स्वतन्त्रता दिवस 2023 की पूर्वसंध्या पर रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह का आकाशवाणी पर संदेश | Independence Day Speech - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 14 अगस्त 2023

स्वतन्त्रता दिवस 2023 की पूर्वसंध्या पर रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह का आकाशवाणी पर संदेश | Independence Day Speech

स्वतन्त्रता दिवस 2023 की पूर्वसंध्या पर रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह का आकाशवाणी पर संदेश 

स्वतन्त्रता दिवस 2023 की पूर्वसंध्या पर रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह का आकाशवाणी पर संदेश | Independence Day Speech




मेरे प्यारे सैनिक भाइयों एवं बहनों,

 

मैं पूरे देश की ओर से आप सभी को, भारत के 77 वें स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। देश पूरे हर्षोल्लास के साथ अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। देश इतना निश्चिंत होकर यह उत्सव इसलिए मना पा रहा है, क्योंकि देश जानता है, कि सीमाओं पर खड़े होकर आप सब भारत की सुरक्षा कर रहे हैं। साथियों, भारत 1947 में स्वतंत्र अवश्य हुआ लेकिन इस स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए जो सर्वोच्च बलिदान आप सैनिकों ने दिया है, उसके लिए राष्ट्र सदैव आपका ऋणी रहेगा।

 

साथियों, केंद्र सरकार में एक मंत्री होने के नाते मुझे देश की रक्षा का दायित्व सौंपा गया है। कुछ लोग यह कह सकते हैं, कि यह मेरा कर्तव्य है, कि रक्षा मंत्री होने के नाते मैं देश के सभी सैनिकों की सेवा करूँ, तथा उनके सुख-दुख का ख्याल रखूँ। मैं उन लोगों से सहमत हूँ। यह मेरा कर्तव्य हो सकता है। लेकिन मैं इस दायित्व को एक कर्तव्य से कहीं ऊपर, एक सौभाग्य की तरह देखता हूँ।

 

मैं मानता हूं, कि यह शायद मेरे पिछले जन्म, या फिर इस जन्म के संचित पुण्य कर्म हैं, जिसके परिणामस्वरूप मुझे इतना बड़ा सौभाग्य मिला, कि मैं इस राष्ट्र के सैनिकों की सेवा कर सकूं। भारत में जन्मे बच्चों का अक्सर यह स्वप्न होता है, कि वह एक दिन सैनिक बनें। मेरा भी एक सपना था कि मैं भी आगे चलकर सेना में जाऊं। किसी कारणवश यह स्वप्न तो पूरा नहीं हो पाया। लेकिन ईश्वर की ऐसी कृपा रही मेरे ऊपर, कि मुझे अपने सैनिकों से जुड़ने, उन्हें करीब से जानने और उनकी सेवा करने का एक अवसर अवश्य मिला।

 

आप लोगों के साथ जुड़े हुए मुझे 4 साल से अधिक हो गए। इन विगत 4 वर्षों में मैंने मन, वचन और कर्म से आप लोगों के लिए कुछ करने का प्रयास किया। मैं जितना आप लोगों से जुड़ता गया, उतना ही मेरे मन में आप लोगों के प्रति सम्मान, और श्रद्धा बढ़ती गई। एक कहावत है, कि- familiarity breeds contempt. अर्थात आप जितना ज्यादा किसी के करीब आते जाते हैं, उतना ही आपके मन में उसके लिए सम्मान कम होता जाता है। मतलब आप जितना अधिक किसी को जानते हैं, उतना ही आप उसकी कमियों से भी रूबरू होते हैं, और आपके मन में उसके प्रति सम्मान धीरे-धीरे कम होने लगता है। लेकिन आप सैनिक भाइयों और बहनों के मामले में यह बात सही नहीं है। मैं जितना अधिक आपको जानता गया, जितना अधिक आप को समझता गया, उतना ही आप की खूबियों से परिचित होता गया। आपके लिए यह phrase पूरी तरह से बदलकर 'familiarity breeds more respect' हो जाता है।

 

