शॉट्की एवं फ्रेन्केल दोषों में अन्तर
शॉट्की एवं फ्रेन्केल दोषों में अन्तर
शॉट्की
- इस दोष में कुछ आयन जालक बिन्दुओं से गायब हो जाते हैं।
- परावैद्युतांक (dielectric constant) में अन्तर नहीं आता।
- क्रिस्टल का घनत्व कम हो जाता है।
- उच्च समन्वयन अंक वाले क्रिस्टलों में पाया जाता है तथा क्रिस्टल में धनायन व ऋणायन लगभग समान आकार के होते हैं। उदाहरणार्थ - NaCl, CsCl आदि
फ्रेन्केल दोष
- इस दोष में कुछ आयन जालक बिन्दु को छोड़कर अन्तराकाशी स्थान पर चले जाते हैं।
- इस दोष से परावैद्युतांक में वृद्धि हो जाती है।
- क्रिस्टल का घनत्व अपरिवर्तित रहता है।
- निम्न समन्वयन अंक वाले क्रिस्टलों में पाया जाता है तथा धनायन का आकार ऋणायन से कम होता है।