मध्य प्रदेश राजस्व विभाग समीक्षा ::पुराने अभिलेखों का डिजिटाइजेशन कार्य 2023 में पूर्ण करने का लक्ष्य । MP Revenue Dept Review - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 11 जनवरी 2022

मध्य प्रदेश राजस्व विभाग समीक्षा ::पुराने अभिलेखों का डिजिटाइजेशन कार्य 2023 में पूर्ण करने का लक्ष्य । MP Revenue Dept Review

 मध्य प्रदेश राजस्व विभाग  समीक्षा

 MP Revenue Dept Review

मध्य प्रदेश राजस्व विभाग  समीक्षा ::पुराने अभिलेखों का डिजिटाइजेशन कार्य  2023 में पूर्ण करने का लक्ष्य । MP Revenue Dept Review



मध्य प्रदेश राजस्व विभाग  समीक्षा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भूमि संबंधी रिकार्ड के डिजिटाइजेशन के कार्य में प्रदेश में सराहनीय कार्य हुआ है। भारत सरकार द्वारा स्वामित्व योजना में मध्यप्रदेश को सभी राज्यों में बेहतर माना गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हरदा में हुए कार्य की प्रशंसा की थी। मध्यप्रदेश ड्रोन तकनीक के उपयोग में भी आगे बढ़ रहा है। निरंतर ड्रोन तकनीक का विस्तार करते हुए वर्षांत तक 60 ड्रोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। ड्रोन फ्लाइंग के लिए 50 हजार ग्रामों का लक्ष्य और अधिकार अभिलेख निर्माण के लिए 42 हजार ग्रामों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वामित्व योजना का विस्तार कर प्रदेश के सभी जिलों को लाभान्वित किया जाए। गत माह वाराणसी कॉन्क्लेव में भी मध्यप्रदेश की इस उपलब्धि की चर्चा हुई थी। विभाग के अन्य सकारात्मक कार्यों से भी नागरिकों को अवगत करवाने की ठोस पहल की जाएगी।

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में राजस्व विभाग की गतिविधियों की समीक्षा का रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी और विभिन्न उपयोगी पोर्टल के अधिकाधिक उपयोग के निर्देश दिए। बैठक में राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

 

स्वामित्व योजना में सबसे आगे मध्यप्रदेश

 

स्वामित्व योजना में प्रदेश में 4971 ग्रामों में अधिकार अभिलेख प्रकाशन का कार्य पूरा हो गया है। प्रदेश में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर 8 हजार 331 नक्शे तैयार किए गए। प्रदेश में ड्रोन फ्लाइंग ग्रामों की संख्या इस समय 13 हजार 765 है। संशोधन के उपरांत 6 हजार 307 नक्शों को अंतिम रूप दिया गया। प्रदेश के 3500 ग्रामों के 2.71 लाख अधिकार अभिलेख समारोहपूर्वक वितरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 06 अक्टूबर 2021 को वर्चुअली प्रदेश के हितग्राहियों को इनका वितरण किया था। मध्यप्रदेश को भारत सरकार द्वारा 11 में से 11 अंक प्रदान कर सबसे आगे माना गया है। इस कार्य में मिजोरम, हरियाणा, सिक्किम, दमन दीव, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक 8 से 10 अंक प्राप्त करने वाले राज्यों में शामिल हैं।

 

आमजन को नियमित रूप से उपलब्ध हों पटवारी

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रामों में राजस्व विभाग की पहचान पटवारी से है। यदि पटवारी सप्ताह में कम से कम दो दिन आमजन को उपलब्ध रहे तो यह आम जनता को बड़ी राहत होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विभागीय कार्यों में जो कर्तव्य पालन में श्रेष्ठ हैं उन्हें पुरस्कृत करें, साथ ही लापरवाह कर्मचारी को दंडित करने में भी पीछे न रहें। राजस्व विभाग में ईज ऑफ डूइंग को बढ़ाया जाए। मध्यप्रदेश में 8500 पटवारियों को लेपटॉप के लिए राशि प्रदान की गई है।

