अलवर जिले की जानकार (Alwar district Details in Hindi)
अलवर जिले की जानकारी (Alwar district Details in Hindi)
अलवर प्रशासनिक इकाईयां
- तहसील 16 पंचायत समिति 14 संभाग जयपुर
- अलवर राज्य की स्थापना कच्छवाह वंश के राजा राव प्रतापसिंह ने की।
- एकीकरण के समय राजस्थान के कुल तीन ठिकाने थे जिसमें से एक नीमराणा अलवर था। एकीकरण के समय मत्स्य संघ में चार रियासतें व एक ठिकाना था।
- यह दिल्ली के निकट होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है। यह राजस्थान के सिंह द्वार के नाम से प्रसिद्ध है। तथा इसे पूर्वी राजस्थान का कश्मीर कहा जाता है।
अलवर महत्पूर्ण जानकारी
मेवात- उत्तरी अलवर। (भौगोलिक नाम)
कुरू-अलवर का कुछ हिस्सा।
राठ- अलवर व भरतपुर का वो क्षेत्र जो हरियाणा की सीमा से लगता है राठ कहते है।
अलवर एवं भतरपुर जिलों का क्षेत्र मेव जाति की बहुलता के कारण मेवात के नाम से जाना जाता है। अतः यहां की बोली मेवाती कहलाती है।
वन्य अधिनियम पारित करने वाली प्रथम रियासत अलवर
अलवर रियासत का सम्बध महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ा हुआ है,
अलवर रियासत ने प्रथम स्वतंत्रा दिवस नहीं मनाया था।
नीमूचणा - राजस्थान का जलियांवाला हत्याकांड
- 1924 में अलवर के महाराणा जयसिंह ने लगान की दरों में वृद्धि कर दी। इसके विद्रोह में अलवर के किसान आन्दोलन करते है। 14 मई 1925 को नीमूचाणा ग्राम में एकत्रित होते है। राजस्थान का जलियांवाला हत्याकांड (गाधी जी)।
डीकर- यहां आदिमानव के बनाये हुए शैल चित्र मिले हैं।
साबी नदी - राजस्थान में आन्तरिक प्रवाह नदी साबी का उद्गम जयपुर जिले में सेवर की पहाड़ियों से होता है। यह उतर-पूर्व की ओर बहकर अलवर जिले में बहती है और हरियाणा के गुड़गांव जिले नजफरगढ़ के समीप पटौदी में जाकर समाप्त होती है। यह नदी अलवर जिले की सबसे लम्बी नदी है।
रूपारेल नदी- यह नदी अलवर जिले के थानागाजी से निकलती भरतपुर में समाप्त हो जाती है। रूपारेला नदी भरतपुर की जीवन रेखा है।
सीलीसेढ़ - सीलीसेढ़ झील अलवर की प्रसिद्ध झील है इसका निर्माण महाराजा विनय सिंह ने करवाया इसके किनारे लैक पैलेस का निर्माण अपनी रानी शीला के लिए करवाया।
बाला दुर्ग- अलवर का बाला दुर्ग ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह अलवर की सबसे पुरानी इमारत है। अब यह पुलिस का वायलैस केन्द्र है।
भानगढ़- खण्डरों का नगर के नाम से प्रसिद्ध ।
कांकणबाड़ी- किला औरंगजेब ने अपने भाई दारा शिकोह को यहां केद करके रखा।
मुसी महारानी की छतरी- विनय सिंह द्वारा निर्मित 80 खंम्भों की छतरी
भर्तृहरि- यहां पर उज्जैन के राजा व योगी भर्तृहरि की समाधि है। यहां प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को भर्तृहरि का मेला लगता है।
पाण्डुपोल- ऐसा माना जाता है कि अज्ञातवास के समय पाण्डवों को कौरवों की सेना ने आ घेरा तो महाबली भीम ने पहाड़ में गदा से रास्ता निकाला तभी से यह स्थान पाण्डुपोल के नाम से प्रसिद्ध है। यहां हनुमान जी का विशाल मंदिर है।
नारायणी माता का मंदिर नाईयों की कुल देवी है।
सरिस्का अभ्यारण्य - यहां 1955 में स्थापित दुसरा टाइगर प्रोजेक्ट स्थापित है। (सरिस्का अभ्यारण्य) सरिस्का ए अभ्यारण्य यह क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे छोटा अभ्यारण्य है। क्षेत्रफल 3.01 किमी.।
अली बक्शी ख्याल - इस ख्याल का मूल क्षेत्र अलवर का क्षेत्र है। इस ख्याल के जनक अली बक्ष है। अली बक्ष को अलवर का रसखान कहते है। ढप्पाली ख्याल अलवर क्षेत्र में लोकप्रिय है।
विजय विलास- अलवर
सरिस्का पैलेस -सरिस्का अलवर सिटी पैलेस अलवर
विजय मन्दिर पैलेस -अलवर
शीलादेवी महल -अलवर
राजस्थान में मध्यम व वृहत औद्योगिक इकाईयों की दृष्टि से बड़ा जिला ।
भिवाड़ी नोटों की स्याही बनाने का कारखाना
टपुकडा पहला एकिकृत औद्योगिक पार्क ।
कागजी पाटरी डबलकट वर्क अलवर की प्रसिद्ध है।
कागजी टेरिकोटा अलवर।
अलवर जिला तम्बाकू उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।
होजरी कालेक्स -भिवाडी अलवर
निर्यात एवं संवद्र्धन एवं औद्योगिक पार्क (EPIP) नीमराणा, अलवर (सहयोग भारत सरकार)
कोरियाई पार्क - नीमराणा, अलवर (औद्योगिक पार्क) ।
जापानी पार्क सुशखेड़ा, अलवर (औद्योगिक पार्क)।
इन्लैण्ड कन्टेनर डिपो (ICD) भिवाड़ी अलवर (शुष्क बंदरगाह)