26 जनवरी 2024 गणतन्त्र दिवस के लिए भाषण | Republic Day Speech 2024 in Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 23 जनवरी 2024

26 जनवरी 2024 गणतन्त्र दिवस के लिए भाषण | Republic Day Speech 2024 in Hindi

26 जनवरी 2024 गणतन्त्र दिवस के लिए भाषण

26 जनवरी 2024 गणतन्त्र दिवस के लिए भाषण | Republic Day Speech 2024 in Hindi


मैं सबसे पहले देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों को नमन करता हूँ वंदन करता हूँ ....  

यहाँ उपस्थित गणमान्य अतिथियों सम्मानीय प्राचार्य महोदया मेरे साथी अध्यापक-साथियों, उपस्थित माता बहनो और मेरे प्यारे बच्चों आप सभी को  गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई। 

जैसा कि हम सभी जानते हैंभारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और तब से हम सब इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। जब हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ तो उस समय भारत के पास अपना कोई संविधान नहीं थालेकिन बाद में काफी विचार-विमर्श के बाद डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया और भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया गया। भारतीय संविधान के इस मसौदे को विधान परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया और 26 नवंबर 1949 में इसे अपनाया गयालेकिन 26 जनवरी 1950 में इसे प्रभावी रूप से लागू किया गया।

यह दिन हमें भारत गणराज्य की स्थापना की याद दिलाता है। इस दिन हम उन महापुरुषों को भी याद करते हैंजिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाने और भारतीय संविधान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी बदौलत ही भारत आज एक गणराज्य देश कहलाता है।

इस वर्ष हम 76वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और केवल जनता को ही देश को सही दिशा में ले जाने के लिए अपने प्रतिनिधियों को राजनीतिक नेता के रूप में चुनने का अधिकार है। भारतीय संविधान की शक्तियों के कारण ही हम देश में अपने पसंद का प्रधानमंत्रीमुख्यमंत्री और अन्य नेताओं को चुन सकते हैं।

हम सबको यह प्रतिज्ञा करनी होगी कि हमें भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाना होगा। भारत देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाएंगे। हम सब मिलकर सशक्त भारत का निर्माण करेंगे। सभी नागरिकों को संविधान के प्रति सजग करेंगे और सबको समान रूप से जीने का अवसर प्रदान करेंगे। हमें अपने सामाजिक मुद्दों और अधिकारों बारे में जागरूक होना चाहिए ताकि आगे बढ़ने के लिए उन्हें हल किया जा सके।

हम सभी बड़े ही भाग्यशाली हैं जो आजाद भारत में पैदा हुए हैं। हमने गुलामी का दंश नही झेलाइसलिए उस दर्द से वाक़िफ नहीं है। 

आज की युवा पीढ़ी अपने आप में ही गुम है। जो कि ठीक नहीं है।

मैं अपने देश की भावी पीढी से आग्रह करूंगा कि वो अपने अंदर की शक्ति और क्षमता को पहचानें। वो चाहे तोकुछ भी कर सकता है। उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं। देश का भविष्य आप पर ही टिका है।

इन्हीं शुभेच्छा के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ

जय हिन्दजय भारत।

 

सर्वप्रथम आप सभी को गणतंत्र दिवस की ढेरों बधाई।

यहाँ उपस्थित आदरणीय प्रिंसिपल महोदय सभी अध्यापक-गण, उपस्थित अभिभावक एवं मेरे प्यारे बच्चों का मैं अभिनंदन करता हूँ। हम सब आज यहाँ अपना 76 वाँ गणतंत्र दिवस मनाने इकट्ठा हुए है। आज हमारे संविधान को अस्तित्व में आए 75 साल पूरे हो गए।

आज के इस पावन मौके पर, मैं उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा पूर्वक नमन करता हूँ वंदन करता हूँ, जिनके कारण हमें यह आजादी नसीब हुई है। साथ ही अपने सेना के महान सैनिकों को प्रणाम करता हूँ जो दिन-रात हमारे देश की रक्षा करते हैं। 