साथियों, देश के रक्षा मंत्री होने के नाते देश की सीमाओं की रक्षा का दायित्व मेरे पास है, लेकिन इस दायित्व को असल मायनों में, आप सभी, armed forces के सैनिक पूरा करते हैं। राष्ट्र आपके प्रति कृतज्ञ तो है ही, लेकिन साथ ही साथ मैं आपको यह भी बताना चाहता हूँ, कि हम सभी आपके परिवार के प्रति भी कृतज्ञ हैं, जो आपके साथ-साथ इस राष्ट्र के लिए इतना त्याग कर रहे हैं।

 

साथियों, जब कोई नागरिक armed forces में शामिल होता है, तो वह, और उसका परिवार जीवन भर के लिए armed forces का सदस्य बन जाता है। इसलिए इस विशाल armed forces family की जरूरतों की देखभाल, और उनके interests की रक्षा करना, रक्षा मंत्रालय के प्राथमिक कार्यों में से एक है। जब मैं देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना, तो उस समय मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह थी कि मैं राज्य के इतने बड़े workforce को कैसे manage करूँगा। कैसे मैं इतने बड़े workforce के साथ-साथ प्रदेश का भी ख्याल रखूँगा? उस दौरान मैंने कई सारी किताबें पढ़ीं, कई सारे लोगों के विचार पढ़ें। इसी बीच मैंने प्रसिद्ध American psychologist, फ़्रेडरिक हर्ज़बर्ग की 2 factor theory, अर्थात् hygiene-motivation factor के बारे में पढ़ा । इसी 2 factor theory पर मैंने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए भी कार्य किया, गृहमंत्री रहते हुए भी कार्य किया, और रक्षा मंत्री रहते हुए भी कार्य कर रहा हूँ। इस सिद्धांत में फ़्रेडरिक हर्ज़बर्ग यह कहते हैं, कि किसी भी संस्थान के कार्मिकों की कार्यकुशलता को बनाए रखने के लिए उनके basic needs की पूर्ति, अथवा 'हाइजिन-फैक्टर' तो आवश्यक है ही, पर कार्मिकों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए, उनके भीतर motivation लाना भी उतना ही आवश्यक होता है।

 

हालांकि एक तथ्य यह भी है, कि आप लोगों को मोटिवेशन की क्या जरूरत? आप सब तो स्वयं ही मोटिवेशन के एक अथाह सागर हैं, इसलिए भला कोई बाहरी तत्व आपको क्या मोटिवेशन दे सकता है। लेकिन हमारी सरकार ने भी 2 factor theory के तहत अपनी जिम्मेदारी निभाई है। देश की सेवा का अवसर मिलने के साथ ही, हमारी सरकार ने दोनों ही स्तरों पर, यानी armed forces की basic needs की पूर्ति, और उनके मान-सम्मान, दोनों को ही प्राथमिकता में रखा, और उसके अनुरूप कार्य किया।

 

इस अवसर पर मैं यह दोहराना चाहता हूं, कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में सरकार राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह committed है। भारत सरकार, अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। वर्ष 2014 में NDA सरकार बनने पर हमने देखा, कि हमारी Armed forces को, नई चुनौतियों से निपटने के लिए अधिक सशक्त, और क्षमतावान बनाने की जरूरत है। कोई भी institution हो, वह अपना best तभी दे सकता है, जब उसके कार्मिकों के पास modern, और high quality equipment उपलब्ध हों। इसलिए हमने आपके लिए शुरुआत से ही world class equipment और high level training उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। हम इस बात को भली-भाँति समझते हैं, कि बेहतरीन equipment और training से, युद्ध में होने वाले नुकसानों को कम करने में तो मदद मिलती ही है, साथ ही इनसे सैनिकों का मनोबल भी बहुत ऊँचा होता है।

 

यह खुशी की बात है, कि आज हमारी armed forces की training, simulator और अन्य आधुनिक तकनीकों से हो रही है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में भागीदारी के साथ, आपकी ट्रेनिंग में लगातार सुधार हो रहा है। Niche systems, newly developing technologies, और war fighting के बदलते concepts पर training, आज की जरूरत है। इसके लिए अधिक से अधिक संख्या में personnel को, देश-विदेश में, जहाँ भी बेहतरीन training उपलब्ध हो, वहाँ भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। नई उभरती जरूरतों के अनुकूल नई branches और trades बनाए जा रहे हैं। इस प्रकार की trainings द्वारा, हमारी सेनाएँ कौशल की नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रही हैं।

 

