अग्नाशय से निकलने वाले प्रमुख हार्मोन्स
- अग्नाशय एक संयुक्त ग्रंथि है जो अंत: स्रावी और बहिःस्रावी दोनों के रूप में कार्य करती है ।
- अंत: स्रावी अग्नाशय 'लैंगरहँस द्वीपों' से निर्मित होता है। साधारण मनुष्य के अग्नाशय में लगभग 10 से 20 लाख लैंगरहँस द्वीप होते हैं जो अग्नाशयी ऊतकों का 1 से 2 प्रतिशत होता है।
- प्रत्येक लैंगरहैंस द्वीप में मुख्य रूप से दो प्रकार की कोशिकाएं होती हैं जिन्हें વ और β कोशिकाएं कहते हैं। વ कोशिकाएं का ग्लूकगॉन तथा β कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन का स्त्राव करती हैं।
- ग्लूकागॉन एक पेप्टाइड हार्मोन है जो सामान्य रक्त शर्करा स्तर के नियमन में मुख्य भूमिका निभाता है।
- ग्लूकागॉन मुख्य रूप से यकृत कोशिकाओं पर कार्य कर ग्लाइकोजेन अपघटन को प्रेरित करता है जिसके फलस्वरूप रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त पेट ग्लूकोनियोजिनेसिस की प्रक्रिया को भी प्रेरित करता है जिससे कि हाइपरग्लाइसिमिया (अति ग्लूकोज रक्तता) होती है।
- ग्लूकागॉन कोशिकीय शर्करा के अभिग्रहण और उपयोग को कम करता है। अतः ग्लूकोगॉन हाइपरग्लाइसिमिक हार्मोन है।
- इंसुलिन भी एक प्रोटीन हार्मोन है जो ग्लूकोज समस्थापन के नियमन में मुख्य भूमिका निभाता है। इंसुलिन मुख्यतः हिपेटोसाइट और एडीपोसाइट पर कार्य करता है और कोशिकीय ग्लूकोज अभिग्रहण और उपयोग को बढ़ाता है। इसके फलस्वरूप ग्लूकोज तीव्रता से रक्त हिपेटोसाइट और एडीपोसाइट में जाता है और तथा रक्त शर्करा का स्तर कम (हाइपोग्लासीमिया) हो जाता है।
- इंसुलिन लक्ष्य कोशिकाओं में ग्लूकोज से ग्लाइकोजेन बनने की प्रक्रिया को भी प्रेरित करता है। रक्त में ग्लूकोज समस्थापन का नियमन सम्मिलित रूप से दो हार्मोन इंसुलिन और ग्लूकागॉन द्वारा होता है।
- लंबी अवधि तक हाइपरग्लाइसीमिया (अति ग्लूकोज रक्तता) होने पर डायबिटीज मेलीटस (मधुमेह) बीमारी हो जाती है जो मूत्र के साथ शर्करा का हास और हानिकारक पदार्थों जैसे कीटोन बॉडीज के निर्माण से जुड़ी है। मधुमेह के मरीजों का इंसुलिन द्वारा सफलतापूर्वक उपचार किया जा सकता है।