 

फसल क्षति के आकलन के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाएं

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के पश्चात यह बहुत आवश्यक है कि वास्तविक प्रभावित व्यक्तियों को राहत राशि मिले। इसके लिए यह जरूरी है कि क्षति का आकलन सही-सही हो। इस दिशा में वैज्ञानिक उपायों पर अमल किया जाए। वर्तमान में क्षति के आकलन का जो तरीका है, उसमें कुछ दोष हो सकते हैं। इन दोषों को दूर करते हुए नवीन तकनीक और नवीन विधियों का उपयोग कर एक मॉडल विकसित किया जाए। कृषि और राजस्व विभाग समन्वय कर इस कार्य को पूरा करें।

 

आवासीय भू-अधिकार योजना के अंतर्गत होंगे कार्यक्रम

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में पात्र लोगों को भूमि देने का कार्य किया जाए। प्रदेश में वर्तमान में योजना के अंतर्गत एक लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि यह व्यापक हित में लागू की गई योजना है।

 

नवाचारों को जानेगी आम जनता

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व कार्यों से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि आम जनता को ऐसे महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी विभिन्न प्रचार माध्यमों से प्रदान की जाए। विभागीय नवाचारों से आमजन को अवगत करवाने के लिए जिला और तहसील स्तर पर कार्यशालाएँ हों। भू-अर्जन के प्रकरणों का ऑनलाइन निपटारा करने के लिए मॉड्यूल निर्माण की पहल की गई है। इसके अंतर्गत इसी माह मॉड्यूल का उपयोग प्रारंभ हो रहा है।

 

मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना और धारणाधिकार

 

प्रदेश में 28 अक्टूबर 2021 से लागू मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में आबादी स्थल पर पात्र परिवारों को आवासीय भूखण्ड उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। प्रदेश में योजना में दो माह में 78 हजार 656 आवेदन मिले हैं। पात्र परिवारों को आवासीय भूखण्ड का वितरण किया जाएगा। कलेक्टर आवश्यकतानुसार नवीन आबादी क्षेत्र घोषित कर सकेंगे। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 31 दिसम्बर 2014 के पहले शासकीय भूमि पर कब्जा कर बनाए गए मकानों और दुकानों का पट्टा प्रदाय करने का कार्य किया जा रहा है। योजना में दर्ज प्रकरणों में से 11 हजार 906 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। लोक सेवा केन्द्र, एमपी ऑनलाइन के माध्यम से अथवा आवेदक द्वारा स्वयं "रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल'' के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

 

मध्यप्रदेश सायबर तहसील सायबर तहसीलदार

 

प्रदेश में सायबर तहसील के सृजन के लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी की गई है। यह पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है। इस व्यवस्था में पक्षकारों को समक्ष में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती। पदस्थ अधिकारी को सायबर तहसीलदार का नाम देकर रजिस्ट्रेशन विभाग से समन्वय किया जा रहा है। तकनीकी कार्य-योजना की संकल्पना तैयार कर कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जा रही है। वित्त वर्ष में सायबर तहसील से जुड़े कार्यों के लिए 8.85 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान है। प्रदेश में अविवादित नामांतरण को पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड कर आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होगी। इश्तेहार और दावा आपत्ति से लेकर दस्तावेज सत्यापन, जरूरत होने पर ऑनलाइन सुनवाई, आदेश जारी करने, आदेश अनुपालन और अपडेटेड खसरा प्रतिलिपि तैयार होने की प्रक्रिया कम्प्यूटर पर होगी। यह कार्य इसी वर्ष पूरा करने का लक्ष्य है। सीमांकन की प्रस्तावित प्रक्रिया कोर्स नेटवर्क एवं रोवर से होगी। ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होगी। यह कार्य लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत आसामीवार/भूमि स्वामीवार खतौनी प्रदान और भूमि उपयोग के प्रावधान का उपयोग कर कार्य किया जा रहा है। अगले वर्ष तक इसे भी पूर्ण करने का लक्ष्य है। भूमि उपयोग के अंतर्गत व्यक्ति किसी भी भूमि पर उपस्थित होकर उससे संबंधित जानकारी मोबाइल एप पर जान सकेगा। इस जानकारी में खसरा नंबर, क्षेत्रफल, भूमि का प्रकार जैसे निजी, शासकीय अथवा वन भूमि और मास्टर प्लान अनुसार भूमि का उपयोग भी जाना सकेगा। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास और वन विभाग से समन्वय कर आगामी वर्ष तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।

