बकरीद कब और क्यों मनाई जाती है (Bakri Id Details in Hindi)
ईद-उल-अज़हा क्या होता है
ईद-उल-अज़हा (Id–ul–Azha) अथवा ईद-उल-जुहा
को इस्लाम धर्म के पैगंबर हज़रत इब्राहिम (Prophet Hazrath Ibrahim) द्वारा बलिदान के
प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल मुसलमानों द्वारा 10वें इस्लामी
महीने ज़िलहज (Zilhaj) पर मनाया जाता
है। ईद उल ज़ुहा को बकरीद भी कहा जाता है।
बकरीद के पर्व का मुख्य उद्देश्य
बकरीद के पर्व का
मुख्य उद्देश्य लोगों में जनसेवा और अल्लाह की सेवा के भाव को जगाना है। बकरीद का
यह पर्व इस्लाम के पाँचवें सिद्धांत हज़ को भी मान्यता देता है। इस्लाम के पाँच
सिद्धांतों में से एक है हज़। हज यात्रा पूरी होने की खुशी में ईद-उल-जुहा का
त्योहार मनाया जाता है।
अंग्रेज़ी
कैलेंडर की तुलना में इस्लामिक कैलेंडर थोड़ा छोटा होता है। इसमें 11 दिन कम माने
जाते हैं।
बकरीद के पर्व की मान्यता?
एक रात हज़रत
इब्राहिम ने सपने में देखा कि वह अपने इकलौते पुत्र इस्माइल की बलि दे रहे हैं। यह
एक सपना था और वास्तव में यह अल्लाह का एक आदेश था जिसमें पिता और पुत्र दोनों से
बलिदान की मांग की गई थी।
हज़रत इब्राहिम
ने अपने बेटे हज़रत इस्माइल (वह भी एक पैगंबर थे) की सलाह ली, जिन्होंने आसानी
से अपनी सहमति दे दी।
ज़िलहज के 10वीं दिन प्रकृति
ने एक अद्भुत दृश्य देखा जहाँ एक पिता अपने खुदा की आज्ञाकारिता में अपने पुत्र के
बलिदान की तैयारी कर रहा था। लेकिन जैसे ही हज़रत इस्माइल अपने पुत्र को कुर्बान
करने वाले थे अल्लाह ने उनके पुत्र की जगह एक दुंबे को रख दिया। इसका सीधा सा अर्थ
यह था कि अल्लाह सिर्फ उनकी परीक्षा ले रहा था।