मुझे इस बात की अपार खुशी हो रही है कि आज के इस शुभ मौके पर अपनी बात रखने का मौका मिला। मैं दिल से सभी का आभार व्यक्त करता हूँ।


26 जनवरी 1950 को हमारा देश पूर्णतः स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ था। इस दिन भारत में संविधान लागू हुआ था। इससे पहले हमारे देश में भारत सरकार अधिनियम 1935  चलता था। संविधान ने भारत सरकार एक्ट का स्थान लिया था।

26 जनवरी 1950 से हमारे देश में एक नये युग का शंखनाद हुआ था। 26 जनवरी का इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में नाम अंकित है। इसी दिन 1930 में लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस की अध्यक्षता करते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर पूर्ण आजादी की घोषणा की थी। उन्होने कहा था, आज से हम स्वतंत्र हैं और देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हम अपने प्राणों को स्वतंत्रता की बलिवेदी पर होम कर देंगे। और हमारी स्वतंत्रता छीनने वाले शासकों को सात समंदर पार भेजकर ही सुख की सांस लेंगे।

चूंकि हमें 15 अगस्त 1947, को आजादी मिल गयी  थी। परंतु हमारा संविधान 1946 से ही बनना शुरू हो गया था, और इसे बनने में 2 साल, 11 महीनें और 18 दिनों का समय लगा। और अन्ततः 26 नवंबर 1949 को अपने पूर्ण स्वरूप में बनकर भारत के वासियों को सौंप दिया गया। और 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में संविधान लागू कर दिया गया। तभी से हर साल हम बड़े जोश और उत्साह के साथ 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।


राजधानी दिल्ली में तो गणतंत्र दिवस की रौनक देखने लायक होती है। महीनों पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है। बच्चे-बूढ़े, सभी को इस पर्व का इन्तजार रहता है। सभी स्कूल्स-कॉलेजों में इसकी धूम मची रहती है। सभी सरकारी और निजी संस्थानों में हमारा तिरंगा लहराता है।

सुबह 8 बजे के करीब हमारे राष्ट्रपति झंडा फहराते है। और झंडा फहरते ही पूरा देश एक स्वर में राष्ट्र-गान गाता है। इसके खत्म होते ही इस शुभ दिन का आगाज़ हो उठता है। ढेरों लोग इस क्षण का साक्षी बनने के लिए सुबह-सुबह ही राजपथ पर पहुँच जाते है। दिल्ली की सर्दी के बारे में तो हम सभी जानते है, ठंड की परवाह किये बगैर ही भारी तादात में जनता जमा होती है। यह पल हम सभी भारतीयों के लिए बहुत ही खास होता है।

कमांडर इन चीफ होने के नाते राष्ट्रपति जल, थल और वायु तीनों सेनाओं की सलामी लेते है। तत्पश्चात राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। फिर परेड की शुरूआत होती है, जिसमें जल, थल और वायु तीनों सेनाओं के सैनिकों की टुकड़ियां होती है। इन टुकड़ियों में बैंड ग्रुप भी होती है, जो बाजा बजाते हुए परेड करते है। एक के पीछे एक टुकड़ियां क्रमबध्द तरीके से चलती हैं। बैकग्राउंड में सभी ग्रुप के बारे में हिन्दी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में अनाउंसमेंट होती रहती है। उनके पीछे अलग-अलग स्कूल्स के ग्रुप भी चलते है। बड़ा ही अद्भुत नजारा होता है। इसके अलावा परेड में अलग-अलग राज्यों की झाँकी भी निकलती है।

यह दिल्ली के सभी बाज़ारो से होते हुए इंडिया गेट पर रूकता है, जहाँ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीअमर जवान ज्योति पर हमारे वीर जवानों को याद करते हुए पुष्प-माला अर्पित करते है। इस मौके पर राष्ट्रपति आए हुए अतिथियों को प्रीति-भोज भी कराते हैं।

