राजस्थान के प्रमुख त्योहार एवं उत्सव
राजस्थान के प्रमुख त्योहार एवं उत्सव
- यद्यपि राजस्थान की मरूभूमि शुष्क है फिर भी उत्सवों त्योहारों एंव पारस्परिक मेल-मिलाप से रंग-रसमय है। राजस्थान में हिन्दू मुस्लिम और इसाइयों के सभी त्यौंहार उत्साह, उल्लासपूर्वक प्रेम भाई चारे के साथ सोहार्दपूर्ण वातावरण में मनाकर मानवीय एकता, सहिष्णुता का प्रदर्शन करते हैं ।
- यहाँ के प्रमुख लोकोत्सव में गणगौर और तीज का महत्वपूर्ण स्थान है। गणगौर का उत्सव होलिकात्सव लेकर चैत्र शुक्ला तृतीया तक चलता है। सधवास्त्रियाँ और कुमारियां सुहाग की अमरता एवं अच्छे वर की अभिलाषा में ईसर - ईसरी जी की पूजा करती है।
- यह उत्सव जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा में गणगौर की सवारी निकालकर बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। तीज का त्यौंहार भाद्रपद कृष्णा तृतीया को बालिकाएँ एवं नवविवाहिताएँ प्रकृति के प्रांगण में गीतों का गायनकर, झूलों में झूलकर, नवीन पोशाक पहन कर, और मेहन्दी रचाकर मनाती हैं। जयपुर की तीज की सवारी प्रसिद्ध हैं।
राजस्थान के धार्मिक त्योहारों के अन्तर्गत
- हिन्दू दीपावली, होली, दशहरा, अक्षयतृतीया, रक्षाबन्धन, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, शरदपूर्णिमा, बसन्तपंचमी, नागपंचमी, रामनवमी, हनुमान जयन्ती, शिवरात्री, अन्नकूट महोत्सव और गोवर्धन पूजा आदि परम्परागत तरीके से हर्षोल्लासपूर्वक मनाते हैं।
- जैन समाज में महावीर जयन्ती तथा भाद्रपद मास में पर्युषण पर्व व्रत, तप और अर्चना के सा मनाते है। मुस्लिम समाज के प्रमुख त्यौहार इदुलजुहा, इदुलफितर, शबेरात, मोहर्रम और बारावफात उत्साह एवं भाईचारापूर्वक मनाए जाते हैं। इन त्योहारों में सभी समाज के लोगों में प्रेम, उल्लास और आनन्द का संचार होता है सामाजिक समरसता का विकास होता है तथा धार्मिक श्रद्धा का संचार होता है।
राजस्थान के प्रमुख त्यौहार एवं उनकी तिथियाँ निम्न है:
- गणगौर-फाल्गुन शुक्ल 15 से चैत्र शुक्ला 3 तक
- महाशिवरात्री फाल्गुन कृष्ण पक्ष - 13 (त्रयोदशी)
- दीपावली -कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या
- रक्षाबन्धन -श्रावणमास पूर्णिमा
- होली -फाल्गुनमास पूर्णिमा
- जन्माष्टमी -भाद्रपद कृष्णपक्ष अष्टमी
- गणेश चतुर्थी -भाद्रपद शुक्लपक्ष चौथ
- रामनवमी - चेत्र शुक्ल पक्ष नवमी
- तीज- भाद्रपद कृष्णपक्ष तृतीया
- पर्युषण - भाद्रपद मास
- दशहरा- आश्विन शुक्लपक्ष दशमी