जी20 शिखर सम्मेलन :भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान 100वीं जी20 बैठक
भारत आज वाराणसी
में अपनी 100वीं जी20 बैठक यानी कृषि
मुख्य वैज्ञानिकों (एमएसीएस) की बैठक की मेजबानी के साथ अपनी जी20 अध्यक्षता में
एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का जश्न मना रहा है। गोवा में दूसरा हेल्थ वर्किंग ग्रुप, हैदराबाद में
दूसरा डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप और शिलांग में स्पेस इकोनॉमी लीडर्स प्रीकर्सर
मीटिंग भी आज आयोजित की जा रही है।
16 नवंबर, 2022 को जी20 बाली शिखर
सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जी20 की अध्यक्षता सौंपी गई थी। अध्यक्षता सौंपे
जाने के बाद, भारत की साल भर
चलने वाली जी20 अध्यक्षता 1 दिसंबर, 2022 को शुरू हुई, और 30 नवंबर, 2023 तक जारी रहेगी।
इससे पहले 8 नवंबर, 2022 को प्रधानमंत्री
ने जी20 लोगो लॉन्च किया
था और भारत की जी20 प्रेसीडेंसी थीम
- "वसुधैव कुटुम्बकम" यानी - "वन अर्थ. वन फैमिली. वन फ्यूचर"
का अनावरण किया था। जी 20 लोगो को भारत के
राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में डिजाइन किया गया, जो हमारे पृथ्वी-समर्थक दृष्टिकोण और चुनौतियों के बीच
विकास का प्रतीक है।
20 के समूह (जी20) में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, यूनाईटेड किंगडम
और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जी20 के सदस्य देश, वैश्विक सकल घरेलू
उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार
के 75 प्रतिशत से अधिक
और विश्व की जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भारत की जी20 अध्यक्षता के
दौरान व्यक्तिगत रूप से भागीदारी अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी में से एक है। अब तक
110 से अधिक राष्ट्रीयताओं
वाले 12,300 से अधिक
प्रतिनिधियों ने जी20 से संबंधित
बैठकों में भाग लिया है। इसमें जी20 सदस्यों, 9 आमंत्रित देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी शामिल है। आज तक, 28 राज्यों और
केंद्रशासित प्रदेशों को कवर करते हुए 41 शहरों में जी20 की 100 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। राज्य सरकारों और
केंद्रशासित प्रदेशों के पूर्ण समर्थन और भागीदारी के साथ पूरे भारत में बैठकें
आयोजित की जा रही हैं। भारत की अध्यक्षता के दौरान, देश भर में लगभग 60 शहरों में जी20 से संबंधित 200 से अधिक बैठकों
के लिए विदेशी प्रतिनिधियों की मेजबानी की जाएगी, जो किसी भी जी20 अध्यक्षता में सबसे व्यापक भौगोलिक विस्तार
है। सभी 13 शेरपा ट्रैक
वर्किंग ग्रुप्स, 8 फाइनेंस ट्रैक
वर्कस्ट्रीम, 11 एंगेजमेंट
ग्रुप्स और 4 इनिशिएटिव्स ने
ठोस बातचीत शुरू की है। हमारी जी20 अध्यक्षता के दौरान आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) पर एक
नया वर्किंग ग्रुप, एक नया इंगेजमेंट
ग्रुप "स्टार्टअप 20"
और एक नई पहल के
रूप में मुख्य विज्ञान सलाहकार गोलमेज सम्मेलन (सीएसएआर) का संचालन किया गया है। 11 इंगेजमेंट ग्रुप
निजी क्षेत्र, शिक्षा, नागरिक समाज, युवाओं और
महिलाओं के साथ-साथ संसदों,
लेखापरीक्षा
प्राधिकरणों और शहरी प्रशासनों सहित संस्थानों के बीच संवाद के लिए एक मंच प्रदान
करते हैं।
अब तक तीन
मंत्रिस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों
की पहली बैठक (एफएमसीबीजी) 24-25 फरवरी 2023 को बेंगलुरु में आयोजित की गई, जी20 विदेश मंत्रियों
की बैठक (एफएमएम) 1-2 मार्च 2023 को नई दिल्ली
में आयोजित की गई, और दूसरी एफएमसीबीजी
बैठक 12-13 अप्रैल 2023 को वाशिंगटन
डीसी में आयोजित की गई। दो शेरपा बैठकें उदयपुर (4-7 दिसंबर 2022) और कुमारकोम (30 मार्च - 2 अप्रैल 2023) में आयोजित की गई हैं। एफएमसीबीजी, एफएमएम और शेरपा
बैठकों में मंत्री स्तर के गणमान्य व्यक्तियों के साथ सभी प्रतिनिधिमंडलों में
रिकॉर्ड, उच्च-स्तरीय
व्यक्तिगत भागीदारी हुई है। 28 विदेश मंत्रियों (18 जी20 सदस्यों, 9 अतिथि देशों और
एयू चाई-कोमोरोस से) और 2 उप विदेश
मंत्रियों (जापान और कोरिया गणराज्य से) ने एफएमएम में भाग लिया। इन मंत्रिस्तरीय
बैठकों का ठोस परिणाम दस्तावेजों के साथ समापन हुआ, जिनसे जी20 की साझा प्राथमिकताओं पर आम सहमति को बढ़ावा मिला। इनमें
