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गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024

हार्मोन क्या होते हैं महवपूर्ण जानकारी | Hormones GK in Hindi

 हार्मोन क्या होते हैं महवपूर्ण जानकारी

Hormones GK in Hindi



हार्मोन क्या होते हैं महवपूर्ण जानकारी

  • कुछ विशेष प्रकार के रसायन हार्मोन की तरह कार्य कर मानव शरीर में रासायनिक समन्वय, एकीकरण और नियमन प्रदान करते हैं। ये हार्मोन कुछ विशेष कोशिकाओं अंत:स्त्रावी ग्रंथियों तथा हमारे अंगों की वृद्धि उपापचय एवं विकास को नियमित करते हैं।
  • अंत: स्रावी तंत्र का निर्माण हाइपोथैलेमस, पीयूष, पीनियल, थायरॉइड, अधिवृक्क, अग्नाशय, पैराथायरॉइड, थाइमस और जनन (वृषण एवं अंडाशय) द्वारा होता है। इनके साथ ही कुछ अन्य अंग जैसे जठर आंत्रीय पथ, वृक्क हाइपोथैलेमस, हृदय आदि भी हार्मोन का उत्पादन करते हैं। हाइपोथैलेमस द्वारा 7 मुक्तकारी हार्मोन और 3 निरोधी हार्मोन का उत्पादन होता है जो पीयूष ग्रंथि पर कार्य कर उससे उत्सर्जित होने वाले हार्मोन के संश्लेषण और स्रवण का नियंत्रण करते हैं। पीयूष ग्रंथि तीन मुख्य भागों में विभक्त होती है- पार्स डिस्टेलिस, पार्स इंटरमीडिया, पार्स नर्वोसा। पार्स डिस्टेलिस द्वारा 6 ट्रॉफिक हार्मोन का स्रवण होता है। पार्स इंटरमीडिया केवल एक हार्मोन का स्राव करता है, जबकि पार्स नर्वोसा दो हार्मोन का स्राव करता है। पीयूष ग्रंथि से स्रवित हार्मोन कायिक ऊतकों की वृद्धि, परिवर्धन एवं परिधीय अंत: स्त्रावी ग्रंथियों की क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।
  • पिनियल ग्रंथि मेलाटोनिन का स्त्राव करती है जो कि हमारे शरीर की 24 घंटे की लय को नियंत्रित करता है, (जैसे कि सोने व जागने की लय, शरीर का तापक्रम आदि)। थाइरॉइड ग्रंथि से स्रवित होने वाले हार्मोन थाइरॉक्सीन आधारीय उपापचयी दर, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के परिवर्धन और परिपक्वन, रक्ताणु उत्पत्ति कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा के उपापचय, मासिक चक्र आदि का नियंत्रण करता है।
  • अन्य थायरॉइड हार्मोन थाइरोकैल्स्टिोनिन हमारे रक्त में कैल्सियम की मात्रा को कम करके उसका नियंत्रण करता है। पैराथायरॉइड ग्रंथियों द्वारा स्रवित पैराथायरॉइड हार्मोन (PTH) Ca2+ के स्तर को बढ़ाकर, Ca2+ के समस्थापन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • थाइमस ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित थाइमोसिन हार्मोन टी-लिम्फोसाइट्स के विभेदीकरण में मुख्य भूमिका निभाता है, जो कोशिका केंद्रित असंक्राम्यता (प्रतिरक्षा) प्रदान करते हैं। साथ ही थाइमोसिन एंटीबॉडी का उत्पादन भी बढ़ाते हैं जो शरीर को तरल असंक्राम्यता (प्रतिरक्षा) प्रदान करते हैं। अधिवृक्क ग्रंथि मध्य में उपस्थित अधिवृक्क मध्यांश और बाहरी अधिवृक्क वल्कुट की बनी होती है।
  • अधिवृक्क मध्यांश एपीनेफ्रीन और नॉरएपीनेफ्रीन हार्मोन का स्त्राव करता है।
  • ये हार्मोन सतर्कता, पुतलियों का फैलना, रोंगटे खड़े करना, पसीना आना, हृदय की धड़कन, हृदय संकुचन की क्षमता, श्वसन की दर, ग्लाइकोजेन अपघटन वसा अपघटन को बढ़ाते हैं। अधिवृक्क वल्कुट ग्लूकोकॉर्टिकाइड्स (कॉर्टिसॉन) और मिनरेलोकॉर्टिकाइड्स (एल्डोस्टीरॉन) का स्त्राव करता है। ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स ग्लाइकोजन संश्लेषण, ग्लूकोनियोजिनेसिस, वसा अपघटन, प्रोटीन अपघटन, रक्ताणु उत्पत्ति, रक्त दाब और ग्लोमेरूलर निस्पंदन को बढ़ाते हैं तथा प्रतिरोधक क्षमता को दबा कर शोथ प्रतिक्रियाओं को रोकता है। खनिज कोर्टिकॉइडस शरीर में जल एवं वैद्युत अपघट्यों का नियमन करते हैं।
  • अंत: स्रावी अग्नाशय ग्लूकागॉन एवं इंसुलिन हार्मोन का स्त्राव करता है। ग्लूकागॉन कोशिका में ग्लाइकीजेनोलिसिस तथा ग्लूकोनियोजेनेसिस को प्रेरित करता है, जिससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। इसे हाइपरग्लासीमिया (अति ग्लूकोज रक्तता) कहते हैं। इंसुलिन शर्करा के अभिग्रहण और उपयोग को प्रेरित करती है और ग्लाइकोजिनेसिस के फलस्वरूप हाइपोग्लासिमिया हो जाता है। इंसुलिन की कमी से डायबिटीज मेलीटस (मधुमेह) नामक रोग हो जाता है।
  • वृषण एंड्रोजन हार्मोन का स्त्राव करता है जो नर के आवश्यक लैंगिक अंगों के परिवर्धन, परिपक्वन और क्रियाओं को, द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का प्रकट होना, शुक्राणु जनन, नर लैंगिक व्यवहार, उपचयी पथक्रम और रक्ताणु उत्पत्ति को प्रेरित करता है।
  • अंडाशय द्वारा एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन का स्त्राव होता है। एस्ट्रोजेन स्त्रियों में आवश्यक लैंगिक अंगों की वृद्धि व परिवर्धन और द्वितीयक लैंगिक लक्षणों के प्रकट होने को प्रेरित करता है। प्रोजेस्टेरॉन गर्भावस्था की देखभाल के साथ ही दुग्ध ग्रंथियों के परिवर्धन और दुग्धस्राव को बढ़ाता है।
  • हृदय की अलिंद भित्ति एंट्रियल नेट्रियूरेटिक कारक का उत्पादन करता है, जो रक्त दाब कम करता है। वृक्क में एरीथ्रोपोइटिन का उत्पादन होता है जो रक्ताणु उत्पत्ति को प्रेरित करता है। जठर आंत्रीय पथ के द्वारा गैस्ट्रिन सेक्रेटिन, कोलीसिस्टोकाइनिन-पैंक्रियोजाइमिन और जठर अवरोधी पेप्टाइड का स्त्राव होता है। ये हार्मोन पाचक रसों के स्त्राव और पाचन में सहायता करते हैं।