गुणो भूषयते रूपं शीलं अर्थ शब्दार्थ भावार्थ | Gune Bhusyate Rupam Hindi Explaation - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शुक्रवार, 9 सितंबर 2022

गुणो भूषयते रूपं शीलं अर्थ शब्दार्थ भावार्थ | Gune Bhusyate Rupam Hindi Explaation

गुणो भूषयते रूपं शीलं अर्थ  शब्दार्थ भावार्थ

गुणो भूषयते रूपं शीलं अर्थ  शब्दार्थ भावार्थ | Gune Bhusyate Rupam Hindi Explaation

 

गुणो भूषयते रूपं शीलं अर्थ  शब्दार्थ भावार्थ


गुणो भूषयते रूपं शीलं भूषयते कुलम् ।
सिद्धिर्भूषयते विद्यां भीगो भूषयते धनम् ॥

 

शब्दार्थ- 

गुण मनुष्य के रूप-सौन्दर्य को शोभायमान बना देता हैशील कुल को अलंकृत कर देता हैसिद्धिअलौकिक शक्तियों की प्राप्तिमुक्तिबुद्धि विद्या को भूषित करती है और भोग धन को सुभूषित बना देता हैअर्थात् भोग के बिना धन व्यर्थ है । 

भावार्थ- गुणों से रूप सुन्दर लगता हैशील कुल को चार चाँद लगा देता है,  सिद्धि से विद्या सुशोभित होती है और भोग धन को अलंकृत कर देता है। 

विमर्श -

मनुष्य को सदा दयादाक्षिण्य आदि गुणों की प्राप्ति में प्रयत्न करना चाहिएक्योंकि गुणी दरिद्र भी गुणहीन धनिकों से श्रेष्ठ होता है।