वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल :सीएम राइज स्कूल
प्रदेश में 275 सीएम राइज
स्कूल संचालितआगामी 10 वर्षों में
9,200 सीएम राइज स्कूल शुरू करने का कार्यक्रम
वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल :सीएम राइज स्कूल
प्रदेश में सरकारी
स्कूलों में सर्व-सुविधायुक्त वातावरण के साथ विद्यार्थियों को रोचक एवं आनंददायक
शिक्षा देने के लिये सीएम राइज स्कूल की स्थापना की गई है। पहले चरण में 275 सीएम
राइज स्कूल प्रारंभ किये जा चुके हैं। आने वाले 10 वर्षों में प्रदेश में 9,200
सीएम राइज स्कूल शुरू करने का कार्यक्रम तय किया गया है।
सीएम राइज स्कूल में
के.जी. से कक्षा 12वीं तक के संचालन की व्यवस्था के साथ अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण
की व्यवस्था की गई है। राज्य में 269 सीएम राइज स्कूलों के नवीन भवन निर्माण के
लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने 9 हजार 500 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी भी दी है। इन
स्कूलों में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिये डिजिटल कक्षा, पूर्ण रूप से
सुसज्जित प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय, कला, नृत्य, संगीत एवं योग
शिक्षण की व्यवस्था भी की गई है।
स्कूलों में परिवहन की व्यवस्था
सीएम राइज स्कूलों में
दूर से आने वाले विद्यार्थियों को सुविधा देने के मकसद से परिवहन की व्यवस्था भी
की जा रही है। इससे स्कूल के आसपास के क्षेत्रों के विद्यार्थियों को
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। सीएम राइज स्कूल में बेहतर नेतृत्व प्रदान करने
की दृष्टि से इन स्कूलों के प्राचार्यों को भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर में
प्रशिक्षण दिलाया गया है। इसके साथ ही प्राचार्यों को राष्ट्रीय स्तर के
ख्याति-प्राप्त विद्यालयों में एक्सपोजर विजिट कराया गया है।
योजना का द्वितीय चरण
सीएम राइज योजना के दूसरे
चरण में 5,986 स्कूलों का चयन किया गया है। इनमें से 258 स्कूलों को दूसरे चरण में
संचालित करने की स्कूल शिक्षा विभाग ने स्वीकृति जारी की है।
प्राचार्य हेण्ड-बुक
प्रदेश में सीएम राइज स्कूलों में शैक्षणिक एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं को विश्व-मानकों के अनुरूप पूरा करने की दृष्टि से प्राचार्य और शिक्षकों के लिये अलग-अलग हेण्ड-बुक तैयार की गई हैं। विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति के लिये सीएम राइज स्कूलों के लिये छात्र डायरी तैयार की गई है। छात्रों के चिंतन एवं प्रभावी शिक्षण के लिये आवश्यक टूल्स को डायरी के पृष्ठों में शामिल किया गया है। इसके जरिये छात्रों की रचनात्मक गतिविधियों एवं शैक्षणिक प्रगति से पालकों को निरंतर अवगत कराया जाता रहेगा।