यह पर्व हमारी एकता, सम्पन्नता और गौरव का प्रतीक है। जो आजादी हमें इतनी मुश्किलों से मिली है, उसे सहेज कर रखने की जरूरत है। हमें अपने देश की विकास-यात्रा का साथी बन उसे और भी समृध्द बनाना है। इन्ही शब्दों के साथ मैं अपनी बात को खत्म करने की इजाज़त चाहती हूँ।

जय हिन्द। जय भारत।


26 जनवरी 2024 गणतन्त्र दिवस के लिए भाषण 

हम सभी को भारतीय होने पर गर्व है। यहाँ उपस्थित गणमान्य अतिथियों हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक, मेरे साथी अध्यापक-गणों और मेरे प्यारे बच्चों को गणतंत्र दिवस की शुभकामना एवं बधाई। मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूँ जो आप पधारे और इस पर्व की शोभा बढ़ायी। हम सब आज यहाँ अपना 76वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे हैं।

मैं सबसे पहले स्वतंत्रता के उन सभी नायकों को श्रध्दांजलि देती हूँ, जिन्होने अपने जान की बाजी लगाकर हमें आजादी दिलाई।


मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि आज के इस पावन मौके पर मुझे दो शब्द कहने का मौका मिला। इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करता हूँ।

आज ही के दिन हमें हमारा संविधान मिला था, और एक प्रभुता-सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज देश बने थे। हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा और लिखित संविधान है। हमारा संविधान कई देशों के संविधानों का सार है, अर्थात विभिन्न देशो के संविधानों का अध्ययन करने के बाद काफी मेहनत और मशक्कत के पश्चात् संविधान का वर्तमान स्वरूप परिलक्षित हुआ है।

संविधान सभा का गठन और प्रथम बैठक दिसंबर 1946 को हुआ। भारतीय संविधान सभा में 299 लोग थे जिसकी अध्यक्षता डा. राजेन्द्र प्रसाद ने की। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 को संविधान पूरा कर लिया था और 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू कर दिया गया। भारतीय संविधान को पूरा होने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का टाइम लगा।

मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां थी। वर्तमान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 12 अनुसूचियां हो गयी हैं। हमारी सरकार संसदीय कार्य-व्यवस्था पर चलती है। जोकि एक संघीय प्रणाली है। संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है, लेकिन असली शक्ति प्रधान-मंत्री में निहित होती है। राष्ट्रपति की सलाह के लिए एक मंत्री-परिषद होती है।

आज के इस शुभ दिन पर मैं एक ही चीज कहना चाहूँगी कि इन 75 सालों में हमारे देश ने अपार तरक्की कर ली है। एशिया के मोस्ट डवलपिंग कंट्री में हम शुमार हैं। हमारे देश ने हर क्षेत्र में बेहद प्रगति की है।

इस वर्ष मंगल पर अपना यान भेजकर हमने यह सिद्ध किया है कि हम किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं। इस बात को दुनिया ने भी माना है।

हर साल की तरह इस साल भी हम अपना गणतंत्र दिवस मना रहे है, लेकिन जिस आजादी को पाने के हमारे आजादी के महानायकों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी, और हंसते-हंसते फांसी  पर चढ़ गये। ऐसे वीर जवानों की कुर्बानी को हम भूल गये हैं। जब भी 26 जनवरी या 15 अगस्त आता है, हमें हमारी आजादी, देश और कानून याद आ जाता है। बाकी दिन सब लोग सब कुछ भूल के बैंठे होते है। ये देश के लिए अच्छी बात नहीं है।

देशभक्ति की भावना ऐसी मौकापरस्त नहीं होनी चाहिए। मै, अक्सर देखती हूँ कि आज तो सभी बड़ी खुशी, जोश और सम्मान के साथ गणतंत्र दिवस मनाते हैं, झंडा फहराते हैं, राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान पर लंबा-चौड़ा भाषण देते है। सबको सीख देते हैं कि हमें देश के लिए ये करना चाहिए, वो करना चाहिए, लेकिन अगले ही दिन हमारा राष्ट्रीय ध्वज, जो हमारे देश के गौरव और प्रतिष्ठा का प्रतीक है, देश की गलियों और सड़कों पर गिरा पड़ा मिलता है। तब हमारी देशभक्ति कहाँ चली जाती है?