इसके अतिरिक्त सरकार ने आपके और आपके परिजनों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और उनके accommodation के संदर्भ में भी पिछले कुछ वर्षों में अनेक कल्याणकारी कदम उठाए हैं। न केवल सेवा के दौरान ही, बल्कि सेवा के बाद भी हमारे सैनिकों का गरिमामय जीवन सुनिश्चित हो सके, इस पर भी हमारी सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। जो लोग अपना सर्वस्व दाँव पर लगाकर हमारी परवाह करते हैं; उनकी, और उनके परिजनों की परवाह करना हमारा सबसे बड़ा धर्म है, और इसका निर्वहन सरकार भलीभाँति कर रही है।

 

साथियों, हमारे देश में अनेक प्रकार के professionals होते हैं। सभी अपने-अपने अनुरूप राष्ट्र की सेवा करते हैं। हमारे देश में bureaucrats हैं, doctors हैं, engineers हैं, CAs हैं, teachers आदि हैं, और सभी राष्ट्र की प्रगति में अपना-अपना योगदान देते हैं। पर आप लोगों ने ध्यान दिया होगा, कि इस देश में कितने ऐसे professions हैं, जिनमें Ex-professionals के welfare के लिए एक पूरा विभाग बनाया गया हो। हाँ, ऐसा जरूर होता है कि pension की व्यवस्था के लिए एक अलग से विभाग हो, पर किसी मंत्रालय के अंतर्गत उसके पूर्व-कर्मचारियों या अधिकारियों के लिए कोई dedicated department हो, ऐसा आपने नहीं देखा होगा। जबकि हमारी armed forces के बंधुओं के welfare के लिए रक्षा-मंत्रालय में एक dedicated department है। यह दिखाता है, कि हमारे armed forces के प्रति राष्ट्र की ज़िम्मेदारी क्या है, और राष्ट्र की प्राथमिकता क्या है। यह दिखाता है कि आपके प्रति हमारी चिंता क्या है, और veterans हमारे लिए क्या मायने रखते हैं। यह देश आप सभी के प्रति बड़ी कृतज्ञता और सम्मान का भाव रखता है। हमारे जो सैनिक साथी Armed forces से retire होकर जाते हैं, उन्हें किसी प्रकार की चिंता न हो, यह हमारी प्राथमिकता में है।

 

आगे की कुछ बातें मैं अपनी सैनिक बहनों को address करते हुए कहना चाहूँगा। साथियों, कारगिल में जब Flight Lieutenant Gunjan Saxena, और Flight Lieutenant Srividya Rajan दुश्मनों के खिलाफ अद्भुत साहस का परिचय दे रही थीं, तो उनके शौर्य ने यह संदेश दिया, कि जब बात देश की सीमाओं की सुरक्षा की आती है, तो इस देश की बेटियाँ भी किसी से कम नहीं हैं। देश की बेटियों को भी समान अवसर देने के commitment के रूप में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लालकिले की प्राचीर से 15 अगस्त, 2018 को अहम घोषणा करने के पश्चात, सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन को सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं। एक ओर भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट सहित सभी शाखाएँ अब महिला अधिकारियों के लिए खुली हैं। महिला अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों के समान ही, नौसेना आयुध शाखा में स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए पात्र बनाया गया है।

 

सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण के लिए हाल के वर्षों में कई ठोस कदम उठाये गए हैं। भारतीय सेना ने इस वर्ष पहली बार पांच महिला अधिकारियों को आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया है। आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों की कमीशनिंग, भारतीय सेना में Gender equality के हमारी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का बड़ा प्रमाण है। देश की प्रतिभाशाली बेटियों को सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए हमारी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है । इस निर्णय के बाद आज देश के अनेक सैनिक स्कूलों में, 1,600 से ज्यादा बालिकाएँ शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। इस महत्वपूर्ण कदम से राष्ट्र की रक्षा में बहादुर बेटियों की भागीदारी और भी बढ़ेगी; और मुझे यह भी विश्वास है, कि आने वाले समय में हमारी कोई बेटी, armed forces के chief के रूप में सामने आएगी।

 

