तुष्यन्ति भोजने विप्रा मयूरा का अर्थ (शब्दार्थ भावार्थ) | Chankya Niti With Explanation in Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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रविवार, 21 अगस्त 2022

तुष्यन्ति भोजने विप्रा मयूरा का अर्थ (शब्दार्थ भावार्थ) | Chankya Niti With Explanation in Hindi

 तुष्यन्ति भोजने विप्रा मयूरा का अर्थ (शब्दार्थ भावार्थ) 

तुष्यन्ति भोजने विप्रा मयूरा का अर्थ (शब्दार्थ भावार्थ) | Chankya Niti With Explanation in Hindi


 तुष्यन्ति भोजने विप्रा मयूरा पनगर्जिते । 
साधवः परसम्पत्तौ खलः परविपत्तिषु ॥ ॥ अध्याय-7 श्लोक- 91

 

शब्दार्थ- 

ब्राह्मण और भरपेट भोजन मिलने पर सन्तुष्ट होते हैंमोर बादलों के गर्जने पर प्रसन्न होकर नाचने लगते हैंसज्जन लोग दूसरे को धन-धान्य से सम्पन्न देखकर प्रसन्न होते हैं और दुष्ट लोग दूसरों की विपत्ति में प्रसन्न होते हैं ।

 

भावार्थ- 

ब्राह्मण भरपेट भोजन मिलने परमोर बादलों के गर्जने परसज्जन दूसरों की सम्पत्ति में और दुष्ट दूसरों की विपत्ति में प्रसन्न होते हैं । 


विमर्श - खल दूसरों की विपत्ति में प्रसन्न होता है ।