माखनलाल चतुर्वेदी का संक्षिप्त जीवन परिचय Makhan Lal Chaturvedi Short Biography in Hindi
माखनलाल चतुर्वेदी का संक्षिप्त जीवन परिचय
कलम के योद्धा और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को बाबई में हुआ, जिसे अब पं. माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर माखननगर के नाम से जाना जाएगा। पं चतुर्वेदी “कर्मवीर” और “प्रभा” के प्रतापी संपादक, राष्ट्रीय काव्य-धारा के उन्नायक, पुष्प की अभिलाषा के अमर नायक रहे हैं। पं. चतुर्वेदी के सम्मान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी नर्मदापुरम जिले में आए थे और पं. चतुर्वेदी की जन्म-स्थली पर पहुँचकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया था। पं. चतुर्वेदी झण्डा सत्याग्रह के विजयी सेनापति थे। वे अनूठे रचनाकार थे। वे बार-बार ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रचार करते थे। इस वजह से वे ब्रिटिश साम्राज्य के कोप भाजन बन जाते थे। वर्ष 1921-22 के असहयोग आंदोलन में उन्होंने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और कारावास भी गए।उनकी काव्य रचनाओं में राष्ट्र प्रेम दिखाई देता है। अनेक भाषाओं पर उनका अधिकार था। उन्हें सागर विश्वविद्यालय से वर्ष 1959 में डी लिट की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। इसके साथ ही वर्ष 1955 में काव्य संग्रह हिमतरंगिणी के लिए “साहित्य अकादमी” पुरस्कार और भारत सरकार से वर्ष 1963 में पद्मभूषण से अलंकृत किया गया। पं. चतुर्वेदी का 30 जनवरी 1968 को अवसान हुआ। भोपाल में पं. माखनलाल चतुर्वेदी के नाम से राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है।