आप सभी जानते हैं; कि Armed forces में 'One rank, One pension' की demand लंबे समय से चली आ रही थी। लेकिन निर्णय लेने की क्षमता के अभाव, और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते, इस पर काम कुछ नहीं हो पाता था। पर 2014 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनते ही, इस मुद्दे को हमने priority पर रखकर इसे resolve किया। मुझे यह बताते हुए खुशी होती है, कि इस योजना का पुनरीक्षण इस वर्ष हो चुका है, और 17 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को, 8,413 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।

 

राष्ट्र-रक्षा में हमारा कोई सैनिक साथी यदि वीरगति को प्राप्त होता है, तो उसके परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए भी सरकार द्वारा प्रावधान किए हैं। हम यह जानते हैं, कि राष्ट्र की वेदी पर अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले साथी को हम वापस तो नहीं ला सकते हैं, न ही दुनिया की किसी और अनमोल निधि से उसकी भरपाई हो सकती है; पर उस सैनिक साथी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए, उसके सम्मान में, Death-cum-retirement-gratuity का प्रावधान है, जिसमें 20 लाख रुपए तक की धनराशि प्रदान की जाती है। Next-of-Kin को Liberalised Family Pension के रूप में सैनिक द्वारा Last Drawn Pay का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा 300 दिवसों का leave encashment, स्वास्थ्य सुविधाएं और CSD की सुविधाएँ भी Next of Kin के लिए उपलब्ध हैं।

 

साथियों, जैसा कि मैंने पहले चर्चा की, यह कुछ बातें two factor theory के पहले हिस्से, hygiene factors से संबंधित थीं। अब मैं इस two factor theory के दूसरे हिस्से, यानी motivation factors से संबंधित भी कुछ बातें आपके सामने रखना चाहूँगा।

 

साथियों, पूरा देश देख रहा है कि आप सब अपना परिवार, समाज यहाँ तक कि अपना जीवन दाँव पर लगाकर, सुख-सुविधाएं छोड़कर सरहद पर हमारी रक्षा कर रहे हैं। आप सब राष्ट्र के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। क्या यह केवल कुछ पैसों के लिए होता है? नहीं। यह सब अगर संभव होता है, तो वह आपके भीतर विद्यमान 'राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना', 'Sense of National Pride' के कारण होता है। देश यह जानता है कि इसी भावना के चलते आप सब अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए तत्पर होते हैं। ऐसे में एक राष्ट्र के रूप में यह हम सब की जिम्मेदारी है कि हम आपके उस स्वाभिमान की भावना को बरकरार रखें। और यह तभी सम्भव है, जब यह राष्ट्र अपने सैनिकों के संदेशों, उनके आदर्शों और उनके मूल्यों के चिराग की रौशनी को कायम रखें।

 

इसी तरह का एक चिराग़ हमने तब रौशन किया, जब कुछ ही साल पहले सरकार ने एक विशाल National War Memorial का निर्माण कराया। यह मेमोरियल भारत माता के उन वीर सपूतों को हमारी श्रध्दांजलि है, जिन्होंने अंतिम साँस और खून का अंतिम कतरा बचे रहने तक इस राष्ट्र की सेवा की। इसमें प्रज्वलित अखंड ज्योति, आने वाले समय में युगों-युगों तक समस्त राष्ट्र को, राष्ट्र-स्वाभिमान के प्रकाश से प्रकाशित करती रहेगी। अब शहीदों की चिताओं पर बरस में एक बार मेला नहीं लगता है। अब हर दिन, हर पल हमारे वीरों के सम्मान का, और उनकी यादों का होता है।

 

आप में से अनेक फ़ौजी भाई मुझे अंडमान में सुन रहे होंगे। अंडमान अब बदल चुका है। वहाँ आपको islands के अंग्रेजी नाम नहीं मिलेंगे। वहाँ islands के नाम अब हमारे परमवीर चक्र विजेताओं एवं सुभाष चंद्र बोस जैसे राष्ट्र के वीर सपूतों के नाम पर रखे गए हैं, जो उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक हैं।

 

साथियों, अभी हाल ही में एक सुखद संयोग हुआ और मुझे कारगिल विजय दिवस पर, कारगिल वॉर मेमोरियल visit करने का अवसर मिला। मुझे वहाँ की हवा में, वहाँ की फ़िज़ा में, और वहाँ पर ज़र्रे-ज़र्रे में, हमारे देश के वीर सपूतों के त्याग और बलिदान की गाथाएँ तैरती नज़र आईं।  मैं वहाँ पर स्थित ‘Remembrance Hut’ में गया, तो अपने वीरों का इतिहास देख मेरी आँखें नम हो गईं। मैं इस मंच से देश के बाकी लोगों से भी यह अपील करना चाहूँगा, कि आप सब भी वहाँ जाएँ, और एक बार उस bliss का अनुभव करें।

