
- हिरण / शेर व बत्तख कोटा तथा बूंदी शैली
- अश्व व मोर- जयपुर व अलवर शैली
- गाय व मोर - नाथद्वारा शैली
चित्रकला शैली और वृक्ष
- पीपल / बरगद - जयपुर तथा अलवर शैली
- खजूर कोटा तथा बूंदी शैली
- आम - जोधपुर तथा बीकानेर शैली
- कदम्ब - मेवाड़ शैली
- केला - नाथद्वारा शैली
चित्रकला शैली और नयन / आंखे
- खंजर समान- बीकानेर शैली
- मृग समान मेवाड शैली
- आम्र पर्ण- कोटा व बूंदी शैली
- मीन कृत: जयपुर व अलवर शैली
- कमान जैसी- किशनगढ़ शैली
- बादाम जैसी- जोधपुर शैली