जयप्रकाश नारायण’ और ‘नानाजी देशमुख’ की जयंती
जयप्रकाश नारायण’ और ‘नानाजी देशमुख’ की जयंती 11 अक्तूबर,
11 अक्तूबर, 2020 को देश भर में लोकनायक ‘जयप्रकाश नारायण’ और ‘नानाजी देशमुख’ की जयंती मनाई गई। जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्तूबर, 1902 को बलिया (उत्तर प्रदेश) ज़िले में हुआ था। जयप्रकाश नारायण की शिक्षा अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हुई, जहाँ वे मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक बन गए। वर्ष 1929 में भारत लौटने पर वह ‘भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस’ में शामिल हो गए। वर्ष 1932 में उन्हें भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लेने पर एक वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई थी। उन्होंने काॅन्ग्रेस पार्टी के भीतर एक वामपंथी समूह ‘काॅन्ग्रेस सोशलिस्ट पार्टी’ के गठन में अग्रणी भूमिका निभाई। वर्ष 1952 में उन्होंने ‘प्रजा सोशलिस्ट पार्टी’ की स्थापना की। स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान और गरीबों एवं दलितों के उत्थान के लिये जयप्रकाश नारायण को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया। वहीं समाजिक कार्यकर्त्ता और राजनीतिज्ञ नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्तूबर, 1916 को महाराष्ट्र के ‘परभणी’ ज़िले में हुआ था। नानाजी देशमुख लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्य और जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। बाद में वह जनता पार्टी व भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बन गए। उन्हें वर्ष 1974 में आपातकाल के खिलाफ जय प्रकाश नारायण द्वारा शुरू किये गए आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें वर्ष 1999 में पद्मविभूषण और मरणोपरांत वर्ष 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।