महात्मी गाँधी, सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद आदि हमारे अमर शहीदों ने, क्या इस दिन के लिए हमारी धरती माँ को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराया था, देश की आजादी को लेकर उन्होंने जो सपना देखा था, उसे हमें ही सिध्द करने हैं।

हम सभी बड़े ही भाग्यशाली हैं जो आजाद भारत में पैदा हुए हैं। हमने गुलामी का दंश नही झेलाइसलिए उस दर्द से वाक़िफ नहीं है। 

आज की युवा पीढ़ी अपने आप में ही गुम है। जो कि ठीक नहीं है।

मैं अपने देश की भावी पीढी से आग्रह करूंगा कि वो अपने अंदर की शक्ति और क्षमता को पहचानें। वो चाहे तोकुछ भी कर सकता है। उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं। देश का भविष्य आप पर ही टिका है।

इन्हीं शुभेच्छा के साथ मैं आपसे विदा लेती हूँ।

जय हिन्दजय भारत।


26 जनवरी 2024 गणतन्त्र दिवस के लिए भाषण 

भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और तब से हम सब इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। जब हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ तो उस समय भारत के पास अपना कोई संविधान नहीं था लेकिन बाद में डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया और भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया गया।

रिपब्लिक डे यानि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। राजपथ (कर्तव्यपथ) पर गणतंत्र दिवस की झांकी निकाली जाती है। 26 जनवरी की रैली में भारतीय सेना के जवान अपना अपना शौर्य व पराक्रम दिखाते हैं। स्कूलों में रिपब्लिक डे स्पीच का आयोजन किया जाता है।


26 जनवरी 2024 गणतन्त्र दिवस के लिए भाषण 

जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और तब से हम सब इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। जब हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ तो उस समय भारत के पास अपना कोई संविधान नहीं था, लेकिन बाद में काफी विचार-विमर्श के बाद डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया और भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया गया। भारतीय संविधान के इस मसौदे को विधान परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया और 26 नवंबर 1949 में इसे अपनाया गया, लेकिन 26 जनवरी 1950 में इसे प्रभावी रूप से लागू किया गया।

आज हम सब यहां इस स्पेशल दिन को मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, जो हमें मजबूत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने साहस और प्रेरणा देता है। यह दिन हमें भारत गणराज्य की स्थापना की याद दिलाता है। इस दिन हम उन महापुरुषों को भी याद करते हैं, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाने और भारतीय संविधान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी बदौलत ही भारत आज एक गणराज्य देश कहलाता है। 

हमारे महान भारतीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री आदि ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।


इस वर्ष हम 76वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और केवल जनता को ही देश को सही दिशा में ले जाने के लिए अपने प्रतिनिधियों को राजनीतिक नेता के रूप में चुनने का अधिकार है। भारतीय संविधान की शक्तियों के कारण ही हम देश में अपने पसंद का प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं को चुन सकते हैं। हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत में "पूर्ण स्वराज" के लिए 200 वर्षों से भी अधिक समय तक संघर्ष किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां किसी की गुलाम बनकर न रहे और स्वतंत्र रूप से अपने अधिकारों का निर्वहन कर सके।

हम सबको यह प्रतिज्ञा करनी होगी कि हमें भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाना होगा। भारत देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाएंगे। हम सब मिलकर सशक्त भारत का निर्माण करेंगे। सभी नागरिकों को संविधान के प्रति सजग करेंगे और सबको समान रूप से जीने का अवसर प्रदान करेंगे। हमें अपने सामाजिक मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, असमानता आदि के बारे में जागरूक होना चाहिए ताकि आगे बढ़ने के लिए उन्हें हल किया जा सके।

धन्यवाद

जय हिंद!

जय भारत...