 

मेरे प्यारे सैनिकों, चाहे बात अंडमान के द्वीपों के नामकरण की हो या फिर war मेमोरियल के निर्माण की, हमारे ये सारे प्रयास उस 2 factor theory के motivation part को प्रदर्शित करते हैं। साथ ही हमारे ये प्रयास यह भी दिखाते हैं कि राष्ट्र की जनता पूरे उत्साह के साथ हमेशा अपने सैनिकों के साथ खड़ी है। समूचे भारत को अपने सैनिकों पर इस बात का भरोसा है, कि जब तक आप हमारी रक्षा में हैं, हमारी तरफ कोई आँख उठाकर भी नहीं देख सकता।

 

मेरे प्यारे सैनिकों, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई अन्य देश भी आपके ऊपर बहुत विश्वास करते हैं। United Nations के peace keeping missions में सैनिक दस्ते भेजने के मामले में हम दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रों में से आते हैं। भारतीय सेना के जवानों ने चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी काम किया है, और मानवता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान तक दिया है। यह आपका अनुकरणीय professionalism , humanitarian दृष्टिकोण, और courage ही है कि UNO में किसी भी शांति अभियान में भेजने के लिए आप की demand सबसे ज्यादा होती है।

 

UNO ही नहीं बल्कि भारत के सुदूर गाँवों में भी आपके अनुशासनात्मक रवैये तथा कर्तव्यपरायणता के गुण गाए जाते हैं। जब भी हमारे गांव में कोई बच्चा rules को strictly follow करता है, अपने life में discipline ले आता है, punctuality ले आता है, तो कई बार उसे कहा जाता है कि इसका स्वभाव बिल्कुल फ़ौजियों जैसा है। मतलब आप, इस देश में punctuality और discipline के पर्याय बन चुके हैं।

 

साथियों, एक राष्ट्र के रूप में हमारे प्राचीन सिद्धांत पूरी दुनिया को यह संदेश देते हैं, कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है। हम न सिर्फ शांति चाहते हैं, बल्कि अपने कार्यों से शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर करते हैं। लेकिन साथ ही साथ हम इस बारे में भी बिल्कुल स्पष्ट हैं, कि यदि कोई गलत मंशा से, या दुश्मनी का भाव लिए हमारी ओर देखने की भी जुर्रत करता है, तो हमारी सेनाएँ उसका मुंहतोड़ जवाब देंगी।

 

साथियों, आज हम एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र हैं। यह स्वतंत्रता हमें एक दीर्घ भगीरथ तप और पूर्वजों के पुरुषार्थ से प्राप्त हुई है। एक राष्ट्र के रूप में हमारी स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा का दायित्व आपके कंधों पर है। इसलिए मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर यह बात कहना चाहूंगा, कि आप सब चाहे कारगिल की बर्फीली चोटियों पर खड़े हों, जहां सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की कमी है, आप चाहे समुद्र की गहराई में किसी submarine में हों, आप चाहे थार के तपते रेगिस्तान में खड़े हों, या फिर आप चाहे भारत के उत्तर-पूर्व में सदाबहार जंगलों के बीच खड़े हों। आप चाहे जहां भी हों, आप वहां तो हैं ही लेकिन उसके साथ-साथ आप हम सभी 140 करोड़ भारतीयों के दिलों में भी बसते हैं। आप सब सिर्फ हमारे रक्षक नहीं बल्कि हमारी साँसें हैं। इसलिए मेरे प्यारे सैनिकों, आज इस पूरे राष्ट्र की ओर से आप सभी को ढेर सारा प्रेम भेज रहा हूँ।

 

अंत में एक बार फिर, मैं सभी सेवारत कार्मिकों के साथ-साथ थलसेना, नौसेना, वायुसेना एवं तटरक्षक बल के पूर्व सैनिकों को भी अपनी शुभकामनायें देते हुए, अपना निवेदन समाप्त करता हूँl