टचस्क्रीन कैसे काम करता है ?
टचस्क्रीन कैसे काम करता है ?
- टचस्क्रीन एक डिवाइस है
जो किसी प्रकार का इनपुट प्राप्त करने (जैसे– किसी एप पर टैप
किये जाने के माध्यम से) और आउटपुट प्रदर्शित करने (एप को शुरू करने के रूप में)
के संयोजन का कार्य करता है।
- टचस्क्रीन
सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं– कैपेसिटिव और रेसिस्टिव।
- कैपेसिटिव टचस्क्रीन का
उपयोग अधिकांशतः स्मार्टफोन और टैबलेट में किया जाता है। जब हम उंगली से स्क्रीन
को छूते हैं तब यह मानव शरीर के विद्युत गुणों को महसूस करते हुए प्रतिक्रिया देकर
कार्य करता है।
- इस प्रकार की टचस्क्रीन
में कैपेसिटर के ग्रिड की एक सतह होती है। कैपेसिटर विद्युत आवेशों को संग्रहीत
करता है तथा उंगली से स्क्रीन को छुए जाने के बाद इसमें लगे सेंसर किसी भी प्रकार
की डिसटाॅशन का पता लगाते हैं और स्पर्श/टच स्थान निर्धारित करने के लिये जानकारी
एकत्रित करते हैं।
- रेसिस्टिव टचस्क्रीन दबाव
के प्रति संवेदनशील होते हैं और स्क्रीन पर लागू दबाव को महसूस करके कार्य करते
हैं।
- रेसिस्टिव टचस्क्रीन का
निर्माण किफायती होता है और इसे संचालित करने के लिये कम विद्युत की आवश्यकता होती
है।
- रेसिस्टिव टचस्क्रीन
प्रतिरोध का उपयोग करती है। यानी इसमें विद्युतचालक की दो शीट/परतें होती हैं, इनके बीच काफी कम
दूरी होती है। जब हम उंगली से उस एक शीट/परत को छूते हैं, तब यह नीचे के
शीट/परत के स्पर्श में आती है जिससे वहाँ विद्युतधारा/करंट का प्रवाह हो जाता है।