शामिल हैं - पहले एफएमसीबीजी में एमडीबी सुधारों और ऋण उपायों पर एक विशेषज्ञ समूह
की स्थापना तथा एफएमएम में बहुपक्षीय सुधारों, विकास सहयोग, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, नए और उभरते खतरों, वैश्विक कौशल मैपिंग और आपदा जोखिम में कमी लाने पर सहमति।
अपनी अध्यक्षता
के दौरान, भारत वैश्विक
दक्षिण और विकासशील देशों की आवाज और चिंताओं को भी मजबूती से सामने रख रहा है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में जनवरी 2023 को आयोजित ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन में 125 देशों ने भाग लिया, जिसमें 18 देश / सरकार के प्रमुख और अन्य मंत्री स्तर के प्रतिनिधि
शामिल थे। इसके अलावा, भारत की वर्तमान
अध्यक्षता के दौरान, अफ्रीका से अब तक
की सबसे ज्यादा भागीदारी हुई है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका (जी20 सदस्य), मॉरीशस, मिस्र, नाइजीरिया, एयू अध्यक्ष – कोमोरोस और एयूडीए-एनईपीएडी शामिल हैं।
भारत की विविधता, समावेशी परंपराओं
और सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करने वाले उत्कृष्ट अनुभव भी गणमान्य
प्रतिनिधियों के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का एक अभिन्न हिस्सा हैं।
मोटे(पोषक) अनाज से तैयार किये जाने वाले व्यंजनों को मेन्यू में शामिल किया गया
है। इसके अतिरिक्त, सांस्कृतिक
आयोजनों और भ्रमण कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला भी आयोजित की गई है। 150 से अधिक
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिनमें 7000 से अधिक कलाकारों ने स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर के
कलात्मक कला शैलियों का प्रदर्शन किया है । भारत की जी20 अध्यक्षता को
"नागरिकों के जी20"
के तौर पर आगे
बढ़ाते हुए पूरे देश तथा सम्पूर्ण समाज के हित में प्रभावशाली जन सहभागिता के
साथ-साथ कई जनभागीदारी वाली गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। इनमें जी20 यूनिवर्सिटी
कनेक्ट व्याख्यान श्रृंखला,
आदर्श जी20 बैठकें, स्कूलों/विश्वविद्यालयों
में जी20 के विशेष सत्र, प्रमुख
कार्यक्रमों में जी20 मंडप लगाना, प्रश्नोत्तरी
प्रतियोगिताएं, सेल्फी
प्रतिस्पर्धाएं, #G20India
कथाएं और नागरिक
समितियों तथा निजी क्षेत्र द्वारा सैकड़ों अन्य जी20-थीम आधारित कार्यक्रम भी शामिल हैं।
भारत की वर्तमान
जी20 अध्यक्षता के
दौरान व्यापक विचार-विमर्श में विभिन्न प्राथमिकताओं वाले क्षेत्रों को स्थान
प्रदान किया गया है, जैसे समावेशी एवं
लोचदार विकास; सतत विकास
लक्ष्यों की प्रगति, हरित विकास और
पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली (लाइफ) की प्रगति; तकनीकी परिवर्तन और सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी
अवसंरचना; बहुपक्षीय
संस्थानों में सुधार; महिलाओं के
नेतृत्व में विकास कार्य तथा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सद्भाव।
भारत की जी20 अध्यक्षता में, इस समूह के
नेताओं का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई
दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इससे पहले की तैयारियों के सिलसिले में भारत द्वारा
संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों के दौरान समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्य-उन्मुख और
निर्णायक एजेंडे के लिए जी20 सदस्य राष्ट्रों
तथा अतिथि देशों से इसे अपार समर्थन प्राप्त हुआ है। भारत द्वारा आयोजित की जा रही
जी20 बैठकों में जी20 सदस्य देशों तथा
आमंत्रित राष्ट्रों का एक साथ आकर व्यापक, बड़े पैमाने पर और उत्साहपूर्ण भागीदारी करना वास्तव में भारत
की जी20 अध्यक्षता के
तहत समकालीन वैश्विक चुनौतियों को सामूहिक रूप से हल करने का एक प्रमाण है।
100th G20 MEETING DURING INDIA’S G20 PRESIDENCY
India celebrates a key milestone in
its G20 Presidency today, with the hosting of its 100th G20 meeting, the
Meeting of Agriculture Chief Scientists (MACS) in Varanasi. The 2nd Health
Working Group in Goa, the 2nd Digital Economy Working Group in Hyderabad and
the Space Economy Leaders’ Precursor Meeting in Shillong are also being held
today.
