हस्ती अंकुशहस्तेन वाजी हस्तेन का अर्थ एवं व्याख्या (Hasti Ankush Hasten Meaning in Hindi )
हस्ती अंकुशहस्तेन वाजी हस्तेन ताड्यते । भृङ्गी लगुडहस्तेन खड्गहस्तेन दुर्जनः॥ || अध्याय 7 श्लोक- 811
शब्दार्थ -
हाथी हाथ में पकड़े हुए अंकुश से, घोड़ा हाथ में लिए हुए चावुक से, सींगवाला पशु हाथ में पकड़े हुए डण्डे से वश में किया जाता है, पीटा जाता है और दुष्ट मनुष्य हाथ में ली हुई तलवार से मारा जाता है।
भावार्थ
हाथी हाथ में पकड़े हुए अंकुश से वश में किया जाता है, घोड़ा चावुक से पीटा जाता है, सींगवाला पशु डण्डे से पीटा जाता है और दुर्जन मनुष्य हाथ में ली हुई तलवार से मारा जाता है ।
विमर्श -
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुर्जन को तो जीवित ही नहीं रहने देना चाहिए।