2 फरवरी का इतिहास : इतिहास में 2 फरवरी की प्रमुख घटनाएँ | 2 Feb History in Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 1 मार्च 2022

2 फरवरी का इतिहास : इतिहास में 2 फरवरी की प्रमुख घटनाएँ | 2 Feb History in Hindi

2 फरवरी का इतिहास : इतिहास में 2 फरवरी की प्रमुख घटनाएँ  2 Feb History in Hindi

2 फरवरी का इतिहास : इतिहास में 2 फरवरी की प्रमुख घटनाएँ | 2 Feb History in Hindi



2 फरवरी का इतिहास  (2 Feb History in Hindi)


भारत में दीव (गोआ, दमन और दीव) के पास पुर्तग़ाल व तुर्की के बीच 1509 में युद्ध हुआ।

चीन के शैन्सी प्रांत में 1556 में आये जबरदस्त भूकंप में करीब लाखों लोगों की मौत हुई।

चार्ल्स प्रथम 1626 में इंग्लैंड के सम्राट बने।

देश में प्रशासनिक सुधारों के लिए 2 फरवरी, साल 1844 में पिट्स नियामक अधिनियम को लागू किया गया।

शंभूनाथ पंडित 1862 में कलकत्ता उच्च न्यायालय के पहले भारतीय न्यायाधीश बने।

यूनान ने 1878 में तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

रशिया ने 1892 में कैलिफ़ोर्निया में फ़र ट्रेडिंग कॉलोनीकी स्थापना की।

1901 में क्वीन विक्टोरिया का अंतिम संस्कार हुआ।

न्यूयार्क में 1913 में ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनलकी ओपनिंग हुई।

फ़्रांस ने 1920 में मैमेल पर कब्ज़ा किया।

जेम्स जॉयस का लिखा उपन्यास यूलिसिस’ 1922 में पहली बार प्रकाशित किया गया।

हंगरी ने 1939 में सोवियत संघ के साथ संबंध समाप्त किये।

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की स्थापना 2 फरवरी साल 1949 को की गई।

भारत ने 1952 में मद्रास में पहला टेस्ट क्रिकेट जीता।

अखिल भारतीय खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड का गठन 1953 में किया गया।

पाकिस्तान ने कश्मीर समझौतेके लिए 1966 में एक महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया।

सीरिया ने 1982 में हामा पर आक्रमण किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश एवं रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन द्वारा 1992 में शीत युद्ध की समाप्ति की घोषणा।

चीन तथा सं.रा. अमेरिका के बीच 1997 में वस्त्र व्यापार विवाद को समाप्त करने हेतु समझौता।

महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2 फरवरी, साल 2006 से 200 जिलों में अधिसूचित किया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय पैनल (आईपीसीसी) ने 2007 में ग्लोबल वार्मिंग पर रिपोर्ट प्रस्तुत की।

2 फरवरी साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने 122 संस्थाओं को 2 जी स्पैक्ट्रम के आवंटन को अवैध घोषित किया था।

2 फरवरी साल 2013 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक एनआरआई वैज्ञानिक को पुरस्कृत किया , जिसने पीआरके और लेसिक लेजर अपवर्तक सर्जिकल तकनीकों  के लिए मार्ग  प्रशस्त किया था।