 

मध्यप्रदेश में भू-अभिलेखों का डिजिटाइजेशन

 

मध्यप्रदेश में सभी पुराने अभिलेखों का डिजिटाइजेशन कार्य जून 2020 में प्रारंभ किया गया है जो, जून 2023 में पूर्ण करने का लक्ष्य है। कोर्स तकनीक द्वारा सटीक सर्वे और सीमांकन का कार्य करने के लिए जिलों में 90 कोर्स स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इसी वित्तीय वर्ष में यह कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। कमांड एवं कंट्रोल सेंटर भी बन रहे हैं। सीमांकन के कार्य की प्रक्रिया का निर्धारण किया जा रहा है। लैंड टाइटल प्रणाली के क्रियान्वयन के लिए भूमि सुधार आयोग की नौ बैठकें हो चुकी हैं। सितम्बर 2023 तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है। पुराने भू-अभिलेखों के करीब 15 करोड़ पृष्ठ डिजिटाइज किए जाएंगे। अब तक 1.60 करोड़ पृष्ठ डिजिटाइज कर लिए गए हैं। पंचसाला खसरा, खतौनी एवं मिसल बंदोबस्त को प्राथमिकता से डिजिटाइज करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

ग्रामीण आबादी का सर्वे

 

प्रदेश में ग्रामीण आबादी क्षेत्रों का सर्वेक्षण वित्त वर्ष 2021-22 में 05 हजार ग्रामों और अगले दो वित्त वर्ष में समस्त ग्रामों में कर लिया जाएगा। वर्तमान में 05 जिलों में कार्य पूर्णता की स्थिति में है। नगरीय क्षेत्रों में हरसूद नगर पालिका को पॉयलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। आगामी वित्त वर्ष में 50 नगरीय निकायों के सर्वेक्षण का लक्ष्य है।

 

गवर्नमेंट प्रेस भोपाल का आधुनिकीकरण

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शासकीय मुद्रणालयों की कार्य-प्रणाली की जानकारी भी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि गवर्नमेंट प्रेस भोपाल का आधुनिकीकरण किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे शीघ्र ही गवर्नमेंट प्रेस भोपाल का निरीक्षण करेंगे। प्रदेश में वर्तमान वित्त वर्ष में केन्द्रीय मुद्रणालय के आधुनिकीकरण के लिए 6.12 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है।

 

आई.टी. के प्रयोग में आगे राजस्व विभाग

 

राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी ने प्रजेटेंशन में बताया कि प्रदेश में साढ़े तीन करोड़ खसरे की प्रतियां देने का कार्य क्रांतिकारी उपलब्धि है। विभाग द्वारा दी जा रही अन्य सेवाएँ भी ऑनलाइन हो रही हैं। अनेक सेवाएँ मोबाइल पर भी उपलब्ध होने लगी हैं। स्वामित्व योजना में युवा पटवारियों ने सूचना प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग किया है। हरदा जिले से शुरू की गई इस योजना के कार्यों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था। प्रदेश में डायवर्सन कार्य में भी कार्य निष्पादन की नई विधि का 1.55 लाख लोगों ने लाभ लिया है।

 

पीएम किसान सम्मान निधि मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर

 

