केइबुल लामजाओ भितरकनिका केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान | National Park Keybul LaamJaao - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 15 सितंबर 2022

केइबुल लामजाओ भितरकनिका केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान | National Park Keybul LaamJaao

  केइबुल लामजाओ भितरकनिका केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान

केइबुल लामजाओ भितरकनिका केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान | National Park Keybul LaamJaao

केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान: 

यह दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान हैलोकटक झील पर स्थित केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान मणिपुर का डांसिंग डियर 'सांगई' (Rucervus eldii eldii) का अंतिम प्राकृतिक आवास है। यह मणिपुर का राज्य पशु है। राष्ट्रीय उद्यान को स्थानीय रूप से 'फुमडी' (एक मणिपुरी शब्द जिसका अर्थ है मिट्टी और वनस्पति की तैरती हुई चटाई) कहा जाता है। लोकटक झील भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की सबसे बड़ी प्राकृतिक मीठे पानी की झील है और इसे 1990 में रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया है।


भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान: 

इसे वर्ष 1998 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था और यह ओडिशा के केंद्रपाड़ा ज़िले में स्थित है। वर्ष 2002 में इसे रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के रूप में शामिल किया गया था। यह खारे पानी के मगरमच्छ (क्रोकोडायलस पोरोसस)सफेद मगरमच्छभारतीय अजगरकिंग कोबराब्लैक आइबिसडार्टर और वनस्पतियों एवं जीवों की कई अन्य प्रजातियों का घर है। भितरकनिका अभयारण्य भारत में दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है। उद्यान अपने ग्रीन मैंग्रोवप्रवासी पक्षियोंकछुओंमुहाना मगरमच्छों और अनगिनत खाड़ियों के लिये प्रसिद्ध है।


केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान: 

इसे पहले भरतपुर पक्षी अभयारण्य के रूप में जाना जाता था और यह भरतपुरराजस्थान में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध एविफौना अभयारण्य है जो हज़ारों पक्षियों की खासकर सर्दियों के मौसम में मेज़बानी करता है। इसे वर्ष 1971 में संरक्षित अभयारण्य घोषित किया गया था। यह एक विश्व धरोहर स्थल भी है और वर्ष 1981 में वेटलैंड कन्वेंशन के तहत इसे रामसर साइट के रूप में नामित किया गया था। यह एक मानव निर्मित और मानव-प्रबंधित आर्द्रभूमि है। इसे पक्षियों की 230 से अधिक प्रजातियों का निवास स्थान माना जाता है।


सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य: 

हरियाणा के गुरुग्राम ज़िले में स्थित सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य कई प्रवासी पक्षी प्रजातियों का घर है। इसके छोटे से क्षेत्र में उथले मीठे जल की सुल्तानपुर झील शामिल हैजहाँ हर साल 100 प्रवासी पक्षी प्रजातियाँ भोजन के लिये आती हैं। सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान साइबेरियाई सारसग्रेटर फ्लेमिंगोरफब्लैक-विंग्ड स्टिल्टकॉमन टीलकॉमन ग्रीनशैंक और नॉर्दर्न पिंटेलयेलो वैगटेलव्हाइट वैगटेलनॉर्दर्न शॉवेलर और रोजी पेलिकन जैसे पक्षियों की समृद्ध विविधता के लिये जाना जाता है।