18 अप्रैल 2023 का इतिहास : इतिहास में 18 अप्रैल की प्रमुख घटनाएं
18 अप्रैल 2023 का इतिहास
1955 - बांडुंग में
अफ़्रीकी-एशियाई सम्मेलन;
प्रसिद्ध
वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन का देहावसान।
1994 - वेस्टइंडीज के
बल्लेबाज़ ब्रायन लारा ने 375 रन बनाकर टेस्ट
मैच की एक पारी में सर्वाधिक रन बनाने का विश्व रिकार्ड बनाया।
1999 - ब्रिटेन की
प्रमुख उपन्यासकार, जीवनीकार और
सम्पादक मैरी बुलिंस का 90 वर्ष की आयु में
निधन।
2001 - भारतीय सीमा में
घुस आई बांग्लादेश की सेना की गोलीबारी से भारत के 16 जवान शहीद।
2002 - 1973 से इटली में
निवास कर रहे अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व शासक मोहम्मद जहीर शाह काबुल लौटे।
2005 - भारत मुम्बई
स्थित जिन्ना हाउस पाकिस्तान को देने पर सहमत।
2006 - राबिन हुड का शहर
नाटिंघम लूटग्रस्त शहर घोषित।
2008 -
इंफोसिस
टैक्नोलाजी ने विकास एवं मरम्मत सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अमेरिका की कॉनसेको के
साथ पाँच वर्ष के लिए क़रार किया।
अमेरिकी सर्वोच्च
न्यायालय ने जानलेवा इंजेक्शन के ज़रिये सज़ा-ए-मौत को वैध ठहराया। पाकिस्तान ने
भारतीय क़ैदी सबरजीत सिंह की फ़ांसी की सज़ा को एक महीने के लिए टाला। भारत और
मैक्सिको ने नागरिक उड्डयन व ऊर्जा के क्षेत्र में नये समझौते किए।
18 अप्रैल को जन्मे व्यक्ति
1621 - गुरु तेग़ बहादुर
- सिक्खों के नौवें गुरु।
1858 - धोंडो केशव कर्वे
- आधुनिक भारत का सबसे बड़ा समाज सुधारक और उद्धारक माना जाता है।
1928 - दुलारी - भारतीय
सिनेमा की जानीमानी अभिनेत्री थीं।
1901 - चन्देश्वर प्रसाद
नारायण सिंह, भारत के
राजनीतिज्ञ थे।
1916 -ललिता पवार, हिन्दी फ़िल्मों
की प्रसिद्ध अभिनेत्री
1961 - पूनम ढिल्लों -
बालीवुड अभिनेत्री
18 अप्रैल को हुए निधन
2021 - अनुपमा पंचीमांडा
- भारत की पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी अंपायर थीं।
2021 - बची सिंह रावत -
उत्तराखंड से भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज राजनीतिज्ञ थे।
1859 - तात्या टोपे -
वीर पुरुष और 'प्रथम
स्वतन्त्रता संग्राम' में भाग लेने
वाले प्रमुख व्यक्ति।
1955 - अलबर्ट आइंस्टाइन
प्रसिद्ध वैज्ञानिक
1959 - बारीन्द्र कुमार
घोष - भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा पत्रकार थे।
1972 - पांडुरंग वामन
काणे - महान् भारतीय संस्कृतज्ञ और विद्वान् पंडित।
2003 - सुधाकर पाण्डेय -
हिन्दी साहित्य की प्रमुख विधाओं के उत्कृष्ठ लेखक और सुधारक।
1916 - जी. सुब्रह्मण्यम
अय्यर - भारत के जानेमाने पत्रकार तथा प्रमुख बुद्धिजीवी थे।
1898 - दामोदर हरी
चापेकर - भारत के क्रांतिकारी अमर शहीदों में से एक थे।