भौगौलिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला शैली। Rajsthan Ki Chitrakala Sahili Ke Prakar - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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रविवार, 19 दिसंबर 2021

भौगौलिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला शैली। Rajsthan Ki Chitrakala Sahili Ke Prakar

भौगौलिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला शैली

भौगौलिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला शैली। Rajsthan Ki Chitrakala Sahili Ke Prakar



भौगौलिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला शैली को चार भागों में बांटा गया है। जिन्हें स्कूल कहा जाता है। 


01 मेवाड़ स्कूल- 

  • उदयपुर शैलीनाथद्वारा शैलीचावण्ड शैलीदेवगढ़ शैलीशाहपुराशैली। 

2. मारवाड़ स्कूल 

  • जोधपुर शैलीबीकानेर शैली जैसलमेर शैलीनागौर शैलीकिशनगढ़ शैली । 

3. ढुढाड़ स्कूल- 

  • जयपुर शैलीआमेर शैलीउनियारा शैलीशेखावटी शैलीअलवर शैली । 

4. हाडौती स्कूल- 

  • कोटा शैलीबुंदी शैलीझालावाड़ शैली ।

 
चित्रकला शैली की पृष्ठभूमि का रंग

 

  • हरा- जयपुर की  अलवर शैली 
  • गुलाबी / श्वेत- किशनगढ़ शैली 
  • नीला कोटा शैली  
  • सुनहरी - बूंदी शैली 
  • पीला - जोधपुर व बीकानेर शैली 
  • लाल - मेवाड़ शैली 

चित्रकला शैली और पशु तथा पक्षी

  • हाथी व चकोर- मेवाड़ शैली
  • चील/कौआ व ऊंट- जोधपुर तथा बीकानेर शैली 
  •  हिरण / शेर व बत्तख कोटा तथा बूंदी शैली 
  • अश्व व मोर- जयपुर व अलवर शैली
  • गाय व मोर - नाथद्वारा शैली

 

चित्रकला शैली और वृक्ष

 

  •  पीपल / बरगद - जयपुर तथा अलवर शैली 
  • खजूर कोटा तथा बूंदी शैली 
  • आम - जोधपुर तथा बीकानेर शैली
  • कदम्ब - मेवाड़ शैली 
  • केला - नाथद्वारा शैली

 

चित्रकला शैली और नयन / आंखे

 

  • खंजर समान- बीकानेर शैली 
  • मृग समान मेवाड शैली 
  • आम्र पर्ण- कोटा व बूंदी शैली 
  • मीन कृत: जयपुर व अलवर शैली 
  • कमान जैसी- किशनगढ़ शैली
  • बादाम जैसी- जोधपुर शैली