पीएम किसान सम्मान निधि में देश में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में 90.67 लाख पंजीयन हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों को लाभान्वित करने का कार्य युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हाल ही में योजना में किसानों को राशि की 11वीं किश्त का भुगतान किया गया। प्रदेश में वर्तमान वित्त वर्ष में 76.53 लाख हितग्राहियों को दूसरी किश्त की राशि प्रदान की गई। अब तक 4569 करोड़ रूपए का लाभ किसानों को दिया गया है। मध्यप्रदेश में पंचायतों में हितग्राहियों के नामों का वाचन कर पात्र लोगों को जोड़ने का कार्य भी किया जाएगा।

 

मध्य प्रदेश राजस्व न्यायालयों में भौतिक अधोसंरचना आपूर्ति

 

प्रदेश में वर्ष 2018-19 से अब तक 248 राजस्व न्यायालय भवनों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके लिए 656.7 करोड़ की राशि का प्रावधानकिया गया है। पुराने भवनों के मरम्मत के कार्य भी हाथ में लिए गए हैं। नवीन अधिसूचित तहसीलों के लिए पूर्व में मंजूर किए गए लेआउट के अनुसार आगामी वर्ष में भवन का प्रावधान किया गया है। भविष्य में तहसील भवन और कलेक्टर कार्यालय पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत बनाना प्रस्तावित है। इस वर्ष भौतिक अधोसंरचना विकास कार्यों के लिए 154.88 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है।

 

मुख्यमंत्री की घोषणाओं की पूर्ति

 

मुख्यमंत्री की 31 घोषणाओं की पूर्ति कर ली गई है। इनमें खंडवा जिले के मूंदी और किल्लोद, टीकमगढ़ जिले की दिगोड़ा और बुरहानपुर जिले की धूलकोट नवीन तहसीलें प्रारंभ करने भी शामिल है। मुख्यमंत्री मॉनिट में प्रकरणों का निराकरण किया गया है। राजस्व संग्रहण के लक्ष्य की पूर्ति करते हुए 366.53 करोड़ की राजस्व प्राप्ति चालू साल में की गई है। भू-माफियाओं से अतिक्रमित भूमि मुक्त कराकर आवासहीनों को देने, ग्राम सभा द्वारा किसान सम्मान निधि में हितग्राहियों के सत्यापन का कार्य भी किया जा रहा है।

 

राजस्व प्रकरणों का निराकरण और अभिलेख शुद्धिकरण

 

मध्यप्रदेश में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में 20 लाख 40 हजार 687 प्रकरण निराकृत किए गए हैं। यह पंजीकृत प्रकरणों का 76 प्रतिशत है। नामांतरण के पंजीकृत प्रकरणों में से 9 लाख 19 हजार 23 प्रकरण निराकृत किए गए हैं, जो पंजीकृत प्रकरणों का 82 प्रतिशत है। इसी तरह सीमांकन के एक लाख 687 प्रकरण निराकृत किए गए हैं, जो पंजीकत प्रकरणों का 73 प्रतिशत है। बंटवारा के एक लाख 22 हजार 982 प्रकरण निराकृत हुए हैं, जो 70 प्रतिशत है। अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े के अंतर्गत गत नवम्बर माह में विभिन्न राजस्व त्रुटियों को सुधारने का कार्य किया गया। इन कार्यों में भूमि प्रकार, भूमि स्वामी प्रकार, रिक्त भूमि स्वामी, शून्य क्षेत्र फल, मूल बटांक खसरा, आंकिक खसरा, डायवर्सन डाटा एंट्री, डाटा परिमार्जन और फौती नामांतरण के प्रकरण में अभिलेखों का सुधार किया गया। ऑनलाइन भू-अभिलेख प्रतिलिपि प्रदान करने का कार्य किया गया। राजस्व कार्यों में जरीब या जंजीर के स्थान पर आधुनिक मशीन के उपयोग की पहल भी की जा रही है।