Following the handover of the G20 Presidency
to Prime Minister Shri Narendra Modi at the G20 Bali Summit on 16 November
2022, India’s year-long G20 Presidency commenced on 1 December 2022, and would
continue until 30 November 2023. Earlier on 8 November 2022, Prime Minister had
launched the G20 logo and had unveiled India’s G20 Presidency theme –
“Vasudhaiva Kutumbakam”- “One Earth. One Family. One Future”. Designed in the
colours of India’s national flag, the G20 logo symbolizes our pro-planet
approach and growth amidst challenges.
The Group of Twenty (G20) comprises
19 countries (Argentina, Australia, Brazil, Canada, China, France, Germany,
India, Indonesia, Italy, Japan, Republic of Korea, Mexico, Russia, Saudi
Arabia, South Africa, Türkiye, United Kingdom, and United States) and European
Union. The G20 members represent around 85% of the global GDP, over 75% of the
global trade, and about two-thirds of the world population.
In-person participation during
India’s G20 Presidency is among the largest ever. Over 12,300 delegates, from
over 110 nationalities have attended G20-related meetings so far. This includes
participation from G20 members, 9 invitee countries and 14 international
organizations. As on date, the 100 G20 meetings have been held in 41 cities,
covering 28 States and Union Territories. Meetings are being organized across
the length and breadth of India with the full support and participation of
State Governments and Union Territories. During our Presidency, India will be hosting
foreign delegates for over 200 G20-related meetings in around 60 cities across
India, the widest geographical spread in any G20 Presidency. All 13 Sherpa
Track Working Groups, 8 Finance Track Workstreams, 11 Engagement Groups and 4
Initiatives have embarked on substantive interactions. A new Working Group on
Disaster Risk Reduction (DRR), a new Engagement Group “Startup 20” and a new
Initiative Chief Science Advisers’ Roundtable (CSAR) have been operationalized
in our G20 Presidency. The 11 Engagement Groups provide a platform for dialogue
among the private sector, academia, civil society, youth and women, as well as
institutions including the Parliaments, audit authorities and urban
administrations.
Till date, three Ministerial meetings
have been held. The first Finance Ministers and Central Bank Governors Meeting
(FMCBG) was held in Bengaluru on 24-25 February 2023, the G20 Foreign Ministers
Meeting (FMM) was held in New Delhi on 1-2 March 2023, and the second FMCBG
meeting was held in Washington DC on 12-13 April 2023. Two Sherpa Meetings have
been held in Udaipur (4-7 December 2022) and Kumarakom (30 March - 2 April
2023). The FMCBG, FMM and Sherpa meetings saw record, high-level in-person
participation from all delegations with Ministerial-level dignitaries. 28
Foreign Ministers (from 18 G20 members, 9 guest countries and AU Chai– Comoros)
and 2 Deputy/Vice Foreign Ministers (from Japan and Republic of Korea) attended
the FMM. These Ministerial meetings concluded with substantive outcome documents
that fostered consensus on G20’s shared priorities. These include consensus on
setting up of an expert group on MDB reforms and on debt treatment in the1st
FMCBG, and on multilateral reforms, development cooperation, food and energy
security, counter- terrorism, new and emerging threats, global skill mapping
and disaster risk reduction in the FMM.
During its Presidency, India is also
amplifying the voice and concerns of the Global South and developing countries.
The Voice of Global South Summit held in January 2023, chaired by the Prime
Minister, was attended by 125 countries, including 18 at Heads of
State/Government level and others at Ministerial level. Furthermore, during
India’s ongoing Presidency, participation from Africa is the highest ever,
which includes South Africa (G20 Member), Mauritius, Egypt, Nigeria, AU Chair -
Comoros, and AUDA-NEPAD.
Unique experiences showcasing India’s
diversity, inclusive traditions and cultural richness are also an integral part
of the visiting delegates’ programme. Millet-based dishes have been
incorporated in the menu, and a wide range of cultural performances and
excursions have been organized. Over 150 cultural events, with the
participation of over 7,000 artists, showcasing local and national art forms,
have been held. Many Jan Bhagidari activities are also being simultaneously
held with active public participation in a whole-of-nation and whole-of-society
approach, making India’s G20 Presidency a “People’s G20”. These include G20
University Connect lecture series, Model G20 meetings, Special G20 sessions in
Schools/Universities, G20 Pavilions in major festivals, Quiz contests, Selfie
competitions, #G20India stories, and hundreds of other G20-theme events by the
civil society and private sector.
Substantive deliberations during
India’s ongoing G20 Presidency comprise broad priority areas such as inclusive
and resilient growth; progress on SDGs, green development and Lifestyle for
Environment (LiFE); technological transformation and public digital
infrastructure; reforming multilateral institutions; women led development; and
international peace and harmony.
India’s G20 Presidency, in the build-up to the New Delhi Leaders’ Summit on 9-10 September, has received immense support from G20 Members and guest countries for its inclusive, ambitious, action-oriented and decisive agenda. The wide ranging, large-scale and enthusiastic participation in India’s G20 meetings is a testimony to the G20 Members and invitees coming together under India’s G20 Presidency to collectively address contemporary global challenges.